Pitru Paksha 2022: सौभाग्वती पितरों का ऐसे करें श्राद्ध
नई दिल्ली, 20 सितंबर। परिवार में यदि किसी सौभाग्यवती स्त्री की मृत्यु हुई है तो उनका श्राद्ध पितृपक्ष की नवमी के दिन किया जाता है। पितृपक्ष की नवमी 19 नवंबर 2022 को थी। इस दिन एकोदिष्ट और पार्वण दोनों प्रकार का श्राद्ध किया जा सकता है। सौभाग्वती पितरों के निमित्त पिंडदान, तर्पण, जलांजलि, ब्राह्मण भोजन, सौभाग्यवती स्त्री को भोजन करवाकर आशीर्वाद प्राप्त करें। लेकिन किसी कारणवश आप ऐसा नहीं कर पाए हैं तो इस दिन को आप अमावस्या से पहले कभी भी कर सकते हैं।
दो प्रकार के श्राद्ध
सौभाग्यवती स्ति्रयों का दो प्रकार से श्राद्ध किया जा सकता है। एकोदिष्ट श्राद्ध में किसी एक स्त्री के लिए एक पिंडदान, एक स्त्री को भोजन करवाया जाता है। जबकि पार्वण श्राद्ध में मृत माता, दादी, परदादी, नानी, परनानी आदि का श्राद्ध किया जाता है।
क्या करें
सौभाग्यवती स्वजन की मृत्यु होने पर उनके निमित्त नवमी के दिन श्राद्ध किया जाता है। उनकी मृत्यु तिथि पर पंडित को बुलाकर विधि विधान से श्राद्ध क्रिया संपन्न कराएं। मृत सौभाग्यवती स्त्री के निमित्त एक या तीन ब्राह्मण सौभाग्यवती स्ति्रयों को भोजन कराएं। उचित दान-दक्षिणा देकर संतुष्ट करें और आशीर्वाद प्राप्त करें।
सौभाग्यवती के श्राद्ध से लाभ
- पितृ प्रसन्न होकर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।
- कुल में वृद्धि होती है।
- परिवार में सभी निरोगी रहते हैं।
- पितृ दोष समाप्त होता है।
- परिवार में किसी की अकारण हानि नहीं होती है।
- धन संपत्ति में वृद्धि होती है।
Shardiya Navratri 2022 : घटस्थापना के साथ 26 सितंबर से प्रारंभ होगी शारदीय नवरात्रि, जानिए मुहूर्त