क्विक अलर्ट के लिए
For Daily Alerts
Religion: माला से कब और कैसे करें जाप, जानिए क्या है इसका महत्व?
लखनऊ।
मन्त्र
गणना
की
निश्चित
संख्या
में
जपने
का
सर्वश्रेष्ठ
साधन
माला
है।
पृथ्क-पृथ्क
तरीके
से
भी
लोग
मन्त्र
जाप
करते
हैं।
कुछ
उंगलियों
के
पोर
से
चावल
आदि
से
भी
गणना
करते
हैं
किन्तु
माला
से
जाप
का
पूर्णतया
वैज्ञानिक
आधार
है,
ये
पूर्ण
शुद्ध
सात्विक
है।
भिन्न-भिन्न
प्रयोजनार्थ
पृथ्क-पृथ्क
माला
का
विधान
है।
तदनुसार
ही
जाप
का
पूर्ण
फल
होता
है।प्रत्येक
श्वांस
के
साथ
एक
मन्त्र
जाप
श्रेष्ठ
कहलाता
है।
माला
धारण
करने
से
या
पूजन
करने
से
मन
सात्विक
चर्म,
अस्थि,
रक्त,
प्रवाह,
वात
संस्थान
व
संवेगों
का
प्रसार
होता
है।
आयुर्वेद
व
एक्यूप्रेशर
में
माला
जाप
श्रेष्ठ
है।
माला
सदैव
गौमुखी
में
ही
जपें।
मालाओं
के
विषय
में
आप
सभी
बहुत
कुछ
जानते
है,
अतः
हम
जप
के
प्रकार
और
माला
की
उपयोगिता
पर
चर्चा
करते
है।
जाप
तीन
प्रकार
के
होते
है-
- वाचिक
- उपांशु
- मानसिक
उपांशु जाप
- जिस जाप में मन्त्र का उच्चारण दूसरे व्यक्ति को सुनाई देने पड़ने लगे उसे वाचिक जाप कहते है।
- इस प्रकार से मन्त्र का जाप करना कि न स्वयं को सुनाई दे और न दूसरों को सुनाई दे, उसे उपांशु जाप कहते है।
- जिसमें जीभ, दाॅत तथा होंठ न हिले, केवल मन में चिन्तन किया जाए तो उसे मानसिक जाप कहते हैं। मानसिक जाप का विशेष अभ्यास हो जाने पर इसे ही अजपा जाप के नाम से ऋषियों ने सम्भोधित किया है।
- अभिचार {मारण} प्रयोग में वाचिक जाप करें अर्थात मंन्त्रों का उच्च स्वर से उच्चारण करें, शान्ति एवं पुष्टि के कर्म में उपांशु अर्थात दूसरे को सुनाई न पड़े। मोक्ष व ज्ञान प्राप्ति के निमित्त मानसिक जाप करें।
- शान्ति और पुष्टि कर्म करने के लिए 27 दानों वाली माला का प्रयोग करना चाहिए।
- किसी को वश में करना हो उसके लिए जाप करना हो तो 15 दानों वाली माला का उपयोग करें।
- किसी को मोहना हो तो 10 दानों वाली माला का उपयोग करें।
- उच्चाटन करने के लिए 29 दानों वाली माला का प्रयोग करें।
- विद्वेषण करने के 21 दानों वाली माला का उपयोग करें।
- यदि स्तम्भन करना हो तो 15 दानों वाली माला का उपयोग करें।
- शान्ति व पुष्टि कर्म करने के लिए माला का उपयोग कर रहें है तो उस माला को कमल की डोरी के सूत्र पिरोंयें।
- आकर्षण एवं उच्चाटन में घोड़े की पूॅछ में माला के दानों को पिरोंये।
- मारण करने के लिए जिस माला का प्रयोग करें, उसके दानें शव की नसों या पशुओं के शव की नसों में पिरोंयें हो।
- सामान्य में रूई के धागे से बनी डोरी का सूत्र लगायें।
- कौन सी अॅगुली से माला का जाप करें-
- किसी को आकर्षित करना हो तो अनामिका और अॅगूठे से जाप करना चाहिए।
- मारण क्रिया करने में कनिष्ठका और अॅगूठे के द्वारा माला फेरना चाहिए।
माला के दानों की संख्या
आकर्षण एवं उच्चाटन
Comments
English summary
A Japamala or mala is a string of prayer beads commonly used by Hindus, Buddhists, Jains and some Sikhs for the spiritual practice known in Sanskrit as japa. It is usually made from 108 beads, though other numbers are also used.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें