Diwali 2019: एक ही दिन मनाई जाएगी रूप चतुर्दशी और दीपावली
नई दिल्ली। इस वर्ष रूप चतुर्दशी और दीपावली एक ही दिन मनाई जाएगी। तिथियों की इस विचित्र स्थिति के कारण यह योग बना है। इसके साथ ही कई विशेष संयोग भी बन रहे हैं जो पर्व के महत्व को कई गुना बढ़ा देंगे। इस बार 27 अक्टूबर को सुबह उदयकाल में चतुर्दशी तिथि होने से रूप चतुर्दशी पर अभ्यंग स्नान से सौंदर्य निखारा जाएगा, जबकि शाम को प्रदोषकाल में कार्तिक अमावस्या होने से महालक्ष्मी पूजन भी इसी दिन होगा। इसके साथ ही दीपावली के अगले दिन 28 अक्टूबर को सूर्योदय के समय अमावस्या तिथि होने से सोमवती अमावस्या का संयोग बनेगा। जिसमें जप-तप, दान-पुण्य, पवित्र नदियों में स्नानादि किया जा सकेगा।
हर दिन शुभ संयोग
इस वर्ष पांच दिवसीय दीपोत्सव की शुरुआत 25 अक्टूबर को धनतेरस के साथ हो रही है। धनतेरस के दिन ब्रह्म और ऐंद्र योग रहेगा। इसी तरह 26 को हस्त नक्षत्र रहेगा। महालक्ष्मी पूजन के दिन 27 अक्टूबर को चित्रा नक्षत्र रहेगा। इस बार कार्तिक शुक्ल की प्रतिपदा तिथि किसी भी दिन सूर्योदय को स्पर्श नहीं करने के कारण इस तिथि का क्षय हो रहा है। भाई दूज पर 29 अक्टूबर को सौभाग्य और आयुष्मान जैसे मंगलकारी योग रहेंगे।
यह पढ़ें: धनतेरस और दीपावली पर इस तरह कीजिए विष्णु शंख की पूजा
खास है संयोग
- धनतरेस पर योग : 25 अक्टूबर शुक्रवार को धनतेरस पर भगवान धनवंतरी के साथ लक्ष्मी-कुबेर का पूजन भी होगा। इस दिन त्रयोदशी तिथि शाम 7.08 मिनट पर लगेगी जो अगले दिन दोपहर 3.46 बजे तक रहेगी। प्रदोषकाल में त्रयोदशी तिथि 25 अक्टूबर को होने से इस दिन मनाना शास्त्र सम्मत है। इस दिन सुबह 9.51 बजे तक ब्रह्मयोग और फिर ऐंद्र योग लगेगा।
- रूप चतुर्दशी पर योग : इस बार रूप चतुर्दशी का अभ्यंग स्नान और दीपदान अलग-अलग दिन होगा। चतुर्दशी 26 अक्टूबर को दोपहर 3.47 बजे लगेगी जो अगले दिन दोपहर 12.47 बजे तक रहेगी। 26 अक्टूबर को रात 8.27 बजे से हस्त नक्षत्र लगेगा जो अगले दिन शाम 5.48 बजे तक रहेगा। रूप चतुर्दशी पर अभ्यंग स्नान का महत्व सूर्योदय से पहले है। इसलिए यह लक्ष्मी पूजन वाले दिन 27 को सुबह होगा जबकि दीप दान प्रदोष वेला में किया जाता है इसलिए दीपदान 26 को किया जाएगा।
- महालक्ष्मी पूजन पर विशेष योग : महालक्ष्मी पूजन 27 अक्टूबर को होगा। इस दिन अमावस्या तिथि दोपहर 12.23 से 28 अक्टूबर को सुबह 9.08 बजे तक रहेगी। इस दिन शाम को 5.48 बजे तक हस्त नक्षत्र और इसके बाद चित्रा नक्षत्र लगेगा। इस बार महालक्ष्मी का पूजन हस्त और चित्रा नक्षत्र के मंगलकारी संयोग में बनेगा। इस अवसर पर लोग दीपदान करेंगे।
गिरिराज और गो-धन के पूजन
प्रतिपदा तिथि का क्षय, सोमवती अमावस्या : गिरिराज और गो-धन के पूजन का पर्व 28 अक्टूबर सोमवार को मनाया जाएगा। इसके पीछे कारण कार्तिक शुक्ल की प्रतिपदा तिथि का क्षय होना है। प्रतिपदा तिथि किसी भी दिन सूर्योदय को स्पर्श नहीं कर रही है। अमावस्या तिथि इस दिन सुबह 9.08 बजे तक रहेगी। इसके बाद सुबह 9.09 बजे से 29 को सुबह 6.12 बजे तक प्रतिपदा रहेगी। इस दिन उदयकाल में कार्तिक अमावस्या होने से सोमवती अमावस्या का संयोग रहेगा।
भाईदूज
पर
आयुष्मान
योग
:
भाईदूज
29
अक्टूबर
मंगलवार
को
मनाई
जाएगी।
इस
दिन
द्वितीया
तिथि
सुबह
6.13
से
30
अक्टूबर
को
तड़के
3.47
बजे
तक
रहेगी।
इस
दिन
बहनों
को
सौभाग्य
प्रदान
के
लिए
सौभाग्य
और
भाई
को
लंबी
उम्र
देने
वाला
आयुष्मान
योग
भी
रहेगा।
आयुष्मान
योग
दोपहर
3.02
बजे
तक
और
इसके
बाद
सौभाग्य
योग
लगेगा।
यह पढ़ें:Diwali 2019: मुगल काल में भी मनाई जाती थी दिवाली, किताबों में हैं जिक्र