उपराष्ट्रपति नायडू बोले अंग्रेजी में कम, अपनी मातृभाषा में ज्यादा बोलिए
नई दिल्लीः बात जब अपनी भाषा की आती है तो उसकी बात ही कुछ और है। 19 सितम्बर के दिन जब देश के उपराष्ट्रपति ने कहा कि भाषा अम्मा या अम्मी दिल से बोला जाता है जबकि मॉमी होठों से। एक समारोह में बोलते हुए उन्होंने कहा कि लोगों से अपनी मातृभाषा में बोलना चाहिए।
मंगलवार को मशहूर संगीतग्य एम एस सुबुलक्ष्मी की जन्मशती के मौके पर लोगों को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति नायडू ने कहा कि अपनी भाषा को मत भूलिए। साथ ही उन्होंने कहा कि जब भी किसी विदेशी से बात करनी हो तो अंग्रेजी में बात करना अच्छा है।
समारोह में बोलते हुए उन्होंने कहा, ''अब हम अपनी मां को अंग्रेजी में मॉमी या पिता को डैडी बुलाते हैं, लेकिन मां के लिए अम्मा कहना कितना सुंदर लगता है, जो हमारे दिल से आता है या उर्दू में अम्मी कहना दिल से कहा हुआ लगता है, जबकि मॉमी में अपनापन नहीं झालकता। इसलिए हिंदी, संस्कृत, उर्दू हो या तेलुगु, हमें हमेशा अपनी मातृभाषा में बात करना चाहिए।''
साथ ही उन्होंने कहा कि राष्ट्रभाषा हिन्दी को सीखना आवश्यक है क्योंकि देश में अधिकतर लोग इसी भाषा में बात करते हैं।