Uttarakhand glacier burst: क्या है 'ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट', जिसे भयंकर बाढ़ ने कर दिया बर्बाद?
Uttarakhand glacier burst: What is Rishi Ganga Tapovan Hydro Power Project?:उत्तराखंड के जोशीमठ के धौली गंगा घाटी में एक ग्लेशियर के टूटने से भयंकर तबाही मच गई है। ग्लेशियर टूटने से बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है। सेना, वायुसेना, एनडीआरएफ, आईटीबीपी और एसडीआरएफ की टीमें स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर राहत और बचाव का कार्य में जुटी हैं तो वहीं 100-150 लोगों के हताहत होने की आशंका है। अबतक 10 लोगों के शव बरामद हो चुके हैं तो वहीं इस त्रासदी के कारण बहुत बड़ा नुकसान ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट को हुआ है, इस त्रासदी ने इस पूरे प्रोजेक्ट को पूरी तरह से तहस-नहस कर दिया है।
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दरअसल उत्तराखंड के चमोली जिले में बिजली उत्पादन की एक परियोजना चल रही है, जिसका नाम ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट है। खास बात ये है कि ये प्रोजेक्ट सरकारी नहीं बल्कि प्राइवेट है, जिस पर पिछले 10 साल से काम हो रहा है। इसको लेकर काफी विवाद भी था लेकिन फिर भी यहां पर बिजली उत्पादन का काम शुरू हो गया।
63520 एमडब्ल्यूएच बिजली बनाने का टारगेट
इस प्रोजेक्ट के तहत 63520 एमडब्ल्यूएच बिजली बनाने का टारगेट है।। मालूम हो कि ऋषि गंगा नदी, धौली गंगा घाटी से जाकर मिलती है और इसलिए ही आज जब ग्लेशियर फटा तो ऋषि गंगा नदी का भी लेवल बढ़ गया और अचानक आई बाढ़ के शिकार ऋषि गंगा नदी परियोजना के मजदूर हो गए।
'दुख की इस घड़ी में पूरा देश उत्तराखंड के लोगों के साथ है'
आपको बता दें कि उत्तरखंड की त्रासदी पर खास से लेकर आम लोगों ने दुख प्रकट किया है। पीएम मोदी ने कहा कि है दुख की इस घड़ी में पूरा देश उत्तराखंड के लोगों के साथ है और उनके लिए दुआएं कर रहा है तो वहीं गृहमंत्री अमित शाह ने भी राज्य को भरोसा दिलाया है कि वो हर तरह से राज्य सरकार की मदद को तैयार है तो वहीं बीजेपी चीफ जेपी नड्डा ने उत्तराखंड के मुखिया त्रिवेंद्र सिंह रावत बात की और बीजेपी कार्यकर्ताओं को प्रोटोकॉल का पालन करते हुए बचाव कार्य में मदद करने की अपील की। गौरतलब है कि आज सुबह जोशीमठ से करीब 25 किलोमीटर दूर पैंग गांव के ऊपर ग्लेशियर फटा, जिसके चलते धौली नदी में बाढ़ आ गई और फिर पानी को जो भयंकर सैलाब उमड़ा उसे शब्दों में व्यक्त कर पाना बहुत मुश्किल है।