इन 10 तस्वीरों में देखिए तबाही का खौफनाक मंजर, उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने से आई त्रासदी
इन 10 तस्वीरों में देखिए तबाही का खौफनाक मंजर, उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने से आई त्रासदी
Uttarakhand Glacier Burst Photos Update news: उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ में रविवार (07 फरवरी) को नंदादेवी ग्लेशियर का एक हिस्सा फटने से धौली गंगा नदी में विकराल बाढ़ आई। जिसे बाद इन इलाकों में हिस्सों में बड़े पैमाने पर तबाही हुई है। हादसे में अबतक 14 लोगों की मौत हो चुकी है। ग्लेशियर के टूटने से इलाके में पॉवर प्रोजेक्ट को भारी नुकसान पहुंचा है। हादसे में ऋषिगंगा पॉवर प्रोजेक्ट पर काम कर रहे लगभग 170 मजदूर अब भी लापता हैं। वहीं 16 लोगों को राहत बचाव टीम ने सुरंग से निकाल लिया है। बचाव और राहत कार्य में भारतीय थलसेना, वायुसेना सहित NDRF, SDRF, ITBP के जवान लगे हुए हैं।
Recommended Video
टनल में फंसे लोगों के लिए राहत और बचाव कार्य जारी
चमोली पुलिस ने ताजा अपडेट देते हुए कहा है कि टनल में फंसे लोगों के लिए राहत एवं बचाव कार्य जारी। जेसीबी की मदद से टनल के अंदर पहुंच कर रास्ता खोलने का प्रयास किया जा रहा है। अब तक कुल 15 व्यक्तियों को रेस्क्यू किया गया है और 14 शव अलग-अलग स्थानों से बरामद किए गए हैं।
उत्तराखंड के DGP मौके पर मौजूद
चमोली पुलिस ने जानकारी दी है कि राज्य के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार सोमवार (08 फरवरी) को मौके पर मौजूद हैं। वो खुद राहत एवं बचाव कार्य की मोनिटरिंग कर रहे हैं। मीडिया से बात करते हुए DGP अशोक कुमार ने कहा है कि स्थिति नियंत्रण में है। उन्होंने बताया कि बिजली परियोजना पूरी तरह से बह गई है।
राहत एवं बचाव कार्य में NDRF, SDRF, ITBP और पुलिस प्रसाशन, भारतीय सेना लगी हुई है। टनल में रास्ता बनाने का कार्य जारी है।
आपदा प्रभावित गांवों में पहुंचाई गई राहत सामग्री
चमोली की जिलाधिकारी स्वाति भदोरिया ने कहा है कि रेस्क्यू अभियान लगातार जारी है। उन्होंने कहा, जब तक आपदा प्रभावित इन गांवों में वैकल्पिक व्यवस्था या पुल तैयार नही हो जाता तब तक हैलीकॉप्टर से यहां पर राहत सामग्री पहुंचाई जाएगी।
पुल टूटने से 13 गांव हुए अलग
चमोली की जिलाधिकारी स्वाति भदौरिया ने कहा, पुल टूटने से जो 13 गांव अलग हो गए हैं उनके लिए बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है और उन्हें राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। हमारी मेडिकल टीमें भी पहुंच गई हैं। जो लोग अलग-अलग पहाड़ों पर फंसे हुए हैं उनके लिए भी बचाव कार्य चल रहा है।
DGP अशोक कुमार ने दिए ताजा अपडेट
राज्य के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा, कल (07 फरवरी) हुई प्राकृतिक आपदा से हम बहुत हद तक निपट चुके हैं। लगभग 202 लापता लोगों में से लगातार लोग रिपोर्ट कर रहे हैं। तपोवन के छोटे टनल से रेस्क्यू कर 12 लोगों को सही सलामत बचाया गया है, दूसरे टनल के मलबे को निकाला जा रहा है। अब स्थिति सामान्य है।
उन्होंने कहा, बचाव और राहत अभियान जारी है, जिसमें बुलडोजर, जेसीबी आदि भारी मशीनों के अलावा रस्सियों और खोजी कुत्तों का भी उपयोग किया जा रहा है ।उन्होंने कहा कि तपोवन क्षेत्र में स्थित बड़ी सुरंग में बचाव और राहत अभियान चलाने में मुश्किल आ रही है क्योंकि सुरंग सीधी न होकर घुमावदार है।
NDRF ने क्या कहा?
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF)के डीजी एस.एन. प्रधान ने कहा, अभी हमारा पूरा ध्यान 2.5 किलोमीटर लंबी सुरंग के अंदर फंसे हुए लोगों को बचाने पर है। हमारी सभी टीमें उसी काम में लगी हुई हैं। सुरंग में एक किलोमीटर से ज्यादा तक की मिट्टी को हटा दिया गया है। जल्द ही हम उस स्थान तक पहुंच जाएंगे जहां पर लोग जीवित हैं।
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने क्या कहा?
सोमवार को उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, तपोवन प्रोजेक्ट का काम चल रहा था, इसमें बड़ी संख्या में मजदूद काम कर रहे थे। मैंने अपने मुख्य सचिव को बोला है कि यहां मौजूद इसरो (ISRO) के वैज्ञानिकों की मदद से ग्लेशियर टूटने के कारणों को ढूंढा जाए ताकि भविष्य में हम एहतियात बरत सके।
धौली गंगा नदी में फिर से बढ़ा जलस्तर
उत्तराखंड में आई आपदा के बाद धौली गंगा नदी का जलस्तर रविवार की रात एक बार फिर से बढ़ गया था। इसके चलते आसपास के इलाकों में रहने वाले लोग घबरा गए थे। रविवार रात करीब आठ बजे अचानक धौली गंगा नदी का जलस्तर बढ़ गया था, जिसके बाद परियोजना क्षेत्र में जारी राहत एवं बचाव कार्य को रोक दिया गया था। बचाव अभियान सोमवार की सुबह फिर से शुरू किया गया है।
पूरी तरह नष्ट हुआ तपोवन बांध
भारतीय वायुसेना ने तपोवन बांध की तस्वीर जारी कर बताया कि तपोवन विष्णुगाढ़ हाइड्रो पॉवर प्लांट पूरी तरह से नष्ट हो गया है। तपोवन बांध धौलीगंगा और ऋषिगंगा नदी पर है, जो देहरादून से करीब 280 किलोमीटर दूर है। तपोवन के पास मलारी घाटी की शुरुआत में बने दो पुल भी तहस-नहस हो चुके हैं। हालांकि जोशीमठ और तपोवन के बीच मुख्य सड़क मार्ग सही हालत में है।
उत्तराखंड चमोली हादसे पर राष्ट्रपति और पीएम ने जताया दुख
उत्तराखंड चमोली हादसे पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट कर लिखा, उत्तराखंड में जोशीमठ के पास ग्लेशियर टूटने के करण क्षेत्र में हुए नुकसान को लेकर काफी चिंतित हूं। सुरक्षा और कुशलता की कामना करता हूं।
वहीं पीएम मोदी ने लिखा, मैं उत्तराखंड में दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति की लगातार निगरानी कर रहा हूं। भारत उत्तराखंड के साथ खड़ा है।