हारने के बाद भी जीत गए धामी जबकि जीतकर भी अपना विकेट नहीं बचा पाए ये 3 चेहरे
तीन पुराने चेहरे इस बार मंत्रिमंडल से बाहर
देहरादून, 24 मार्च। उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी सरकार का दूसरा कार्यकाल शुरू हो चुका है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी विधानसभा का चुनाव हारे लेकिन हाईकमान ने एक और मौका देकर प्रदेश की कमान सौंपी है। इसके बाद धामी सरकार के मंत्रिमंडल का गठन हो चुका है। जिसमें इस बार 8 चेहरे शामिल हुए हैं। जिनमें 5 पुराने और 3 नए चेहरे शामिल हुए हैं। लेकिन तीन पुराने चेहरों को इस बार मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिल पाई है। इनमें बंशीधर भगत, विशन सिंह चुफाल और अरविंद पांडेय शामिल हैं। तीनों बड़े चेहरों को कैबिनेट में जगह न मिल पाने से भाजपा में कयासबाजी भी शुरू हो गई है। विशन सिंह चुफाल ने कैबिनेट में जगह न मिलने से इशारों में नाराजगी भी जताई है। ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि आखिर इन तीनों को कैबिनेट में जगह क्यों नहीं मिल पाई है। हालांकि अभी कैबिनेट में तीन सीट खाली है। लेकिन पुराने सीनियर मंत्रियों को बाहर करने से पार्टी में कयासबाजी का दौर शुरू हो गया है।
7 बार के विधायक बंशीधर भगत
7 बार के विधायक बंशीधर भगत इस विधानसभा में प्रोटेम स्पीकर की भूमिका में है। भगत भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और पुरानी सरकार में शहरी विकास और संसदीय कार्य का जिम्मा भी देख चुके हैं। ऐसे में भगत का अनुभव और उनका राजनीतिक करियर दूसरे नेताओं से बड़ा है। लेकिन भगत को धामी मंत्रिमंडल में जगह न मिलने से कार्यकर्ताओं को हैरानी जरुर हुई है। हालांकि भाजपा सूत्रों का दावा है कि बंशीधर भगत को केन्द्र में बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। इसके अलावा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए कालाढूंगी सीट से भी चुनाव लड़ाने की चर्चा है। ऐसे में हाईकमान ने बंशीधर भगत को कैबिनेट में शामिल नहीं किया है।
भाजपा
के
प्रदेश
अध्यक्ष
से
लेकर
कैबिनेट
मंत्री
रह
चुके
विशन
सिंह
चुफाल
6
बार
के
विधायक
और
भाजपा
के
प्रदेश
अध्यक्ष
से
लेकर
कैबिनेट
मंत्री
रह
चुके
विशन
सिंह
चुफाल
को
भी
धामी
मंत्रिमंडल
में
दोबारा
जगह
नहीं
मिल
पाई
है।
चुफाल
के
कैबिनेट
से
बाहर
होने
से
वे
खुलकर
नाराजगी
जता
चुके
हैं।
चुफाल
का
कहना
है
कि
उनके
क्षेत्र
के
कार्यकर्ताओं
में
ज्यादा
नाराजगी
है
जिन्होंने
उन्हें
जीताकर
भेजा।
उनका
कहना
है
कि
क्षेत्रवासियों
को
उनके
मंत्री
बनने
की
उम्मीद
थी,
जिससे
उनको
निराशा
लगी
है।
चुफाल
को
ड्रॉप
करने
के
पीछे
की
वजह
चुफाल
को
राज्यसभा
भेजना
माना
जा
रहा
है।
चुफाल
डीडीहाट
सीट
से
विधायक
हैं।
जो
कि
मुख्यमंत्री
पुष्कर
सिंह
धामी
का
पैतृक
गांव
का
क्षेत्र
है।
ऐसे
में
चुफाल
की
सीट
खाली
कर
पुष्कर
सिंह
धामी
को
चुनाव
लड़ाया
जा
सकता
है।
5 बार विधायक चुनकर आ चुके अरविंद पांडेय
5 बार विधायक चुनकर आ चुके अरविंद पांडेय पिछली सरकार में शिक्षा मंत्री रह चुके हैं। अरविंद पांडेय शिक्षा मंत्री का हारने का मिथक तोड़ने के बाद फिर से चुनाव जीतकर आए। बावजूद इसके पांडेय को धामी मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिल पाई। अरविंद पांडेय पिछली सरकार में तेजतर्रार मंत्रियों में जाने जाते रहे हैं। लेकिन इस बार हाईकमान की ओर से इस बार अरविंद पांडेय को शामिल नहीं किया। इसके पीछे की वजह अरविंद पांडेय की छवि और विवाद माने जा रहे हैं। अरविंद पांडेय तराई सीट से आते हैं। इस बार पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के बेटे सौरभ बहुगुणा को कैबिनेट में जगह दी गई है।
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