Uttarakhand: जोशीमठ जैसे हालात होने का यहां भी है डर, धामी के विधानसभा क्षेत्र के लोगों ने शुरू किया आंदोलन
धारचूला के मुनस्यारी में बहुत से ऐसे गांव है जो पिछले कई सालो से आपदा ग्रस्त है और यहां के लोग अपना घर छोड़ कर टेंट में रहने को मजबूर है। क्षेत्रों की समस्या को लेकर स्थानीय लोगों ने अब आंदोलन शुरु कर दिया है।
उत्तराखंड के जोशीमठ में भू धंसाव और दरकने के बाद पहाड़ों में जगह-जगह लोग अब डरे हुए हैं। इस तरह की शिकायतें पहाड़ी क्षेत्रों से लगातार आ रही है। जोशीमठ की तरह हाल न हो, इसके लिए कई क्षेत्रों के लोग अब सड़कों पर उतरकर अपने क्षेत्र को बचाने के लिए आगे आए है। जोशीमठ, कर्णप्रयाग, भटवाड़ी के बाद अब धारचूला मुनस्यारी के लोगों ने भी अपने क्षेत्र को बचाने के लिए आंदोलन शुरु कर दिया है। क्षेत्रीय विधायक हरीश धामी ने लोगों की समस्या को देखते हुए एक दिन का उपवास किया है।
सरकार के सामने लगातार चुनौतियां खड़ी होती जा रही
उत्तराखंड में जोशीमठ की तरह कई पहाड़ी क्षेत्र भूस्खलन, दरारें और धंसाव की समस्या से जूझ रहे हैं। ऐसे में सरकार के सामने लगातार चुनौतियां खड़ी होती जा रही है। उधर सीमांत क्षेत्र धारचूला के मुनस्यारी में ऐलधारा, खोतिला ,गोरिछाल, जुम्मा, मोड़ी,दौसा,तल्ला ज़ौहार बसबगढ, नया बस्ती आदि और भी बहुत से ऐसे गांव है जो पिछले कई सालो से आपदा ग्रस्त है और यहां के लोग अपना घर छोड़ कर टेंट में रहने को मजबूर है। इन क्षेत्रों की समस्या को लेकर स्थानीय लोगों ने अब आंदोलन शुरू कर दिया है। धारचूला के विधायक हरीश धामी ने कहा कि हमने सरकार को 6 महीने का समय दिया। उन्होंने कहा कि हम नहीं चाहते थे कि इसमें कोई राजनीति हो और कुछ लोग बोले कि सरकार को काम करने का मौका तो दो।
कड़ाके की ठंड में आपदा प्रभावित लोग दुगनी मार झेल रहे
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हरीश धामी का कहना है कि इस बीच सरकार की कार्यप्रणाली पर नज़र रखी जिस से निराश हो कर मैंने एक दिन के उपवास का निर्णय लिया ताकि सरकार को ग़रीब, असहाय लोगो की तकलीफ़ दिखाई ओर सुनाई दे। सरकार को समझ में आए कि इस कड़ाके की ठंड में आपदा प्रभावित लोग दुगनी मार झेल रहे है। विधायक ने कहा कि ग्राम सभा दर की स्थिति लेकर मुख्यमंत्री से भी मिल चुका हूँ। पर उसने अभी तक कुछ निर्णय नहीं लिया गया है। इस तरह बहुत से गांव है जिनमे स्थिति बहुत नाज़ुक है। विधायक ने राज्य सरकार को चेतावनी दी है कि जल्द से जल्द इन सारी समस्याओं का निराकरण किया ज़ाय वरना उग्र आंदोलन किया जाएगा। विधायक का कहना है कि पूरे प्रदेशवासियो को जोशीमठ की हालत दिख रही है। जोशीमठ से लगे गांव, मुनस्यारी ,धारचूला , मल्ला जौहार , दारमा, चौदास व्यास, साथ ही काली, गोरी, और रामगंगा नदी के किनारे व आस पास बसे तमाम गांव, की स्थिति भी भविष्य में जोशीमठ जैसी हो सकती है।