हरक सिंह ने टिकट बंटवारे से पहले ही उत्तराखंड में भाजपा के अंदर बगावत का खोला रास्ता, जानिए क्या है मामला
लैंसडाउन सीट के सिटिंग विधायक दिलीप रावत कर सकते हैं बगावत
देहरादून, 13 जनवरी। उत्तराखंड में टिकट बंटवारे से पहले ही भाजपा के अंदर बगावत के सुर उठने लगे हैं, जिसकी शुरूआत हरक सिंह के एक सियासी कदम से होती नजर आ रही है। हरक सिंह के लैंसडाउन सीट से टिकट मांगने की खबर ने सिटिंग विधायक दिलीप रावत के बगावत का रास्ता तैयार कर दिया है। हालांकि अभी दिलीप रावत खुलकर पार्टी में बगावत की बात से बचते हुए नजर आ रहे हैं, लेकिन दिलीप रावत को लैंसडाउन सीट से कोटद्वार सीट पर भेजने की चर्चा ने भाजपा में पहले ही एक तूफान लाने का काम जरुर कर दिया है।
हरक
ने
कोटद्वार
की
जगह
दूसरी
सीट
से
लड़ने
की
जताई
इच्छा
भाजपा
उत्तराखंड
में
इसी
हफ्ते
पहली
सूची
जारी
कर
सकती
है।
इसके
लिए
पार्टी
मैराथन
बैठक
में
जुटी
है।
पार्टी
ने
सभी
सीनियर
नेताओं
से
चर्चा
कर
विकल्प
भी
मांग
लिए
है।
इनमें
सबसे
ज्यादा
मुश्किल
हरक
सिंह
रावत
के
चुनाव
लड़ने
को
लेकर
है।
हरक
सिंह
ने
कोटद्वार
सीट
की
जगह
दूसरे
विकल्प
मांगे
हैं।
जिसमें
लैंसडाउन
पहली
च्वाइस
बताई
जा
रही
है।
इसके
बाद
केदारनाथ
और
डोईवाला
है।
लैंसडाउन
को
लेकर
भाजपा
के
सिंटिंग
विधायक
दिलीप
रावत
ने
खुलकर
हरक
सिंह
के
खिलाफ
मोर्चा
खोला
हुआ
है।
इस
बीच
दिलीप
रावत
के
दिल्ली
में
हाईकमान
से
मिलने
की
खबरें
भी
सामने
आ
चुकी
है।
हालांकि
सोशल
मीडिया
में
दिलीप
रावत
के
कांग्रेस
के
संपर्क
में
होने
की
खबरें
भी
लगातार
सामने
आ
रही
हैं,
लेकिन
इन
खबरों
में
किसी
तरह
का
अभी
कोई
दम
नजर
नहीं
आ
रहा
है।
भाजपा
सूत्रों
की
मानें
तो
दिलीप
रावत
को
भाजपा
कोटद्वार
से
टिकट
दे
सकती
है।
कोटद्वार
को
लेकर
दिलीप
रावत
तैयार
होते
हैं
या
नहीं
ये
भी
अब
कुछ
साफ
नहीं
हो
पाया
है।
हालांकि
ये
तय
है
कि
आने
वाले
दिनों
में
दिलीप
रावत
भाजपा
के
अंदर
बगावती
तेवर
दिखा
सकते
हैं।
इससे
पूर्व
विधायक
दिलीप
रावत
ने
मुख्यमंत्री
को
पत्र
लिखकर
वन
विभाग
में
हो
रहे
निर्माण
कार्यों
में
अनियमितता
और
भ्रष्टाचार
का
आरोप
लगा
चुके
हैं।
अब केदारनाथ को लेकर दिए संकेत
इधर गुरूवार को हरक सिंह रावत का चुनाव लड़ने को लेकर एक नया बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने केदारनाथ से चुनाव लड़ने के भी संकेत दिए हैं। हरक सिंह ने अपने बयान में कहा कि वे पाकिस्तानी या चीन के नहीं है, वे उत्तराखंड के हैं। उन्होंने कहा कि वे रुद्रप्रयाग, कोटद्वार, लैंसडाउन जहां से भी विधायक रहे, उन्होंने हर क्षेत्र में काम किया। उन्होेंने कहा कि जब केदारनाथ में आपदा आई तो उन्होंने रिस्क लेकर सबसे ज्यादा काम किया है। बता दें कि हरक सिंह लैंसडाउन से अपनी बहू अनुकृति गुंसाई को टिकट दिलवाना चाहते हैं। ऐसे में हरक सिंह अपने लिए दूसरी सीट तलाश रहे हैं। जिसके लिए केदारनाथ भी एक मजबूत विकल्प माना जा रहा है। हालांकि केदारनाथ के स्थानीय कार्यकर्ता हरक सिंह का विरोध भी कर चुके हैं। ऐसे में हरक सिंह के लिए ये नया विकल्प कितना आसान होगा। ये कहना अभी जल्दबाजी होगी। लेकिन ये तो तय है कि हरक सिंह जिस सीट से चुनाव लड़ें, वहां चुनाव रोमांचक होना तय है। जो कि अब तक का हरक सिंह का चुनावी इतिहास रहा है।
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