डॉक्टरों को पहाड़ चढ़ाने के लिए धामी सरकार उठाने जा रही बड़ा कदम, पहाड़ों में ड्यूटी पर ये होगा फायदा
पहाड़ों पर डॉक्टरों को 50 प्रतिशत से अधिक वेतन मिलेेगा
देहरादून, 2 जुलाई। उत्तराखंड के पहाड़ में डॉक्टर चढ़ाने के लिए धामी सरकार नई रणनीति पर काम कर रही है। इसके लिए स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने एक रोडमैप तैयार किया है, जिससे पहाड़ों पर अधिक से अधिक डॉक्टर चढ़ सकें। स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत का कहना है कि दुर्गम और पर्वतीय इलाकों में ड्यूटी करने वाले डॉक्टरों को सुगम में तैनात डॉक्टरों के मुकाबले 50 प्रतिशत से अधिक वेतन मिलेगा। उदाहरण के लिए सुगम में अगर डॉक्टर को 2 लाख रुपए वेतन मिल रहा है तो दुर्गम में उसे करीब 3 लाख रुपए दिया जाएगा। स्वास्थ विभाग के सामने सबसे बड़ी चुनौती ऐसे डॉक्टरों को पहाड़ पर भेजने के बाद ज्वाइन कराने की है जो कि ट्रांसफर के बाद भी पहाड़ी जिलों में ज्वाइन नहीं करते हैं।
पहाड़ों
पर
डॉक्टर्स
की
नियुक्तियों
पर
फोकस
स्वास्थ्य
मंत्री
धन
सिंह
रावत
का
दावा
है
कि
एक
साल
में
स्वास्थ्य
महकमे
का
कायाकल्प
किया
जाएगा।
इसके
लिए
सबसे
पहले
पहाड़ों
पर
डॉक्टर्स
की
नियुक्तियों
पर
फोकस
किया
जा
रहा
है।स्वास्थ्य
मंत्री
धन
सिंह
रावत
का
कहना
है
कि
दुर्गम
और
पर्वतीय
इलाकों
में
ड्यूटी
करने
वाले
डॉक्टरों
को
सुगम
में
तैनात
डॉक्टरों
के
मुकाबले
50
प्रतिशत
से
अधिक
वेतन
मिलेगा।
उदाहरण
के
लिए
सुगम
में
अगर
डॉक्टर
को
2
लाख
रुपए
वेतन
मिल
रहा
है
तो
दुर्गम
में
उसे
करीब
3
लाख
रुपए
दिया
जाएगा।
मंत्री
ने
क्लीनिकल
इस्टेब्लिशमेंट
एक्ट
को
नए
रुप
में
कैबिनेट
में
लाने
की
बात
की
है।
पहाड़
में
डॉक्टर्स
की
नियुक्ति
करना
सरकार
और
स्वास्थ्य
विभाग
के
लिए
हमेशा
चुनौती
रहा
है।
सबसे
पहले
सरकार
ने
पहाड़
में
डॉक्टर्स
की
कमी
पूरा
करने
के
लिए
श्रीनगर
मेडिकल
कॉलेज
से
पासआउट
होने
वाले
डॉक्टर्स
से
बॉंड
भरवाया।
इसके
लिए
फीस
भी
कम
रखी
गई।
लेकिन
डॉक्टर्स
तब
भी
पहाड़ों
पर
नहीं
रुके।
ऐसे
में
अब
सरकार
एक
नया
प्रयोग
करने
जा
रहा
है।
पहाड़
पर
जाने
को
तैयार
नहीं
डॉक्टर
मीडिया
रिपोर्ट्स
की
मानें
तो
राज्य
मरे
इस
समय
कुल
2852
पद
हैं,
जिसमे
विशेषज्ञ
और
एमबीबीएस
दोनों
डॉक्टर
शामिल
है।
स्वास्थ्य
विभाग
के
अधिकारियों
के
मुताबिक
पहाड़ों
के
अस्पतालों
में
80
के
करीब
कार्यरत
डॉक्टर
इस
समय
गायब
है
जिनके
खिलाफ
सीएमओ
स्तर
पर
कार्यवाही
चल
रही
है।
महानिदेशलय
से
रिपोर्ट
आने
के
बाद
शासन
स्तर
से
कार्यवाही
चलेगी
उसके
बाद
ही
पद
खाली
होंगे
और
नए
डॉक्टर
तैनात
किए
जाएंगे।
ऐसा
ही
एक
अन्य
मामला
आयुर्वेद
विभाग
में
भी
सामने
आया।
जब
26
डॉक्टरों
ने
पहाड़
चढ़ने
से
इनकार
कर
दिया।
सभी
डॉक्टरों
और
कर्मचारियों
की
संबद्धता
खत्म
होने
के
बावजूद
कई
डॉक्टर
आयुर्वेद
विश्वविद्यालय
से
जाने
को
तैयार
नहीं
हैं।
स्वास्थ्य
मंत्री
डॉ.
धन
सिंह
रावत
का
कहना
है
कि
अब
अपनी
मूल
तैनाती
पर
कार्यभार
ग्रहण
करने
के
बाद
ही
शासन
से
वेतन
भुगतान
जारी
किया
जाएगा।
30
मई
को
उत्तराखंड
आयुर्वेद
विभाग
ने
सभी
कर्मचारियों
की
संबद्धता
समाप्त
की
थी।
इसके
अलावा
अटैचमेंट
पर
कार्यरत
कर्मचारियों
को
अपनी
मूल
तैनाती
पर
कार्यभार
ग्रहण
करने
के
निर्देश
दिए
गए
थे।
इसके
बावजूद
उत्तराखंड
आयुर्वेद
विश्वविद्यालय
में
तैनात
26
डॉक्टरों
और
कर्मचारियों
ने
अपनी
मूल
तैनाती
पर
कार्यभार
ग्रहण
नहीं
किया
है।
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