49 या 21 लाख: क्या है हरिद्वार कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की असली संख्या?
देहरादून, 29 मई। जब देश कोरोना वायरस की दूसरी लहर की चपेट में आ रहा था उसी समय हरिद्वार में कुंभ चल रहा था। यही नहीं उत्तराखंड सरकार ने आधिकारिक तौर पर कहा था कि कुंभ के दौरान 12, 13 और 14 अप्रैल को 49 लाख श्रद्धालुओं ने हर की पौड़ी और हरिद्वार में गंगा घाटों पर डुबकी लगाई थी। लेकिन अब एक महीने बाद जिला प्रशासन ने अध्ययन के बाद पाया है कि स्नान करने वालों की वास्तविक संख्या वास्तव में इसके करीब 70 प्रतिशत कम है।
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आंकड़ों को लेकर उठ रहे सवाल
प्रशासन द्वारा अपने ही आंकड़ों को एक महीने बाद ही इतना नीचे लाने को लेकर सवाल उठ रहे हैं। क्या सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के दौरान इस तरह की भारी भीड़ वाले आयोजन को लेकर आलोचना के बाद श्रद्धालुओं की संख्या का फिर से आंकलन किया है?
कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान कुंभ जैसे बड़े आयोजन कराने को लेकर उत्तराखंड की भाजपा सरकार निशाने पर रही है। पिछले सप्ताह ही नैनीताल हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कुंभ के आयोजन को गलती कहा था। इसके बाद अब प्रशासन ने कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या काफी कम बताई है।
इंडियन एक्सप्रेस ने कुंभ मेला के आईजी पुलिस संजय गुंज्याल के हवाले से लिखा है कि 12 अप्रैल को करीब 21 लाख लोगों की भीड़ थी, 13 अप्रैल को 3 लाख और 14 अप्रैल को 12 लाख पहुंचे।
सरकार के दावों को कम बता रहे आंकड़े
यह सरकार की पहले बताई गई संख्या से काफी कम है। अप्रैल में सरकार ने कहा था दूसरे शाही स्नान पर 12 अप्रैल को 31 लाख लोगों ने स्नान किया था जबकि 4.5 लाख ने 13 अप्रैल और 14 अप्रैल को 13.5 लाख लोगों ने स्नान किया था।
इंडियन एक्सप्रेस को गुंज्याल ने बताया कि "पहले के आंकड़े सिरों की गिनती (कुंभ में संख्या गिनने का तरीका) पर आधारित थे जबकि 12 अप्रैल के डेटा में दूसरे दिनों के डेटा के मिलने से गलत गिनती हो गई थी।
हालांकि राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कुंभ में श्रद्धालुओं की वास्तविक संख्या करीब 15 लाख ही थी जो कि आईजी गुंज्याल के 36 लाख के आकंड़े से काफी कम है। अधिकारियों के मुताबिक ये आंकड़े शहर में आवाजाही के विभिन्न संकेतों की समीक्षा के बाद हैं जिसमें जिले के सभी होटलों के आंकड़े, पार्किंग स्थलों में खाली स्थान, मोबाइल टॉवरों से सेलफोन की मौजूदगी और वाहनों और ट्रेन से यातायात को भी शामिल किया गया है।
एक अप्रैल को जब कुंभ शुरू हुआ था तो हरिद्वार जिले में 626 कोरोना वायरस के एक्टिव केस थे। ये संख्या अप्रैल 30 को 11,075 पहुंच गई थी जबकि अप्रैल में 90 लोगों की वायरस से मौत हुई थी।
कब-कब कितने लोग पहुंचे?
10-15 के बीच कुल 9.55 लाख लोग कार, बाइक और बस के जरिए हरिद्वार पहुंचे। 40,000 से भी कम लोग ट्रेन के जरिए इस दौरान पहुंचे। कुल 10.95 लाख लोगों ने इन 5 दिनों में शहर के 537 होटलों और 260 धर्मशालाओं में चेक इन किया।
मोबाइल टॉवर से मिले डेटा के अनुसार 11-14 अप्रैल के दौरान दूसरे राज्यों के सेलफोन की संख्या 1.68 लाख रही।
एक अधिकारी ने बताया कि अगर हम यह मान लें कि शहरी क्षेत्र की पूरी 5 लाख आबादी ने पवित्र स्नान किया है तो भी यह संख्या सरकार के किए गए दावे से कम ही ठहरती है। यह सब मिला लेने के बाद भी श्रद्धालुओं की संख्या 21 लाख से ज्यादा नहीं पहुंचती है।
सूत्रों की मानें तो श्रद्धालुओं की संख्या इसलिए ज्यादा बताई गई ताकि बीजेपी सरकार कुंभ के सफल आयोजन को लेकर अपनी पीठ थपथपा सके। वहीं विपक्षी कांग्रेस का कहना है कि राज्य सरकार ने संख्या इसलिए ज्यादा बताई है ताकि वह यह दिखा सके कि उसने भव्य आयोजन किया और बजट के उपयोग को सही ठहरा सके।
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