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भरे सदन में योगी की तारीफ और अखिलेश को उलाहना के पीछे क्या है शिवपाल की सियासत

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लखनऊ, 28 मई: उत्तर प्रदेश में विधानसभा का सत्र चल रहा है। सत्र के दौरान सदन के भीतर कुछ बातें ऐसी होती हैं जो चर्चा का केंद्र बन जाती हैं। ठीक इसी तरह पूर्व सीएम अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव ने भरे सदन में सीएम योगी की तारीफ तो की लेकिन अपने भतीजे अखिलेश पर भी तंज कसने से नहीं चूके। शिवपाल ने कहा कि यदि चुनाव में अखिलेश ने यदि मेरा साथ ले लिया होता तो उनको विपक्ष में नहीं बैठना पड़ता। मैने पूरी फौज तैयार कर रखी थी यदि वह मेरे साथ आ जाती तो सपा की हालत दूसरी होती।

शिवपाल यादव

अखिलेश को शिवपाल ने दी उलाहना, कसा तंज

प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के चीफ शिवपाल यादव ने अखिलेश पर जमकर तंज कसा और कहा की चुनाव में काफी प्रयास किया लेकिन ये नही माने। यदि इन्होंने मेरी बाते मानी होती तो आज ये उधर नहीं इधर बैठे होते। शिवपाल और अखिलेश के बीच ये शीत युद्ध विधानसभा चुनाव के दौरान से ही चल रहा है। शिवपाल की कही टीस निकलकर बाहर आती है। शिवपाल का यह कदम इस मायने में भी अहम हो जाता है क्योंकि वो समाजवादी पार्टी के सिंबल पर ही चुनकर सदन में पहुंचे हैं।

आजम के साथ मिलकर नया मोर्चा तैयार करने में जुटे हैं शिवपाल

उत्तर प्रदेश की राजनीति विधानसभा चुनाव के बाद काफी करवटें ले रही है। चुनाव के दौरान शिवपाल ने कई नेताओं को साधने का प्रयास किया था। इस कड़ी में उन्होंने भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर , SBSP के चीफ ओम प्रकाश राजभर से मुलकात की थी। तब येशा लगा था कि वो यूपी में एक नया मोर्चा बनाने में कामयाब हो जायेंगे लेकिन को अपने मकसद में कामयाब नहीं हुए थे। चुनाव के बाद शिवपाल ने आजम के मुद्दे को पकड़ा और मौके की नजाकत को भांपते हुए उन्होंने रामपुर जेल जाकर आजम से मुलाकात की थी। अब आजम के जेल से बाहर आने के बाद वह उनको भुनाने में जुटे हुए हैं।

अखिलेश की उपेक्षा से नाराज हैं शिवपाल

अखिलेश यादव ने चुनाव के दौरान शिवपाल यादव के साथ गठबंधन किया था। लेकिन शिवपाल ने जिस उम्मीद के साथ अखिलेश के साथ गठबंधन किया था उसपर अखिलेश खरे नहीं उतरे हैं। गठबंधन के दौरान शिवपाल ने अपने साथ ही अपने करीबियों के लिए सीटों की डिमांड की थी। शुरुवात में तो अखिलेश ने आश्वाशन दिया था लेकिन जब टिकट घोषित हुआ तो केवल शिवपाल यादव को जसवंत नगर से टिकट मिला। बाद में कई बार शिवपाल ने कहा कि उन्होंने अपने बेटे के लिए भी टिकट की डिमांड की थी लेकिन अखिलेश ने उनकी नहीं सुनी। शिवपाल के साथ इस तरह के व्यवहार से उनके समर्थकों में काफी नाराजगी फैली थी जिसका सामना अखिलेश और सपा के उम्मीदवारों को चुनाव के दौरान कर्ण पड़ा।

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English summary
What is the politics of Shivpal behind the praise of Yogi in the full house and ridiculing Akhilesh
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