इलाहाबाद: विहिप नेता ने कराई थी बसपा ब्लाक प्रमुख मोहम्मद शमी की हत्या
इलाहाबाद के चर्चित ब्लाक प्रमुख मो. शमी हत्याकांड का खुलासा हो गया है। विहिप नेता अभिषेक यादव ने सुपारी देकर हत्या कराई थी।
इलाहाबाद के चर्चित ब्लाक प्रमुख मो. शमी हत्याकांड का खुलासा हो गया है। विहिप नेता अभिषेक यादव ने सुपारी देकर हत्या कराई थी। हालांकि इसमें एक और आरोपी रहे भाजपा के ब्लाक प्रमुख सुधीर मौर्य का नाम नहीं आया है। एसटीएफ के एडिशनल एसपी प्रवीण सिंह चौहान ने बताया कि पूर्व ब्लाक प्रमुख मो शमी की हत्या रंजिश में हुई है। मो. शमी से अभिषेक की दुश्मनी चल रही थी। पिछले दिनों जुलूस में घुसने के आरोप पर अभिषेक को शमी आदि ने पीटकर अधमरा कर दिया गया था। इसी का बदला लेने के लिए अभिषेक ने चार लाख की सुपारी राजकुमार मौर्या को दी थी। राजकुमार समेत उसके दो साथी अजय मौर्या व अनिल मौर्या को सोरांव से गिरफ्तार कर लिया गया है। इनके पास से दो पिस्टल, एक तमंचा और कारतूस बरामद हुआ है। सभी को जेल भेज दिया गया है।
कैसे
हुई
थी
हत्या
पुलिस
के
अनुसार
अभिषेक
पांच
हजार
के
इनामी
राजकुमार
मौर्या
को
शमी
की
हत्या
की
सुपारी
दी
तो
हत्या
का
प्लान
तैयार
हुआ।
प्लान
के
मुताबिक
प्रतापगढ़
जिले
के
कुछ
भाड़े
के
शूटर
हायर
किये
गये।
उनको
हथियार
मुहैया
कराया
गया
।
19
मार्च
की
रात
विमल
कहार,
बलिकरण,
रोहित
सिंह,
महेन्द्र
पासी,
अनिल
उर्फ
डब्लू,
लवकुश
और
महेन्द्र
पासी
ने
बसपा
नेता
के
घर
मौत
का
जाल
बिछा
दिया।
कुछ
लोग
पेड़
पर
चढकर
पोजिशन
पर
थे।
कुछ
सड़क
पर।
जब
शमी
ढाबा
से
खाना
खाकर
अपने
घर
पहुंचा
तो
घात
लगाकर
बैठे
शूटरों
ने
गोलियां
तड़तड़ा
दी।
शमी
के
सिर
में
भी
गोली
मारी
गई
और
तब
तक
गोली
चली
जब
तक
पिस्टल
खाली
नहीं
हो
गई।
हत्या
होते
ही
महेंद्र
गाड़ी
लेकर
भाग
निकला।
रात
भर
जंगल
में
पेड़
पर
चढकर
शूटर
छिपे
रहे
और
भोर
में
पैदल
ही
रेलवे
लाइन
के
किनारे
किनारे
दुबाही
नहर
पहुंचे।
21
मार्च
को
को
सुपारी
के
चार
लाख
रुपये
मिले।
लेकिन
महेंद्र
के
भागने
और
रुपये
बंटवारे
को
लेकर
विवाद
हो
गया।
तमतमाये
शूटरों
ने
अपने
साथी
महेन्द्र
की
भी
हत्या
कर
दी।
इस मामले में भाजपा और विहिप के नेता पर नामजद मुकदमा दर्ज हुआ तो बखेड़ा खड़ा हो गया। कद्दावर नेता होने के चलते पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शमी के परिजनों से संपर्क किया तो मायावती ने मुनकाद अली को भेजा। मामला हाई-प्रोफाइल था तो मीडिया में छा गया। सीएम योगी के शपथ लेते ही हुई इस वारदात से पूरे यूपी में हड़कम्प मच गया। सीएम योगी ने डीजीपी को तलब किया और जांच तेज हुई तो विमल कहार, बलिकरण, रोहित सिंह, महेन्द्र पासी, अनिल उर्फ डब्लू गिरफ्तार कर लिये गये। लेकिन सुपारी देने वाला राजकुमार मौर्या अंडरग्राउंड हो गया। साथ ही नामजद आरोपी भी घर छोड़कर भाग निकले।
बनारस
में
पुलिसवाला
भाई
संरक्षक
पुलिस
ने
बताया
कि
राजकुमार
मौर्या,
अजय
मौर्या
और
अनिल
मौर्या
तीनों
इस
घटना
के
ही
नहीं
बल्कि
कयी
और
वारदातों
के
सूत्रधार
थे।
इन
लोगो
ने
अभी
गुड़गांव
के
ठेकेदार
समेत
तीन
लोगों
की
हत्या
की
सुपारी
ले
रखी
थी।
राजकुमार
वारदात
के
बाद
गुड़गांव
भाग
गया
था।
गुड़गांव
में
एक
मुस्लिम
ठेकेदार
की
हत्या
की
सुपारी
ली
गई
थी।
तब
गुड़गांव
जेल
में
बंद
अनिल
राठी
नामक
बदमाश
ने
इन्हे
सुपारी
दी
थी।
जबकि
सुल्तानपुर
जेल
में
बंद
50
हजार
इनामी
पंकज
सिंह
ने
प्रतापगढ़
निवासी
अभय
सिंह
व
अचल
की
हत्या
करने
के
लिये
चार
लाख
की
सुपारी
दी
थी।
दो
दिन
बाद
ही
इन
दोनों
की
हत्या
होनी
थी।
इसलिये
वह
15
दिन
से
बनारस
में
आकर
टिके
थे।वाराणसी
में
एक
पुलिस
सिपाही
ने
इनके
रहने
का
इंतजाम
अपनी
आईडी
पर
किया
था।
यह
रिश्ते
में
इनका
भाई
लगता
है।
एसटीएफ
अब
पुलिसवाले
पर
जांच
बिठाने
व
कार्रवाई
के
लिये
वाराणसी
के
कप्तान
को
रिपोर्ट
करेगी।