संगम की रेती पर बसाया जाएगा टेंट सिटी, पर्यटकों को भटकने की नहीं होगी जरूरत
इलाहाबाद। अगर आप कुंभ मेला की भव्यता देखना चाहते हैं, संगम में स्नान करना चाहते हैं। लेकिन, यहां ठहरने की व्यवस्था आपके पास नहीं है तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। इस बार प्रयागराज में लगने वाला कुंभ मेला देसी-विदेशी सैलानियों के संगम प्रवास की समस्या को दूर कर देगा। पर्यटकों को संगम नगरी में ठहरने के लिए दर-दर भटकना नहीं होगा और ना ही कुंभ मेला क्षेत्र से दूर किसी होटल में रुकने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। इस बार सैलानियों के लिए मेला क्षेत्र में ही स्विस कॉटेज उपलब्ध कराए जाएंगे। जिनका प्रतिदिन के हिसाब से किराया देकर दर्शनार्थी रुक सकेंगे।
पर्यटन विभाग के उप निदेशक दिनेश कुमार ने बताया कि टेंट सिटी में 4200 स्विस कॉटेज होंगे। इसका निर्माण अरैल में किया जाएगा। जिसके लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। संगम आने वाले सैलानी कॉटेज का किराया देकर यहां पर प्रवास कर सकेंगे। इससे होटल से आने-जाने में समय व धन खर्च में भी बचत होगी। यह सारी व्यवस्था इस बार खुद उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग करेगा और इसके लिए तैयारियां भी शुरू कर दी गई है।
क्या
है
योजना
यूनेस्को
की
विश्व
विरासत
सूची
में
शामिल
हो
चुके
कुंभ
मेला
को
इस
बार
विश्व
पटल
पर
भारत
सरकार
उभारना
चाहती
है।
इसके
लिए
सरकार
द्वारा
लगातार
ब्रांडिंग
भी
की
जा
रही
है।
ऐसे
में
कुंभ
मेला
क्षेत्र
को
हर
तरीके
की
सुविधाओं
से
लैस
करने
का
प्रयास
व
उसके
लिए
तैयारियों
को
अंतिम
रूप
दिया
जा
रहा
है।
इस
क्रम
में
टेंट
सिटी
के
रूप
में
4200
कॉटेज
का
निर्माण
मेला
क्षेत्र
में
किया
जाएगा।
इसके
लिए
मेला
प्रशासन
से
पर्यटन
विभाग
ने
100
हेक्टेयर
जमीन
लीज
पर
ली
है।
स्विस
कॉटेज
में
देसी-विदेशी
सैलानियों
को
रुकने
की
सुविधा
उपलब्ध
कराई
जाएगी
।
इसके
लिए
टेंडर
की
प्रक्रिया
पूरी
कर
ली
गई
है
और
नवंबर
के
आखिरी
सप्ताह
से
इनके
निर्माण
की
प्रक्रिया
शुरू
हो
जाएगी।
100
हेक्टेयर
में
बसेगी
टेंट
सिटी
50
दिन
के
कुम्भ
मेला
2019
में
पर्यटन
विभाग
की
ओर
से
100
हेक्टेयर
स्विस
कॉटेज
की
टेंट
सिटी
बसाई
जाएगी।
अरैल
क्षेत्र
में
10-10
हेक्टेयर
के
दस
प्लॉट
बनाए
गए
हैं।
जिनमे
4200
स्विस
कॉटेज
बनेंगे।
वैसे
तो
इन
कॉटेज
का
मुख्य
उद्देश्य
प्रवासी
भारतीयों
के
प्रयाग
आने
पर
उनके
ठहरने
की
व्यवस्था
के
लिए
बनाया
जा
रहा
है।
लेकिन
सिर्फ
एक
दिन
के
लिए
ही
यह
सभी
कॉटेज
प्रवासी
भारतीयों
के
लिए
आरक्षित
होंगे।
बाकी
दिन
इसे
आम
पर्यटकों
और
श्रद्धालुओं
को
किराए
पर
दिया
जाएगा।