यूपी के सबसे अमीर MLA ने भी छोड़ा मायावती का साथ, जानिए कितनी संपत्ति के मालिक हैं शाह आलम
लखनऊ, 25 नवंबर: यूपी विधानसभा चुनाव से पहले बसपा सुप्रीमो मायावती को एक और तगड़ा झटका लगा है। उत्तर प्रदेश विधानमंडल में बीएसपी विधायक दल के नेता शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली ने पार्टी और विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। आजमगढ़ के मुबारकपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक जमाली राज्य के सबसे अमीर विधायक हैं और विधायक रहते हुए उनके पहले कार्यकाल में ही उनकी संपत्ति दोगुनी हो गई थी। बसपा अध्यक्ष ने इसी साल शाह आलम को पार्टी विधायक दल का नेता नियुक्त किया था, लेकिन उन्होंने मायावती पर ही दोष लगाते हुए चुनाव से पहले पार्टी और विधायकी दोनों छोड़ दिया है।
बसपा विधायक दल के नेता ने पार्टी छोड़ी
बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती को इस्तीफा भेजने वाले पार्टी नेता शाह आलम ने कहा है, 'मैंने बीएसपी और यूपी विधानसभा से इस्तीफा दे दिया है, क्योंकि पार्टी नेता मायावती और मेरे बीच भरोसे का अभाव था। जब हमारी नेता का ही हमपर विश्वास नहीं है, तब पार्टी में रहकर क्या करेंगे।' उन्होंने अपनी चिट्ठी में लिखा है, '21 नवंबर को आपके साथ हुई बैठक में मैंने महसूस किया कि पार्टी के प्रति मेरी निष्ठा और ईमानदारी के बावजूद आप संतुष्ट नहीं हैं.....अगर मेरी नेता मुझसे या मेरे काम से संतुष्ट नहीं हैं तो मैं पार्टी पर बोझ नहीं बनना चाहता। '
आजमगढ़ की मुबारकपुर सीट से हैं विधायक
मायावती की अगुवाई वाली बहुजन समाज पार्टी ने इसी साल पंचायत चुनावों में पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते तबके विधायक दल के नेता लालजी वर्मा और दूसरे विधायक राम अचल राजभर को निकाल दिया था और वर्मा की जगह शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली को यूपी विधानमंडल में पार्टी विधायक दल का नया नेता नियुक्त किया था। आलम लगातार दो विधानसभा चुनावों से आजमगढ़ जिले की मुबारकपुर सीट से बीएसपी का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। पार्टी ने उन्हें 2014 के लोकसभा चुनाव में सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के खिलाफ भी मैदान में उतारा था, लेकिन काफी वोट जुटाने के बावजूद जमाली चुनाव हार गए थे।
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हर चुनाव में तेजी से बढ़ती गई शाह आलम की संपत्ति
यूपी के राजनेताओं में बीएसपी अध्यक्ष अपनी संपत्ति को लेकर हमेशा से विरोधियों के निशाने पर रही हैं। लेकिन, मौजूदा विधानसभा में शाह आलम सिर्फ मायावती से ही अमीर नहीं, बल्कि सबसे अमीर विधायक भी हैं। आलम 2012 से बसपा के विधायक रहे हैं और 2017 आते-आते उनकी संपत्ति दोगुनी से भी ज्यादा छलांग लगा चुकी थी। वो पिछले वर्षों में जो तीन चुनाव लड़े हैं, उसका ब्योरा देखकर आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि उनकी संपत्ति में इजाफे की रफ्तार क्या रही है।
पहले कार्यकाल में 54 से 70.3 करोड़ रुपये हुई प्रॉपर्टी
2012 के विधानसभा चुनाव के दौरान मुबारकपुर से पर्चा दाखिल करते हुए शाह आलम ने जो अपनी संपत्ति घोषित की थी, वह 54 करोड़ रुपये थी। लेकिन, जब वे 2014 के लोकसभा चुनाव में मुलायम के खिलाफ उम्मीदवार बने तो उनकी संपत्ति 70.3 करोड़ रुपये हो चुकी थी। शाह आलम विधायकी के साथ-साथ कंस्ट्रक्शन के कारोबार से भी जुड़े रहे हैं और उनकी पत्नी शाहीन आलम रीटेल के बिजनेस से जुड़ी रही हैं। 2014 से 2017 के बीच में उनकी पत्नी की संपत्ति भी 79 लाख से बढ़कर 3.5 करोड़ रुपये की हो गई थी।
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2017 में 119 करोड़ रुपये थी शाह आलम की संपत्ति
2017 के विधानसभा चुनाव में दाखिल किए हलफनामे में शाह आलम ने 1,18,76,21,354 रुपये (करीब 119 करोड़ रुपये ) की संपत्ति दिखाई थी। जबकि, उनपर 28,534,000 रुपये की देनदारी थी। जबकि बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने आखिरी चुनाव के समय 111 करोड़ रुपये की संपत्ति बताई जाती थी। हालांकि, 2017 के चुनाव में नजीर अहमद नाम के प्रत्याशी ने आगरा से पर्चा भरते वक्त अपनी संपत्ति 211 करोड़ रुपये बताई थी।