UP MLC Election: एमएलसी की 5 सीटें BJP से कहीं ज्यादा सपा के लिए अहम, जानिए क्यों
UP MLC Chunav Result: यूपी में 5 MLC सीटों पर आज सुबह 08 बजे से भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतगणना जारी है। बता दें, तीन स्नातक व दो शिक्षक कोटे की यह सीटें बीजेपी से कहीं ज्यादा सपा के लिए अहम हैं।
UP MLC Election Result 2023: उत्तर प्रदेश में तीन स्नातक व दो शिक्षक कोटे की विधान परिषद (MLC) की 5 सीटों पर 39 जिलों में 30 जनवरी को मतदान हुआ था। इन पांचों सीटों के लिए आज (02 फरवरी) सुबह 08 बजे से भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतगणना शुरू हो गई है। आपकों बता दें कि तीन स्नातक व दो शिक्षक कोटे की यह MLC सीटें बीजेपी से कहीं ज्यादा सपा के लिए अहम है। क्योंकि, सपा एक भी सीट जीत लेती है तो विधानसभा परिषद में नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी फिर से हासिल कर लेगी। ऐसे में यह मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है और अब यह देखना है कि बीजेपी या सपा में कौन बाजी मारता है?
उत्तर प्रदेश विधान परिषद (MLC) की 30 जनवरी को जिन तीन खंड स्नातक सीटों पर मतदान हुआ, उनमें गोरखपुर-अयोध्या खंड, कानपुर-उन्नाव खंड, और बरेली-मुरादाबाद खंड सीट शामिल हैं। वहीं, शिक्षक कोटे की दो MLC सीट पर इलाहाबाद-झांसी और कानपुर-उन्नाव सीट शामिल है। आपको बता दें कि गोरखपुर-फैजाबाद सीट पर सपा के करुणा कांत मौर्य और बीजेपी के देवेंद्र प्रताप सिंह के बीच मुकाबला है। तो वहीं, मुरादाबाद-बरेली सीट पर सपा के शिव प्रताप सिंह और बीजेपी के जय पाल सिंह के बीच टक्कर है। जबकि, कानपुर-उन्नाव सीट पर सपा के कमलेश यादव और बीजेपी के अरुण पाठक के बीच मुकाबला है।
शिक्षक
कोटे
की
सीट
पर
इनके
बीच
है
मुकाबाला
इलाहाबाद-झांसी
सीट
पर
सपा
के
डॉ.
एसपी
सिंह
और
बीजेपी
के
डॉ.
बाबू
लाल
तिवारी
के
बीच
मुकाबला
है।
जबकि,
कानपुर-उन्नाव
सीट
पर
सपा
के
प्रियंका
और
बीजेपी
के
वेणु
रंजन
भदौरिया
के
बीच
मुकाबला
है।
स्नातक
और
शिक्षक
कोटे
की
5
एमएलसी
सीटों
के
लिए
मतों
की
गणना
गुरुवार
की
सुबह
आठ
बजे
से
शुरु
हो
गई
है।
शिक्षक
एमएलसी
के
लिए
परिणाम
आने
में
समय
अधिक
लगने
की
संभावना
है
ऐसे
में
मतगणना
के
लिए
शिफ्टवार
कर्मचारी
लगाए
गए
हैं
जो
मतगणना
का
कार्य
निरंतर
जारी
रखेंगे।
जानिए
सपा
के
लिए
क्यों
है
अहम
रिपोर्ट्स
के
मुताबिक,
विधान
परिषद
(MLC)
में
सपा
की
सियासी
ताकत
2017
के
विधानसभा
चुनाव
के
बाद
घटती
गई
और
बीजेपी
का
कद
बढ़
गया
है।
पिछले
साल
जुलाई
में
सपा
में
विधान
परिषद
से
नेता
प्रतिपक्ष
का
पद
गंवा
दिया,
क्योंकि
विधानस
परिषद
के
कुल
100
सदस्यों
में
से
सपा
के
पास
सिर्फ
9
सदस्य
हैं।
जबकि
नेता
प्रतिपक्ष
के
लिए
कम
से
कम
10
फीसदी
सदस्यों
को
होना
जरूरी
होता
है।
ऐसे
में
सपा
एक
विधान
परिषद
सीट
जीत
लेती
है
तो
सदन
में
उसके
10
सदस्य
हो
जाएंगे।
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विधान
परिषद
में
किस
क्या
स्थिति,
जानिए
रिपोर्ट्स
के
मुताबिक,
MLC
में
बीजेपी
के
73
सदस्य
हैं,
जो
सबसे
ज्यादा
है।
इसके
बाद
सपा
के
9,
बीएसपी
के
1,
शिक्षक
गुट
के
2,
निर्दलीय
कोटे
से
4,
अनुप्रिया
पटेल
की
अपना
दल
(एस),
निषाद
पार्टी,
जनसत्ता
दल
के
1-1
सदस्य
हैं।
तो
वहीं,
5
सीटें
रिक्त
हैं।
ऐसे
में
5
MLC
सीटों
के
चुनाव
को
समझा
जा
सकता
है
कि
कितना
अहम
है।