यूपी की पहली विधानसभा सीट 'बेहट' पर ढाई दशक से भाजपा का सूखा, क्या इस बार खिल पाएगा कमल?
यूपी के पहले विधानसभा क्षेत्र 'बेहट' पर ढाई दशक से कमल नहीं खिल पाया है। ऐसे में इस चुनाव से फिर एक बार यह उम्मीद जाग गई है कि शायद इस बार बीजेपी यहां से जीतकर अपने रिकॉर्ड को बदल पाए।
सहारनपुर। विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। सभी दलों के प्रत्याशी अपनी गोटियां फिट बैठाने में लग गए है। ऐसे में बात अगर प्रदेश के पहले विधानसभा सीट बेहट (पूर्व में मुजफ्फराबाद) सीट की करें तो 1993 के बाद इस सीट पर कमल नहीं खिल सका। यहां 1993 में स्टेट जसमोर की रानी देवलता ने भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतकर अपने प्रतिद्वंदी जनता दल के प्रत्याशी जगदीश सिंह राणा को हराया था। उनके बाद इस सीट पर कोई भी प्रत्याशी कमल नहीं खिला सका।
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कहां है विधानसभा की यह पहली सीट, क्या है इस क्षेत्र की पहचान ?
बेहट विधानसभा उत्तर प्रदेश के अंतिम जिले सहारनपुर में है। यह क्षेत्र उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से सटा हुआ है। शिवालिक पर्वतीय क्षेत्र में स्थित बेहट पूरी तरह से खाड़ क्षेत्र है। यहां पर ज्यादातर आबादी कच्चे घरों और वन क्षेत्र में निवास करती है। वन गुर्जर भी यहां पर अहम भूमिका निभाते हैं। बेहट क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों की हालत बेहद ही दयनीय है क्योंकि जब गर्मी पड़ती है तो यहां पर अग्निकांड, बरसात में बाढ़ और सर्दी में ठंड का प्रकोप सर्वाधिक रहता है। बेहट क्षेत्र का एकमात्र आयरन ट्वायज बनाने का कारखाना भी सरकार और जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा के चलते बंद होने के कगार पर पहुंच गया है। फसलों में यहां पर चावल और गेहूं की खेती होती है। यहां पर आम और अमरूद के बाग सबसे ज्यादा हैं। यहां का आम नवाब के नाम से विदेशों में निर्यात किया जाता है।
जसमोर की रानी देवलता चुनाव जीतकर बनी थीं पहली बीजेपी विधायक
साल 2012 में मुजफ्फराबाद सीट को नए परिसीमन बेहट विधानसभा क्षेत्र सीट बना दिया गया था। इस सीट पर पहली बार 1993 में भाजपा के टिकट पर स्टेट जसमोर निवासी रानी देवलता चुनाव जीतकर विधायक बनी थी। उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी जनता दल प्रत्याशी जगदीश सिंह राणा को हराया था। रानी देवलता को 49,643 वोट मिले थे जबकि जनता दल के जगदीश राणा को 38,758 वोट मिले थे। इससे पहले 1991 में अयोध्या मंदिर मुद्दा और राम लहर में भी इस सीट पर भाजपा का प्रत्याशी चुनाव नहीं जीत सका था।
1991 से अब तक बेहट विधानसभा सीट पर चुने गए विधायक
जगदीश सिंह राणा, जनता दल - 1991
रानी देवलता, भाजपा- 1993
जगदीश राणा, सपा- 2002
इमरान मसूद, निर्दलीय- 2007
महावीर सिंह राणा, बसपा- 2012
बेहट विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं/ मतदान केंद्रों की संख्या
पुरुष मतदाता- 1,79,690
महिला मतदाता- 1,56,553
थर्ड जेंडर- 7
कुल मतदाता- 3,36,250
कुल मतदान केंद्र- 208
कुल मतदान स्थल- 336
बेहट विधानसभा सीट पर कैसे-कैसे लड़ा गया घमासान?
1991 में यहां से जनता दल के जगदीश सिंह राणा ने 47,456 वोट प्राप्त कर भाजपा के ठाकुर चंद्रपाल को पराजित किया था। चंद्रपाल को 45,175 वोट मिले थे। 1993 के बाद यहां भाजपा के प्रत्याशी तीसरे और चौथे नंबर पर रहे।
साल 2012 में इस सीट पर भाजपा के प्रत्याशी ठाकुर अजय चौहान चौथे नंबर रहे थे और उन्हें मात्र 23,623 वोट ही मिल सके थे। 2017 के विधानसभा चुनाव में यहां पर बसपा से हाजी इकबाल, भाजपा से महावीर सिंह राणा, कांग्रेस-सपा गठबंधन से नरेश सैनी के अलावा टिकट कटने के बाद भाजपा से अलग हुए राणा आदित्य प्रताप अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
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