बेटे ने अपने पिता को मार दी गोली और दुश्मनों के खिलाफ थाने में लिखा दी रपट
शामली। यूपी में शामली के झिंझाना थाना क्षेत्र में 7 मई को हुई किसान की हत्या में खुद पर चल रहे मुकदमे में वादी पर दबाव बनाने के लिए बेटे ने ही अपने बाप की हत्या कर दी। पिता के हत्यारे बेटे का एक साथी भी हत्या में शामिल था। एएसपी ने बताया कि वर्तमान में विचाराधीन 302 अलीम हत्याकांड के मुकदमे में फैसले का दबाव बनाने को ही अरशद ने अपने बाप वहीद को 7 मई को गोली मारने की प्लानिंग की व बखूबी अंजाम तक पंहुचाया। मगर मगर पुलिस जांच में उसका एक दोस्त पुलिस के हत्थे चढ़ गया। झिंझाना पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए हत्यारे बेटे व उसके साथी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
वृद्ध की गोली मारकर हत्या
दरअसल मामला जनपद शामली के झिंझाना थाना क्षेत्र के चौसाना का है जहां 7 मई को चौसाना क्षेत्र में गढ़ी हसनपुर गांव के निवासी 65 वर्षीय वृद्ध की गोली मारकर हत्या हुई थी जिसमें पूर्व रंजिश के तहत 4 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। आरोपी कई वर्ष पहले हुए एक युवक के हत्याकांड के पैरवीकार व वादी हैं। वहीं एक कलयुगी बेटे ने अपने बाप की हत्या सिर्फ इसलिए कर दी कि वह अपने ऊपर हुए मुकदमे में वादी पर दबाव बनाकर फैसला कर सके लेकिन पुलिस जांच में खुद ही फंस गया। खुलासा करते हुए एएसपी ने बताया कि मुकदमे के फैसले का दबाव बनाने के लिए गवाहों व वादी पर हत्या के प्रयास 307 का मुकदमा लिखाने को बेटे ने ही अपने पिता की गोली मार दी थी जिससे वृद्ध बाप की मौत हो गयी। बेटे ने विरोधियों के नाम रिपोर्ट दर्ज करा दी थी। मामले में पुलिस ने मृतक वहीद के बेटे अरशद व उसके एक अन्य साथी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
बेटे ने कहा, हत्या का इरादा नहीं था
पिता के कातिल बेटे ने बताया कि हमारा हत्या का इरादा नहीं था। एक केस में हमारा फैसला नहीं हो पा रहा था। इसमें 307 बनाने की कोशिश की थी। इसमें मेरे द्वारा पापा की हत्या हो गई। मैं उन्हें मारना नहीं चाहता था। 307 बनाने की कोशिश इसलिए कर रहे थे क्योंकि दूसरी पार्टी फैसला नहीं करना चाह रही थी जिससे हमारा पूरा परिवार फंसने जा रहा था और हम ये सोचकर कि 307 बनने पर दूसरी पार्टी से फैसला हो जायेगा लेकिन उनकी मौत हो गई। मुझे अपने किये पर बहुत अफसोस है।
पुलिस जांच में बेटा निकला हत्यारा
एएसपी शामली श्लोक कुमार ने बताया कि ये 7 मई की घटना है। थाना झिंझाना को 100 नम्बर के माध्यम से ये जानकारी मिली थी कि एक वहीद नाम के व्यक्ति जिसकी उम्र करीब 70 वर्ष की थी, उसकी गोली मारकर हत्या कर दी है। इस सूचना पर वादी वहीद के लड़के ने बताया था कि 4 व्यक्ति जो कि मोटरसाइकिल पर आये थे, उन्होंने आकर गोली मार दी थी। जानकारी पर विवेचना की गई तो ये बात सामने आई कि जो चार व्यक्ति नामजद किये गये हैं इनसे वादी पक्ष की पुरानी रंजिश है। 2015 में एक मुकदमा लिखा गया था जिसमें जो मृतक है और उसके परिवार के अन्य लोग नामजद थे, इसके कारण सन्देह उत्पन्न हुआ।
जांच में ये बात सामने आई कि जिन चार लोगों का हत्या में नाम लिया जा रहा है, वह मौके पर नहीं थे। गहनता से विवेचना में ये बात सामने आई कि इस मुकदमे 9 मई की तारीख लगी हुई और 7 तारीख की यह घटना है। दूसरे पक्ष पर दबाव बनाने के लिए इस घटना को अंजाम दिया गया कि दूसरा पक्ष इस तारीख पर न्यायलय में ना जाये और इन्हें राहत मिल जाये। इसमें हमने दो लोगो को गिरफ्तार कर लिया है। अरशद व इलियास, अरशद मृतक का पुत्र है। दोनों ने पूछताछ में सारी बातें कबूल ली है।