विवादों में घिरे स्वामी प्रसाद मौर्य फिर हमलावर, बोले- ये पलटीमार बाबा या थूककर चाटने वाले हैवान
स्वामी प्रसाद मौर्या ने परमहंस आचार्य पर तीखा हमला किया है। उन्होंने कहा कि जिन दंभी, पाखंडी, छद्मभेशी बाबाओं ने सिर काटने वालों को 21लाख ₹ देने की घोषणा की थी, अब वह पलटीमार बाबा बन गए।
समाजवादी पार्टी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य लगातार अपनी बयानबाजी के चलते चर्चा में हैं। जिस तरह से उन्होंने रामचरित मानस को लेकर विवादित टिप्पणी की उसको लेकर वह सुर्खियों में हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयान के बाद हनुमानगढ़ी के पुजारी राजूदास ने उनके खिलाफ 21 लाख का इनाम घोषित किया था। उन्होंने एक वीडियो जारी करके कहा था कि जो भी उनका सिर तन से जुदा करेगा उसे 21 लाख का इनाम दिया जाएगा। उसके बाद लगातार स्वामी प्रसाद हमलावर हैं।
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स्वामी प्रसाद मौर्य ने ट्वीट करके लिखा, समस्त महिला समाज व शूद्रवर्ण के सम्मान की बात क्या किया, मानो पहाड़ टूट गया। जिन दंभी, पाखंडी, छद्मभेशी बाबाओं ने सिर काटने वालो को 21लाख ₹ देने की घोषणा की थी, वही बाबा फोटो को तलवार से काटकर अपने शैतान होने की पुष्टि कर दी। अब इन्हे पलटी मार बाबा कहें या थूककर चाटने वाला हैवान। देश की महिलाओं, आदिवासियों, दलितों व पिछड़ो के सम्मान की बात करने से तथाकथित धर्म के ठेकेदारों को मिर्ची क्यों लग रही है। आखिर ये भी तो हिन्दू ही हैं। क्या अपमानित होने वाले 97% हिन्दुओं की भावनाओं पर अपमानित करने वाले 3% धर्माचार्यों की भावनायें ज्यादा मायने रखती हैं।
अपने बयान को लेकर विवादों में आए स्वामी प्रसाद इसपर कायम हैं। वह लगातार साधू-संतों पर पलटवार भी कर रहे हैं। दरअसल मंगलवार को स्वामी प्रसाद मौर्य की तस्वीर को परमहंस आचार्य ने विरोध स्वरूप तलवार से काटा था। उन्होंने कहा कि अगर वह नहीं सुधरे तो उनका सिर अपने हाथ से कलम कर देंगे।धर्म की रक्षा के लिए राक्षसों का नाश जरूरी है, यह हमारी संस्कृति है।
इससे पहले स्वामी प्रसाद ने ट्वीट करके कहा था, हर असंभव कार्य को संभव करने का नौटंकी करने वाले एक धाम के बाबा की धूम मची है। आप कैसे बाबा है जो सबसे सशक्त पीठ के महंत होने के बावजूद सिर तन से जुदा करने का सुपारी दे रहे हैं, श्राप देकर भी तो भस्म कर सकते थे। 21 लाख ₹ भी बचता, असली चेहरा भी बेनकाब न होता। धर्म की दुहाई देकर आदिवासियों, दलितों-पिछड़ों व महिलाओं को अपमानित किए जाने की साजिश का विरोध करता रहूँगा, जिस तरह कुत्तों के भौंकने से हाथी अपनी चाल नहीं बदलती उसी प्रकार इनको सम्मान दिलाने तक मैं भी अपनी बात नहीं बदलूंगा।
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