VIDEO: सैफई में पुलिस-पब्लिक का बवाल बना आफत, महिलाएं-बच्चे बुरी तरह घायल
इनमें एक महिला को मरणासन्न हालत में छोड़ा गया। करीब एक घंटे तक चले पुलिस बल के उत्पीड़न से पूरे गांव में भगदड़ के साथ चीख-पुकार होती रही।
इटावा। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के सैफई थाना क्षेत्र के भूटा गांव में दबंगों का इतना कहर है कि आम आदमी का जीना मुश्किल है। यहां दबंग महिलाओं पर अत्याचार किए जा रहे हैं। अत्याचर से पीड़ित सैकड़ों महिलाओं ने इटावा मुख्यालय आकर एसएसपी का दरवाजा खटखटाया और इन शातिर किस्म के अपराधियों से बचने की गुहार लगाई।
इटावा जिले के सैफई थाने की पुलिस सोमवार रात भूटा के ग्रामीणों पर टूट पड़ी। महिला, बच्चों, बुजुर्गों को लाठी-डंडे और लात-घूंसों से बेरहमी से पीटा गया था। इसमें एक दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए। इनमें एक महिला को मरणासन्न हालत में छोड़ा गया। करीब एक घंटे तक चले पुलिस बल के उत्पीड़न से पूरे गांव में भगदड़ के साथ चीख-पुकार होती रही। थाना पुलिस फॉलोवर की पिटाई की शिकायत पर ही भड़क गई थी।
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ये
है
पूरा
मामला
आपको बता दें कि भूटा के रहने वाले श्रीकृष्ण शाक्य रात करीब आठ बजे हरदोई के बाजार से लौट रहा था। बाजार से लौटते समय गांव के बाहर उनका सामना थाने में फॉलोवर अवधेश से हो गया। दोनों के बीच किसी बात पर विवाद हो गया। इस पर अवधेश ने थाने में सूचना दी कि उसके साथ मारपीट की गई है। थाने से तुरंत दो सिपाही सादी वर्दी में मौके पर पहुंच गए और श्रीकृष्ण की बाइक में लात मारकर उनके साथ मारपीट शुरू कर दी। चीख-पुकार पर गांव के लोग दौड़कर पहुंचे तो श्रीकृष्ण को पीटते सादी वर्दी वाले सिपाहियों को अराजक तत्व समझ कर पीट दिया। ग्रामीणों द्वारा पीटे जाने पर दोनों सिपाहियों ने थाने में इसकी सूचना दी। इस पर थाना से भारी संख्या में पुलिस बल गांव में पहुंच गया और ग्रामीणों को बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया। श्रीकृष्ण की पत्नी हृदेश को मरणासन्न हालत में छोड़ा। उनके पूरे शरीर में चोटें आईं।
उनको सैफई स्थित यूपीयूएमएस में भर्ती कराया गया है। उनके अलावा श्रीकृष्ण सहित एक दर्जन से ज्यादा महिलाओं, पुरुषों, बच्चों को चोटें आईं हैं, जिन्होंने निजी क्लीनिक-हॉस्पिटल जाकर इलाज कराया है। थाना पुलिस ने श्रीकृष्ण के खिलाफ शांति भंग की धारा में कार्रवाई भी की है। पुलिस उत्पीड़न से ग्रामीणों ने एसएसपी का दरवाजा खटखटाया। वहीं जब ये ग्रामीण अपने आपको पुलिस के कहर से नहीं बचा सके तो सैकड़ों की संख्या में महिलाएं और पुरुष इटावा एसएसपी कार्यालय पहुंच गए और ज्ञापन देकर अपने आपको इन दबंगों और पुलिस से बचाने की गुहार लगाई। वहीं जब इटावा के एसएसपी से इस मामले में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि पुलिस उत्पीड़न के संबंध में मामला संज्ञान में आया है। इस पूरे घटनाक्रम की जांच एडीशनल एसपी से कराई जाएगी। जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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