डीएम, एसएसपी ने किया जेलों का औचक निरीक्षण, मिले आपत्तिजनक सामान
सहारनपुर। जब से बागपत जेल में कुख्यात मुन्ना बजरंगी की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई, तब से जेलों में सुरक्षा व्यवस्था और अधिक सुदृढ़ बनाने को शासन गंभीर नजर आ रहा है। नए आदेशों के चलते गुरुवार को जिलाधिकारी आलोक कुमार व एसएसपी उपेंद्र कुमार अग्रवाल ने अमले के साथ जिला कारागार का निरीक्षण किया। कुल 5 टीमों ने एक साथ बैरकों में छापामारी की और कई आपत्तिजनक वस्तुएं व नकदी टीमों के हाथ लगी है। इससे भरी बरसात में भी जेल अधिकारी पसीना-पसीना रहे। सुबह से लगातार हो रही बारिश के बीच अचानक दोपहर के समय जिलाधिकारी और एसएसपी अमले के साथ जिला कारागार के मुख्य द्वार पर पहुंचे तो सूचना मिलते ही जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया तत्काल डीएम और कप्तान भीतर प्रवेश कर गए और सीधे बंदियों की बैरकों में जाकर उनका सामान खंगालना शुरू कर दिया। इस पूरी कार्रवाई के दौरान जेल प्रशासन में हड़कंप मचा रहा।
5-5
सीओ
एसडीएम,
10
थानेदार
व
दो
कंपनी
पीएसी
लगी
छापामारी
की
पूरी
कार्रवाई
गुप्त
रखी
गई
थी।
बिना
सूचना
के
आला
अधिकारियों
और
इतने
बड़े
अमले
को
दरवाजे
पर
देख
जेल
अधिकारियों
को
भरी
बरसात
में
भी
पसीना
आ
गया।
5
सीओ
व
5
एसडीएम
के
साथ
10
थानेदार
व
दो
कंपनी
पीएसी
को
लगाया
गया
था।
कुल
5
टीमें
बनाई
गई
और
बैंरकों
में
एक
साथ
छापेमारी
की
कार्रवाई
हुए,
ताकि
किसी
को
संभलने
का
मौका
भी
ना
मिल
सके।
मिला
आपत्तिजनक
सामान
सूत्रों
की
माने
तो
कई
बैरकों
से
जमीन
में
गाड़
कर
रखी
गई
नगदी,
ब्लेड
व
कैंची
आदि
सामान
बरामद
हुआ।
एक
किताब
भी
मिली।
जिसमें
मोबाइल
रखने
को
सांचा
काटा
गया
था।
माना
जा
रहा
है
कि
किताब
में
छुपाकर
मोबाइल
भी
जेल
के
भीतर
पहुंचा।
मगर
फिलहाल
मोबाइल
बरामद
नहीं
हो
सका
है।
यह
अधिकारी
रहे
शामिल
डीएम
आलोक
कुमार
व
एसएसपी
उपेंद्र
कुमार
अग्रवाल
के
अलावा
छापामारी
कार्रवाई
में
एडीएमए
एसके
दुबे,
एडीएमएफ
विनोद
कुमार,
एसपी
सिटी
प्रबल
प्रताप
सिंह,
सीओ
प्रथम
इंदु
सिद्धार्थ
एसडीएम
सदर
संगीता,
सीओ
प्रथम
इंदु
सिद्धार्थ
सहित
नकुड़,
बेहट,
गंगोह
व
रामपुर
के
एसडीएम
और
सीओ
शामिल
रहे।
डीआईजी
जेल
की
छापामारी
पर
लगा
सवालिया
निशान
यहां
यह
भी
बताते
चलें
कि
बुधवार
को
डीआईजी
जेल
संजीव
त्रिपाठी
भी
दो
बार
जिला
कारागार
पहुंच
छापामारी
की
कार्रवाई
कर
चुके
हैं।
जिला
कारागार
के
साथ
साथ
डीआईजी
जेल
ने
देवबंद
उप
कारागार
का
भी
निरीक्षण
किया
था।
उस
समय
कोई
आपत्तिजनक
वस्तु
नहीं
मिली
और
अब
डीएम
व
एसएसपी
की
अचानक
छापामारी
में
बैरकों
ने
जब
आपत्तिजनक
वस्तुएं
उगली
हैं,
तो
ऐसे
में
डीआईजी
जेल
की
छापामारी
कार्रवाई
पर
सवालिया
निशान
लग
रहा
है।
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