यूपी: सहायक शिक्षक भर्ती घोटाले में जांच शुरू, बंद कमरे में जांच अधिकारियों के सवाल पूछने पर मिला ये जवाब
इलाहाबाद। उत्तर प्रदेश की 68500 सहायक अध्यापक भर्ती में गड़बड़ी के आरोपों की जांच शुरू हो चुकी है। भर्ती प्रक्रिया में धांधली हुई है? या गलतियों की वजह से इतने बड़े घोटाले का आरोप लगा है? इस बाबत जांच टीम परत-दर-परत खंगाल रही है।
गौरतलब है कि इस भर्ती प्रक्रिया में धांधली के आरोपों को राज्य सरकार द्वारा गठित त्रिस्तरीय जांच टीम सुलझा रही है। पिछले 2 दिनों से सच्चाई की खोज में इलाहाबाद स्थित परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय में 3 सदस्यी जांच टीम ने अपना डेरा डाल दिया है। जांच टीम निलंबित परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव समेत अन्य अधिकारी व कर्मचारियों से पूछताछ कर रही है। भर्ती से संबंधित सारे रिकॉर्ड जांच टीम ने तलब कर लिए हैं और अधिकारियों ने जिन कर्मचारियोंपर गलती करने का आरोप लगाया है, उन्हें भी तलब कर संबंधित अधिकारियों के समक्ष पेश किया जा रहा है।
खाक
छान
रही
टीम
रविवार
की
रात
इलाहाबाद
पहुंच
चुकी
जांच
टीम
ने
सोमवार
को
लंबे
समय
तक
अधिकारियों
से
पूछताछ
करते
हुए
अभिलेखों
का
अवलोकन
किया।
शिकायतों
के
बाबत
सवाल
जवाब
किए
गए
तो
जांच
टीम
को
अधिकारियों
द्वारा
कई
सवालों
पर
जवाब
भी
दिया
गया
है।
पूछताछ
के
दौरान
अधिकारियों
ने
अपने
उपर
के
किसी
भी
अधिकारी
का
नाम
गलती
से
लिया
तो
उसे
भी
बुला
कर
कार्यालय
में
अधिकारियों
के
सामने
बैठा
दिया
गया
और
फिर
उनसे
भी
पूछताछ
हुई।
जांच
अधिकारियों
की
इतनी
कड़ाई
से
हर
किसी
के
होश
उड़े
हुए
हैं
और
संभावना
है
कि
इस
मामले
में
जल्द
ही
सारी
स्थिति
साफ
हो
जाएगी।
क्या
मिला
जांच
टीम
को
जवाब
जांच
टीम
ने
सरकार
की
मंशा
के
अनुरूप
निलंबित
अधिकारियों
से
पूछा
कि
इतनी
बड़ी
जिम्मेदारी
व
जिम्मेदार
पद
पर
होने
के
साथ
जब
पूरी
तरीके
से
पारदर्शी
प्रक्रिया
अपनाई
गई
थी
तो
आखिर
चूक
कहां
और
कैसे
हो
गई?
जांच
टीम
ने
अनुत्तीर्ण
होने
वाले
23
अभ्यर्थियों
की
सूची
बेसिक
शिक्षा
परिषद
को
भेजने
पर
गंभीर
सवाल
उठाए
तो
अधिकारियों
द्वारा
जवाब
दिया
गया
कि
उत्तर
पुस्तिकाओं
के
अंक
एवार्ड
ब्लैंक
पर
दर्ज
करने
में
चूक
हो
गई
है।
इस
तरह
की
दूसरी
गलतियां
भी
जो
हुई
हैं
वह
भी
अंक
दर्ज
करने
में
मानवीय
चूक
के
कारण
हुई
हैं।
हालांकि
अधिकारियों
के
इस
जवाब
से
जांच
टीम
संतुष्ट
नहीं
हुई
और
उन्होंने
सोनिका
देवी
की
कॉपी
गुम
होने
व
अंक
बदलने
की
ढेरों
शिकायतों
पर
जवाब
मांगा।
इस
पर
अधिकारियों
द्वारा
बताया
गया
कि
सोनिया
देवी
की
कॉपी
गुम
नहीं
हुई
है।
कॉपी
का
बारकोड
बदल
जाने
के
कारण
समस्या
आई
है
और
जल्द
ही
कॉपी
मिल
जाने
के
बाद
मामला
साफ
हो
जाएगा।
वहीं, अभ्यार्थियों के अंकों में हेराफेरी की सारी गलती का ठीकरा जांच एजेंसी व शिक्षकों के सिर पर फोड़ा गया है। अधिकारियों द्वारा बताया गया है कि जांच एजेंसी वह शिक्षकों द्वारा अंक की जगह बारकोड व अन्य सूचनाएं लिख देने से इस तरह की समस्या सामने आई है। इस वजह से अभ्यार्थियों के अंकों में गड़बड़ी देखने को मिली है।
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