अब भगवान को चढ़ाया दूध नहीं बहेगा नालियों में, सरकार ने किए सख्त इंतजाम
मथुरा। सरकार ने अब मंदिरों में चढ़ाए जाने वाले दूध की बर्बादी रोकने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। जिला प्रशासन ने घोषणा की है कि अब अगर मंदिरों में चढ़ाया जाने वाला दूध नीली में बहा तो मंदिर प्रशासन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जिला प्रशासन ने इस बाबत मंदिर प्रशासन को भगवान पर चढ़ाए जाने वाले दूध के समुचित निस्तारण की व्यवस्था करन के निर्देश दिए हैं और ऐसा ना करने पर एफआईआर करने के की चेतावनी दी है।
इन
मंदिरों
को
मिला
नोटिस
मथुरा
का
गोवर्धन
मंदिर
जहां
हर
साल
करोड़ों
श्रद्धालु
आते
हैं
और
गोवर्धन
की
परिक्रमा
कर
यहां
पड़ने
वाले
प्रमुख
मंदिरों
में
दूध
चढ़ाते
हैं।
लेकिन
भगवान
पर
चढ़ने
वाला
यह
दूध
अब
श्रद्धालु
और
स्थानीय
लोगों
के
लिए
समस्या
बनता
जा
रहा
है।
क्योंकि
भगवान
पर
चढ़ने
वाला
यह
दूध
नालियों
में
बहता
है
और
सड़ने
के
कारण
दुर्गंध
फैलाता
है।
इस
बात
की
शिकायत
कई
बार
एनजीटी
में
की
गई।
शिकायत
में
दानघाटी
मन्दिर,
मुकुट
मुखारबिंद
मंदिर
मानसी
गंगा
सहित
अन्य
मन्दिरों
से
निकलने
वाला
दूध
नालियों
में
जाता
है
और
वहां
गन्दगी
और
बदबू
फैलता
है।
ईटीपी
प्लांट
लगाने
के
दिए
निर्देश
इस
पर
एनजीटी
ने
मंदिर
प्रबंधन
को
इस
दूध
के
निस्तारण
के
लिए
ईटीपी
प्लांट
लगाने
के
लिए
कहा।
लेकिन
इसके
बाबजूद
भी
मन्दिर
प्रबंधकों
ने
इस
तरफ
कोई
ध्यान
नहीं
दिया
गया।
इसके
बाद
एसडीएम
गोवर्धन
ने
मन्दिरों
को
एक
नोटिस
जारी
किया।
इसमें
इस
दूध
के
जल्द
से
जल्द
निस्तारण
करने
के
लिए
कहा
और
ऐसा
न
करने
पर
रिपोर्ट
दर्ज
कराने
की
चेतावनी
भी
दी।
एनजीटी
के
सख्त
रवैये
के
बाद
जिला
प्रशासन
ने
अब
कड़ा
रुख
अख्तियार
किया
है
लेकिन
देखना
यह
होगा
कि
क्या
जिला
प्रशासन
के
कड़े
रुख
के
बाद
मंदिर
प्रबंधतंत्र
नालियों
में
बहने
वाले
सैकड़ों
लीटर
दूध
के
निस्तारण
के
लिए
क्या
उपाय
तलाशता
है
या
फिर
इसी
तरह
यहां
नालियों
में
दूध
बहता
रहेगा।
दूध
जो
चढ़ता
है
वो
वेस्ट
जाता
है
दिल्ली
से
आई
महिला
श्रद्धालु
दिव्यांशी
और
सहारनपुर
से
आए
राहुल
का
कहना
है
ढूध
जो
हम
चढ़ाते
हैं
नालियों
में
जाता
है।
इससे
बेटर
है
कि
हम
किसी
गरीब
को
दें
या
फिर
दूध
का
कुछ
ऐसा
करें
कि
इसका
अच्छे
से
उपयोग
हो
सकें।
हम
लोग
यह
हर
साल
यहां
परिक्रमा
के
लिए
आते
है
मुझे
भी
लगता
है
कि
यहां
दूध
जो
चढ़ता
है
वो
वेस्टेज
जाता
है
।
अभी
प्राप्त
हुआ
है
नोटिस
प्रबंधक
दान
घाटी
मन्दिर
डाल
चंद
चौधरी
ने
बताया
की
कल
प्रदूषण
नियंत्रण
बोर्ड
से
नोटिस
ले
कर
आए
मन्दिर
पर
जो
दूध
चढ़
रहा
है
उस
सम्बन्ध
में
था।
वो
नोटिस
उन्होंने
कहा
कि
इसका
निस्तारण
करें
उप
जिलाधिकारी
से
नोटिस
आज
आया
है
अभी
प्राप्त
हुआ
है।
गरीबों
में
बाँट
देना
चाहिए
दूध
को
उपजिलाधिकारी,
गोवर्धन
डीपी
सिंह
नोटिस
के
बारे
में
जानकारी
देते
हुए
बताया
की
गोवर्धन
आने
वाले
श्रद्धालु
यहां
अपने
आराध्य
को
दूध
चढ़ाते
हैं।
गोवर्धन
पर
चढ़ने
वाले
दूध
की
मात्रा
यहां
एक
अनुमान
के
मुताविक
प्रतिदिन
सैंकड़ों
किलो
होती
है।
लेकिन
जब
यह
भगवान
पर
चढ़ने
के
बाद
नालियों
में
बहता
है
तो
गंदगी
तो
फैलाता
ही
है
साथ
ही
लोगों
की
भावनाओं
को
ठेस
पहुँचाता
है।
गोवर्धन
दर्शन
करने
आए
श्रद्धालुओं
का
मानना
है
कि
यह
दूध
या
तो
गरीबों
में
बाँट
दिया
जाए
या
फिर
दूध
चढ़ाना
ही
बन्द
कर
दिया
जाए।
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