दो दिन से गमगीन रहा अटल जी की बुआ का गांव, इस तरह जताया लोगों ने दुख
कानपुर। विराट प्रतिभा के धनी भारत रत्न से सम्मानित आम स्वभाव से हर भारतीय के दिल में राज करने वाले प्रखर विद्वान साहित्यरत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन से हर भारतीय आहत हैं। देश अपनी अश्रुपूर्ण श्रद्धांजलि देकर अपनी संवेदनाएं व्यक्त कर रहा है। अटल जी की बुआ के गांव में भी लोग भावुक हैं।
अटल बिहारी वाजपेयी अपनी बुआ के घर कानपुर के गांव गहलो में अंतिम बार 1995 में आये थे। इस दौरान करीब डेढ़ घण्टे तक अटल जी अपनी बुआ के साथ रहे। बता दें कि अटल जी अपनी बुआ से बहुत प्यार करते थे। अटल जी की बुआ उन्हें प्यार से अटलू कहकर बुलाया करती थी और अटल जी भी अपनी बुआ को प्यार से लालू नाम से बुलाया करते थे।
कानपुर के डीएवी कालेज में पढ़ाई के दौरान अटल जी अपनी बुआ के यहां आते रहते थे। जब अटल जी विपक्ष में थे तो अटल जी की बुआ ने अटल को बुलाने के लिए गांव के ही रविंद्र अवस्थी से कहा था तो रविंद्र अवस्थी के निवेदन पर अटल जी आखिरी बार 21 मई 1995 को कानपुर देहात के गहलो गांव अपनी बुआ के घर पहुंचे थे।
बुआ
से
मिलने
आये
थे
अटल
जी
अपनी
बुआ
को
इतना
चाहते
थे
कि
बुआ
की
झलक
पाने
के
लिए
गांव
की
गलियों
में
पैदल
घूमते
हुए
घर
पहुंचे
थे
और
यहां
बाजार
में
सब
लोगो
को
संबोधित
कर
अच्छे
कार्य
करने
के
दिशा
निर्देश
दिए
थे।
आज
उनके
निधन
पर
गहलो
के
लोग
बहुत
ही
ज्यादा
दुखी
है।