UP: Governor ने 4 घंटे तक योगी मंत्रिमंडल से लिया Feedback,कैबिनेट-राज्यमंत्रियों के बेहतर तालमेल पर फोकस
लखनऊ, 28 जुलाई: उत्तर प्रदेश में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने एक नई परम्परा की शुरुआत की। पहले यह परंपरा नहीं थी लेकिन इस बार आनंदी बेन ने लीक से हटकर काम किया और बुधवार देर शाम को सीएम योगी आदित्यनथ और उनके मंत्रियों से 100 दिनों के कामकाज का फीडबैक लिया। इस दौरान राज्यपाल ने इशारों ही इशारों में उन सभी मुद्दों पर मंत्रियों को नसीहत देने का काम किया जो हाल फिलहाल चर्चा के केंद्र में थे। यूपी सरकार में तबादलों को लेकर उठे तूफान से लेकर राज्यमंत्री और कैबिनेट मंत्रियों के बीच मतभेदों को लेकर भी नसीहत दी।
दरअसल बुधवार को राजभवन में चार घंटे के मैराथन सत्र में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने मंत्रियों के साथ बातचीत की। इसमें सभी विभाग प्रमुखों ने पिछले 100 दिनों में अपने मंत्रालयों की उपलब्धियों का ब्योरा दिया और विभिन्न संभागों के अपने दौरे के अनुभव साझा किए। राज्यपाल ने उन पहलों के बारे में भी बताया जो उन्होंने पिछले तीन वर्षों में की हैं।
सूत्रों ने कहा कि अपनी तरह की पहली बैठक जहां राज्यपाल और मंत्रियों के बीच एक अनौपचारिक सत्र आयोजित किया गया था। इसकी शुरुआत मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा की गई थी। यह सरकार में हाल ही में पैदा हुई परिस्थितियों लेकर थी।जहां एक मंत्री ने अपना इस्तीफा भाजपा आलाकमान को भेज दिया था। जबकि कम से कम दो और ने अपने विभागों में भ्रष्टाचार को उजागर किया था।
सूत्रों की माने तो एक कैबिनेट मंत्री ने बैठक के बारे में बताया कि,
"सीएम ने सभी नए मंत्रियों को राज्यपाल से मिलवाया और उन्होंने अपने अब तक के अनुभवों के बारे में बात की। फिर सभी कैबिनेट मंत्रियों और स्वतंत्र प्रभार वाले राज्य मंत्रियों ने पिछले 100 दिनों में अपने विभागों की उपलब्धियों के बारे में बात की। लगभग 30 मंत्रियों ने पांच-पांच मिनट तक बात की। राज्यपाल ने सरकार के कामकाज पर प्रसन्नता व्यक्त की।"
एक अन्य मंत्री ने बताया कि इस सत्र के बाद विभिन्न संभागों में उनकी यात्राओं के अनुभव साझा किए गए। यह पहल सीएम ने अपने दूसरे कार्यकाल में की थी जहाँ उन्होंने मंत्रियों के 18 समूह बनाए और प्रत्येक को एक-एक डिवीजन में भेजा। हमने ऐसी दो यात्राएं की हैं। मंत्रियों ने चर्चा की कि उन्होंने क्या अनुभव रहे हैं और यह पहल शासन में कैसे मदद कर रही है। राज्यपाल ने अपने द्वारा की गई पहलों के बारे में भी बताया, जिसमें विश्वविद्यालयों में उनकी भागीदारी, शिक्षा और कुपोषण पर काम शामिल है।