यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा पास कराने के लिए ठेकेदारों ने अपनाए ये 7 तरीके
लखनऊ। 25 और 26 अक्टूबर को हुई यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा में नकल कराने के कई मामले सामने आए हैं। नकल माफियाओं के पूरे गिरोह इस परीक्षा में सक्रिय दिखे। नकल कराने के अलग-अलग तरीके इन परीक्षाओं में देखे गए। व्हाट्सऐप पर पेपर सॉल्व करने से लेकर सॉल्वरों तक को आजमाया गया। हम आपको उन तरीकों के बारे में बता रहे हैं जो यूपी पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा के लिए आजमाए गए। यूपी पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड के माध्यम से सिपाहियों के 42 हजार पदों पर भर्ती के लिए ये परीक्षा आयोजित कराई गई। परीक्षा जून 2018 में ही कराई गई थी लेकिन कुछ कमियों सामने के बाद इसे निरस्त करके इसे फिर से कराया गया।
1. व्हाट्सऐप और पर्ची भेजकर नकल कराना
हाइटेक तकनीक का इस्तेमाल नकलची बखूबी करते हैं। इस बार कि सिपाही भर्ती परीक्षा में पेपर लीक करने के लिए व्हाट्सऐप का सहारा लिया गया। इसमें अभ्यर्थी को नकल गैंग के साथी सवालों के जवाब की फोटो खींचकर व्हाट्सऐप पर भेजते हैं। परीक्षा सेंटर में इसकी पूरी सेंटिंग होती है।
2. फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल
सिपाही भर्ती परीक्षा के दौरान इलाहाबाद स्थित आरबीएस इंटर कॉलेज में तीन ऐसे संदिग्ध ड्यूटी पर तैनात थे जिनके पास फर्जी आधार कार्ड व अन्य दस्तावेज मौजूद थे। ड्यूटी में तैनाती के लिए उन्होंने किसी और के दस्तावेजों व आधार कार्ड के उपर से फोटो हटाकर अपनी फोटो लगवाई थी। इनका मकसद ये था कि ड्यूटी के दौरान अपने लोगों को सुविधा व मदद उपलब्ध कराई जा सके।
3. सॉल्वर गैंग की मदद
सरकारी विभाग की परीक्षाओं में फर्जी तरीके से पास करवाने के लिए सॉल्वर्स की मदद ली जाती है। सिपाही भर्ती परीक्षा में इस बार बडे़ पैमाने पर सॉल्वरों को गिरफ्तार किया गया है। सॉल्वर गैंग के सदस्य अभ्यर्थी की जगह खुद बैठकर परीक्षा देते हैं और फर्जी तरीके से अभ्यर्थी को पास काराकर उससे मोटी रकम लेते हैं। इसके लिए वो अभ्यर्थी के एडमिट कार्ड में फेरबदल करते हैं साथ ही उनके पास तमाम फर्जी आईडी पहले से बने होते हैं जिसके सहारे वो परीक्षा केंद्रों में आसानी से प्रवेश पा लेते हैं।
4. पेपर आउट कराना
पेपर लीक कराने में विभागीय कर्मचरियों का सबसे बड़ा योगदान होता है। एक रात पहले पेपर भेजा जाता है ताकि वो रट सके और परीक्षा पास कर सके। सहारनपुर सहित कई जगहों पर सिपाही भर्ती परीक्षा में पेपर लीक का जाल बिछाया गया था। केंद्र से जब पेपर मिलता तो इस पेपर को व्हाट्सऐप पर भेजा जाता। पेपर लीक कराने के लिए दो लोगों की ड्यूटी कॉलेज के निरीक्षक कक्ष में लगवाई गई थी।
5. ड्यूटी पर तैनात शख्स की मिलीभगत से
कई बार लोग परीक्षा हॉल में ड्यूटी दे रहे गार्ड से मिलीभगत कर लेते हैं। गार्ड अभ्यर्थियों को लगातार आकर सवालों के जवाब बताता है और अभ्यर्थी उसके सहारे परीक्षा पास कर लेते हैं। इस सांठ-गांठ में गार्ड को अभ्यर्थी द्वारा तय राशि दी जाती है। ऐसे भी मामले इस परीक्षा में देखने को मिले हैं।
6. हाईटेक तकनीक
अभ्यर्थी परीक्षा में नकल के लिए हाईटेक तकनीक का इस्तेमाल करते हैं। अमूमन लोग परीक्षा में नकल के लिए ब्लूटूथ, इयरफोन, मोबाइल फोन इत्यादि का सहारा लेते हैं। परीक्षाओं में धांधली के ज्यादातर मामले इससे ही जुड़े हुए आते हैं। कई लोग नकल करने के लिए फोन व ब्लूटूथ का भी सहारा लेते हैं। सिपाही भर्ती परीक्षा में इस प्रकार के मामले भी सामने आए हैं।
7. ठेके पर काम देना
इस बार की सिपाही भर्ती परीक्षा में अभ्यर्थियों को पास कराने के लिए बकायदा ठेका तक लिया गया था। इस डील में लाखों का सौदा हुआ जिसके तहत किसी भी तरह से अभ्यर्थी को पास करवाना है। शुक्रवार को आयोजित परीक्षा में वाराणसी और लखनऊ में ऐसे दो वक्ये देखने को मिले जिसमें कोई भी तरीका अपनाकर अभ्यर्थी को पास करवाना होता है। इसके लिए अभ्यर्थी से मोटी रकम ली जाती है।
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