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योगी आदित्यनाथ की सिर्फ एक सीबीआई जांच की सिफारिश हुई स्वीकार, कई पर जवाब नहीं

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की कमान संभालते ही योगी आदित्यनाथ ने पूर्व की सरकार की तमाम योजनाओं और प्रोजेक्ट का दौरा किया और उसके खिलाफ जांच बैठा दी। कई मामलों की सीबीआई जांच कराने के लिए उन्होंने इसके लिए केंद्र से सिफारिश भी की। लेकिन कई ऐसे मामले में जिसमे योगी सरकार ने सीबीआई जांच कराए जाने की सिफारिश की थी, उसे केंद्र सरकार ने खारिज कर दिया और कुछ पर अभी तक अपना जवाब नहीं दिया है।

 यमुनोत्री हाईवे की जांच से किया इनकार

यमुनोत्री हाईवे की जांच से किया इनकार

अखिलेश यादव के गोमती रिवर फ्रंट से लेकर लोक सेवा आयोग में भर्ती के फर्जीवाड़े के खिलाफ सीबीआई जांच कराए जाने के लिए योगी सरकार ने सिफारिश की थी, लेकिन सीबीआई की ओर से तमाम मामलों में अभी तक योगी सरकार को जवाब तक नहीं दिया गया है। यही नहीं सीबीआई ने दिल्ली से सहारनपुर होते हुए यमुनोत्री जाने वाले फोरलेन हाइवे में हुए कथित घोटाले की जांच से सीबीआई ने इनकार कर दिया है।

रिवर फ्रंट की जांच पर नहीं दिया जवाब

रिवर फ्रंट की जांच पर नहीं दिया जवाब

वहीं अखिलेश यादव के गोमती रिवर फ्रंट घोटाले की सीबीआई जांच पर एजेंसी ने कोई जवाब नहीं दिया है, जिसके बाद इसकी जांच आर्थिक अपराध शाखा (इओडब्ल्यू ) को सौंप दिया है। इसकी जांच गोमती नगर थाने के सीओ दीपक सिंह को सौंपी गई है। इस मामले में सिंचाई विभाग की ओर से एफआईआर दर्ज कराई गई है, लेकिन खुद सिंचाई विभाग इस मामले में कुछ भी कहने से बच रहा है, यही वजह है कि इस मामले की भी जांच ठंडे बस्ते में चली गई है। गौरतलब है कि योगी आदित्यननाथ ने गोमती रिवर फ्रंट की सीबीआई जांच की सिफारिश मुख्यमंत्री ने जून माह में की थी, लेकिन आजतक सीबीआई की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया है।

 हाइवे निर्माण में हुआ 455 करोड़ का गबन

हाइवे निर्माण में हुआ 455 करोड़ का गबन

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश स्टेट हाईवे अथॉरिटी ने 2011 में यमुनोत्री फोरलेन हाईवे का निर्माण कराया था। इस हाईवे के निर्माण में 148 करोड़ रुपए खर्च कर दिया गया, लेकिन सिर्फ सिर्फ 13 फीसदी ही काम पूरा हो सका। यही नहीं बैंक के अधिकारियों पर सीए की मिलीभगत से 603 करोड़ रुपए का भुगतान करा लिया गया। जिसके बाद 20 फरवरी 2017 को परियोजना के जीएम शिव कुमार अवधिया ने 14 बैंक अधिकारियों व कंपनी के निदेशक के खिलाफ 455 करोड़ रुपए गबन के तहत एफआईआर दर्ज करवाई थी। जिसके बाद योगी सरकार ने इस मामले की सीबीआई जंच की सिफारिश की थी।

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English summary
CBI and Yogi Adityanath are not going hand in hand with one another. CBI has accepted only one recommendation for the enquiry.
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