CBI ने केस दर्ज कर शुरू की UPPSC की 20 हजार भर्तियों की जांच
इलाहाबाद। लंबी खींचतान और हाईकोर्ट में सरकार के घेराव के बाद भी आखिरकार उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में हुई भर्तियों की जांच सीबीआई ने शुरू कर दी है। सीबीआई जांच के दायरे में लगभग 20 हजार पदों पर हुई भर्ती शामिल हैं और यह भर्ती प्रक्रिया पिछले 5 सालों में यानी अखिलेश सरकार के दौरान हुई है। भर्तियों की जांच कर रही सीबीआई ने प्रारंभिक जांच के लिए मामला दर्ज कर लिया है और एसपी सीबीआई राजीव रंजन के नेतृत्व में एक टीम ने लखनऊ पहुंच कर अपनी पड़ताल शुरू कर दी है। पहले दिन सीबीआई टीम ने लाल बहादुर शास्त्री भवन में प्रथम तल स्थित नियुक्ति विभाग में फाइलों को खंगाला और भर्ती से जुड़े कई दस्तावेज अपने कब्जे में ले लिए हैं।
5
साल
में
20
हजार
पदों
पर
भर्ती
अब
सीबीआई
अपने
स्तर
पर
जांच
करेगी
और
भर्ती
में
हुई
धांधली
का
क्लू
जुटाएगी।
गौरतलब
है
कि
सीबीआई
जांच
1
अप्रैल
2012
से
लेकर
31
मार्च
2017
के
बीच
हुई
भर्तियों
पर
होगी।
उत्तर
प्रदेश
लोक
सेवा
आयोग
ने
इन
5
सालों
में
लगभग
20
हजार
भर्तियां
की
है।
इसमें
पीसीएस
अधिकारी
से
लेकर
डॉक्टर-
इंजीनियर
तक
के
पद
शामिल
है।
पांच
साल
में
हुई
इन
भर्तियों
पर
आरोप
है
कि
अनियमितता
बरती
गई
है
और
एक
खास
वर्ग
को
फायदा
पहुंचाया
गया
है।
दरअसल
इन
आरोपों
को
तब
बल
मिलता
है
जब
कोर्ट
के
आंकड़े
सामने
आते
हैं,
इन
भर्तियों
से
जुड़े
लगभग
700
ऐसे
मामले
हैं
जो
आज
भी
विभिन्न
अदालतों
में
लंबित
हैं।
बना
था
चुनावी
मुद्दा
उत्तर
प्रदेश
में
विधानसभा
चुनाव
के
दौरान
आयोग
की
भर्तियों
का
मुद्दा
चुनावी
मुद्दा
बन
गया
था
और
इसे
भुनाते
हुए
भाजपा
ने
कहा
था
कि
अगर
वह
सत्ता
में
आए
तो
सीबीआई
जांच
कराएंगे।
उसी
के
मद्देनजर
सीबीआई
जांच
के
लिए
25
जुलाई
को
योगी
कैबिनेट
में
मंजूरी
दी
थी
और
केंद्र
सरकार
को
पत्र
लिखा
था।
अगस्त
में
गृह
विभाग
ने
सीबीआई
से
जांच
की
सिफारिश
की
थी
जिसके
बाद
सीबीआई
ने
भी
जांच
के
लिए
अधिसूचना
जारी
कर
दी
थी,
लेकिन
इसी
बीच
लोक
सेवा
आयोग
हाईकोर्ट
चला
गया
और
अपनी
स्वायत्तता
को
लेकर
हाईकोर्ट
में
याचिका
दाखिल
कर
दी
है।
हाईकोर्ट
ने
जांच
पर
नहीं
लगाई
रोक
हाईकोर्ट
में
आयोग
की
याचिका
पर
सुनवाई
करते
हुये
कोर्ट
ने
सरकार
को
नोटिस
जारी
की
और
साथ
ही
सीबीआई
जांच
में
आयोग
के
अध्यक्ष
व
सदस्यों
से
पूछताछ
पर
रोक
लगा
दी।
हालांकि
कोर्ट
ने
सीबीआई
जांच
पर
रोक
लगाने
से
इन्कार
कर
दिया।
काफी
खींचतान
के
बाद
भी
सीबीआई
जांच
को
रोकने
का
कोई
आदेश
नहीं
आया
और
अब
उसी
क्रम
में
सीबीआई
ने
अपनी
प्रारंभिक
जांच
शुरू
कर
दी
है।
सीबीआई
जांच
से
कितने
गड़े
मुर्दे
उखडेंगे
यह
तो
देखने
वाला
विषय
होगा,
लेकिन
एक
बार
फिर
से
अभ्यार्थियों
के
जहन
में
न्याय
मिलने
की
उम्मीद
जाग
उठी
है।
बता
दें
कि
वर्षों
से
प्रतियोगी
छात्र
सीबीआई
जांच
की
मांग
को
लेकर
अनशन,
प्रदर्शन,
आंदोलन
कर
रहे
थे
और
अब
सीबीआई
जांच
शुरू
होने
से
उनको
कहीं
न
कहीं
बहुत
बड़ी
राहत
मिली
है।
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