गोरखपुर में चलता था कमीशनखोरी का धंधा, बिना पैसों के नहीं बढ़ती थी फाइल
बीआरडी मेडिकल कॉलेज में चलता था कमीशनखोरी का धंधा, मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल और उनकी पत्नी पर रिश्वत के संगीन आरोप, पुलिस ने किया गिरफ्तार
गोरखपुर। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में जिस तरह से ऑक्सीजन की कमी के चलते दर्जनों बच्चों की मौत हुई थी, उसके बाद अब एक के बाद एक अस्पताल के अधिकारियों पर कार्रवाई तेज होती जा रही है। इस मामले में मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल डॉ राजीव मिश्र और उनकी पत्नी पूर्णिमा शुक्ला को मंगलवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। दोनों की गिरफ्तारी के बाद इनके बारे में तमाम अनियमिततों की जानकारी खुलकर अब सामने आने लगी है। दोनों ही डॉक्टर पर कमीशनखोरी का संगीन आरोप है, जिसकी जांच की जा रही है।
राजीव मिश्र और पूर्णिमा शुक्ला पर आरोप है कि ये लोग अस्पताल में होने वाली ऑक्सीजन की सप्लाई में कमीशनखोरी करते थे। दोनों ही डॉक्टर ना सिर्फ ऑक्सीजन की खरीद बल्कि दवा की खरीद और संविदा कर्मचारियों की नियुक्ति में भी कमीशनबाजी करते थे। इन दोनों ही डॉक्टरों के खिलाफ जांच में यह बात खुलकर सामने आई है कि जो ऑक्सीजन लखनऊ के एसजीपीजीआई अस्पताल में 10 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से खरीदी जाती है वही ऑक्सीजन बीआरडी अस्पताल में 34 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से खरीदी जाती है।
बीआरडी में ऑक्सीजन की सप्लाई में बड़े स्तर पर धांधली की जाती थी और कमीशनखोरी के तौर पर मोटी रकम वसूली जाती थी। यही नहीं डॉक्टर राजीव व पूर्णिमा शुक्ला पर यह भी आरोप है कि ये दोनों ही अस्पताल में कर्मचारियों को संविदा पर रखने के लिए पैसे लेते थे। लोगों का कहना है कि अस्पताल में कमीशनखोरी का आलम यह था कि बिना रिश्वत और कमीशन के कोई भी फाइल आगे नहीं बढ़ाई जाती थी। गौरतलब है कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी के चलते 32 बच्चों की मौत हो गई थी, जिसके बाद डीएम की रिपोर्ट में अस्पताल के प्रिंसिपल को मुख्य आरोपी बताया गया था। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में हुए कांड के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने डॉक्टर राजीव शुक्ल को सस्पेंड कर दिया था।