प्रतापगढ़ में अपनी सीट भी नहीं बचा सकी बीजेपी, कांग्रेस वाली ने हरा दिया
पड़े। अविश्वास प्रस्ताव के पीछे कांग्रेस की पूरी गुणा-गणित सटीक बैठी। कई दिनों से इसके लिए कांग्रेस विधायक मोना और कांग्रेस के दिग्गज नेता प्रमोद तिवारी सियासी चाल चल रहे थे।
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इलाहाबाद। इलाहाबाद और कौशांबी में जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुखों की कुर्सी हथियाने में नाकामयाब भाजपा को एक और बड़ा झटका लगा है। प्रतापगढ़ में बीजेपी अपनी सीट भी नहीं बचा पाई है। लालगंज विकासखंड सीट पर काबिज बीजेपी समर्थित प्रत्याशी के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाया गया। जिसमें तीन गुने से ज्यादा वोट अविश्वास के पक्ष में पड़े।
बता दें कि इस सीट पर बीजेपी समर्थित प्रत्याशी रमेश प्रताप सिंह अभी तक ब्लॉक प्रमुख थे लेकिन उनके खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव में सत्ता के विपरीत लहर देखने को मिली। मतदान में रमेश प्रताप सिंह को 16 वोट मिले। जबकि 53 वोट रमेश के विरोध में पड़े। अविश्वास प्रस्ताव के पीछे कांग्रेस की पूरी गुणा-गणित सटीक बैठी। कई दिनों से इसके लिए कांग्रेस विधायक मोना और कांग्रेस के दिग्गज नेता प्रमोद तिवारी सियासी चाल चल रहे थे।
कांग्रेसियों ने इसे लोकतंत्र की जीत बताया और बीजेपी नीतियों की हार कहा। भाजपा की हार के बाद कांग्रेसियों ने मिठाई बांटी और पटाखे फोड़कर भाजपा की हार का जश्न मनाया। आपको बता दें कि रमेश, प्रत्याशी रहे नागेश के भाई हैं। जिन्होंने कांग्रेस के गढ़ रामपुर खास में कांग्रेस प्रत्याशी मोना मिश्रा से बेहद ही नजदीकी शिकस्त खाई थी। तब से ही दोनों गुटों में गहमागहमी चल रही थी और उसी में रमेश को अपनी सीट गंवानी पड़ी।
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