BJP ने MLC की दो सीटों पर घोषित किए उम्मीदवार, बेटे को परिषद भेजने का राजभर का ख्वाब टूटा
लखनऊ, 30 जुलाई: उत्तर प्रदेश में 11 अगस्त को विधान परिषद (MLC) की दो सीटों के लिए चुनाव होने हैं। संख्याबल के हिसाब से ये दोनों ही सीटें बीजेपी के पक्ष में जाएंगी। लेकिन ऐसी अटकलें लगाईं जा रहीं थीं कि बीजेपी एसबीएसपी के चीफ ओम प्रकाश राजभर को द्रौपदी मुर्मू को वोट देने का इनाम दे सकती है लेकिन राजभर का बेटे को बीजेपी ने उम्मीदवार नहीं बनाया है। ऐसे में राजभर का अपने बेटे अरविंद राजभर को विधायक बनाने का ख्वाब फिर अधूरा रह गया। हालांकि बीजेपी में इतने दावेदार थे कि भाजपा राजभर को कैसे अपनाएगी ये बड़ा सवाल था।
भाजपा की ओर से शनिवार को दोनों उम्मीदवारों के नाम की सूची जार की गई। इस सूची के मुताबिक बीजेपी ने गोरखपुर क्षेत्र के क्षेत्रिय अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह सैथवार और प्रयागराज की रहने वाली निर्मला पासवान को अपना उम्मदवार बनाया है। सूत्रों की माने तो एमएलसी की लिस्ट में केवल दो ही लोगों सीएम योगी और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की चली है। दोनों अपने अपने इलाके से अपने खास लोगों को एमएलसी का टिकट दिलाने में कामयाब रहे।
एमएलसी की 2 सीटों पर होगा चुनाव
दरसअल यूपी में एमएलसी की आठ सीटें खाली हुई हैं जिनमें 6 सीटों पर सदस्यों का मनोनयन होना है जबकि दो सीटों पर उपचुनाव होगा। जिन दो सीटों पर उपचुनाव हो रहा है उसमें से एक सीट सपा नेता अहमद हसन के निधन और दूसरी सीट भाजपा के ठाकुर जयवीर सिंह के विधायक चुने जाने के बाद खाली हुई है। इन सीटों पर 11 अगस्त को मतदान होना है और नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई है। इन दोनों सीटों पर बीजेपी के दोनों उम्मीदवारों की जीत पक्की मानी जा रही है।
बीजेपी के दो सीटों को लेकर मचा था घमासान
वोटों के गणित के हिसाब से बात करें तो एमएलसी की एक सीट पर जीत के लिए 200 वोटों की जरूरत पड़ेगी। इतनी संख्या में वोट सबसे बड़ी पार्टी सपा के पास नहीं हैं। अपने संख्या बल के आधार पर भाजपा ये दोनों सीटें आसानी से जीत लेगी। बीजेपी की तरफ से इन दो सीटों के लिए ही मारामारी मची हुई थी। जो नाम सामने आ रहे थे उसमें ज्यादातार पदाधिकारियों के नाम ही थे। इसमें भाजपा के प्रदेश महामंत्री अमरपाल मौर्य, प्रदेश उपाध्यक्ष संतोष सिंह, प्रदेश मंत्री डा. चंद्रमोहन सिंह, कानपुर के क्षेत्रीय अध्यक्ष मानवेंद्र सिंह, गोरखपुर के क्षेत्रीय अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह का नाम शामिल था।
राजभर को नहीं मिला द्रौपदी मुर्मू को वोट देने का इनाम ?
दरअसल हाल ही में सम्पन्न हुए राष्ट्रपति के चुनाव में ओम प्रकाश राजभर ने अखिलेश से बगावत कर योगी सरकार और बीजेपी का साथ दिया था। राजभर की पार्टी के विधायकों ने चुनाव में अखिलेश के गठबंधन को दरकिनार करते हुए द्रौपदी मुर्मू को अपना वोट दिया था। इसके बाद से ही ऐसा माना जा रहा था कि वह बीजेपी के काफी करीब आ गए हैं। ऐसी अटकलें लगाईं जा रही थीं कि बीजेपी राजभर के बेटे को एमएलसी का उम्मीदवार बना सकती है लेकिन बीजेपी ने राजभर की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। हालांकि हाल ही में बीजेपी की सरकार ने राजभर को Y श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई है सकी मांग वो लंबे समय से कर रहे थे।
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