VIDEO: कानपुर में बैंक मैनेजर ने स्टाफ के साथ किया 'नीरव मोदी' जैसा घोटाला, ऐसे बाहर भेजा जनता का करोड़ों रुपया
कानपुर। उत्तर प्रदेश में कानपुर के इंडसइंड बैंक (IndusInd Bank) में मैनेजर ने स्टाफ के साथ मिलकर करोड़ों का घोटाला कर डाला। रीजनल मैनेजर की तहरीर पर पुलिस ने ग्वालटोली थाने में सभी आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। बैंक ने इसी केस में प्रबंधक अकाउंट को भी हटा दिया है।
बैंक
मैनेजर
ने
किया
घोटाला,
इतने
करोड़
बटोरे
मामला
इंडसइंड
बैंक
की
सिविल
लाइन
कैन
चेंबर
स्थित
शाखा
का
है।
जहां
करीब
4.
41
करोड़
रुपए
का
घोटाला
किया
गया।
बैंक
में
यह
गवन
10
अक्टूबर
से
25
अक्टूबर
के
बीच
में
हुआ।
26
अक्टूबर
को
बैंक
का
खजाना
चेक
किया
गया
तो
पता
चला
कि
खजाने
से
4.41
करोड़ों
रुपए
गायब
है।
रजिस्टर
में
गलत
एंट्री
कर
रकम
पार
की
गई।
ये
हैं
आरोपित
रीजनल
मैनेजर
ने
इस
घोटाले
में
प्रबंधक
अमित
शुक्ला
अकाउंट
एंड
राहुल
तिवारी
हरीश
रामचंदानी
नाम
के
युवक
पर
मिलीभगत
का
आरोप
लगाया
है।
बैंकिंग
नियमों
की
धज्जियां
उड़ाने
वाले
इस
बैंक
ने
शाखा
में
आने
वाले
जनता
के
पैसे
को
निजी
माल
समझ
कर
उसे
बाजार
में
बैठे
उठा
दिया।
4
फ़ीसदी
रोज
के
ब्याज
की
बदले
में
16
लाख
प्रतिदिन
की
कमाई
की।
पूरा
पैसा
डूब
गया
तो
बैंक
प्रबंधन
ने
एफआईआर
दर्ज
कराई।
बताया जा रहा है कि बैंक के पूरे स्टाफ की मिलीभगत के चलते ही ये खेल किया ग, क्योंकि इस शाखा की कैश होल्डिंग लिमिट 25 लाख रुपए इसके विरुद्ध होल्डिंग लिमिट 4.5 करोड़ की जा रही थी। यह सिलसिला लगातार दो महीने से चल रहा था। जिस शाखा की जितनी कैश होल्डिंग लिमिट होती है, उतनी रकम का ही बीमा होता है। यानी इंडसइंड बैंक में जमा केवल 25 लाख का बीमा था और उसके ऊपर लगभग 4.25 करोड़ पूरी तरह भगवान के भरोसे थे।
कुछ भी बोलने से बचते रहे
बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट के मुताबिक शाखा में उसकी होल्डिंग लिमिट से ऊपर आने वाले केस को उसी दिन शाम 6:00 बजे तक में करेंसी चेस्ट में भेजना होता है। मगर ऐसा नहीं किया गया। वहीं पुलिस इस पूरे मामले में जांच में जुट गई है। एसएसपी का कहना है कि जो भी तथ्य सामने आएंगे उनके आधार पर कार्रवाई की जाएगी। वह इस पूरे मामले पर जनता के पैसे से गबन करने वाले मैनेजर कुछ भी बोलने से बचते नजर आ रहे हैं।