हार के बाद अपर्णा का दर्द छलका, अपनों की चोट बहुत गंभीर हैं
हार के बाद पहली बार अपर्णा यादव ने बयान किया अपना दर्द, बोलीं अपनों के चलते हार गई चुनाव, हार जीत तो जीवन का क्रम है।
लखनऊ। मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू ने यूपी चुनाव में अपनी हार का दर्द पहली बार बयान किया है। यूपी चुनाव में अपनी हार का ठीकरा अपर्णा यादव ने अपने करीबियों पर फोड़ा है। उन्होंने कहा कि मेरी हार ईवीएम मशीन में गड़बड़ी की वजह से नहीं बल्कि अपने ही करीबियों की वजह से हुई है। अपर्णा यादव ने कहा कि अगर ईवीएम मशीन में गड़बड़ी थी तो चुनाव रद्द होने चाहिए।
अपनों-परायों
में
अब
भेद
कर
सकती
हूं
अपर्णा
यादव
लखनऊ
की
कैंट
विधानसभा
सीट
से
चुनावी
मैदान
में
थी
और
उन्हें
कांग्रेस
छोड़
भाजपा
में
शामिल
हुई
रीता
बहुगुणा
जोशी
के
हाथों
हार
का
सामना
करना
पड़ा
था।
अपर्णा
यादव
ने
चुनाव
में
हार
के
बाद
पहली
बार
धन्यवाद
समारोह
में
पहुंची
तो
उन्होंने
कहा
कि
अपनों
से
जब
चोट
लगती
है
तो
घाव
बहुंत
गंभीर
होते
हैं,
मुझे
अपनों
से
बहुत
चोट
मिली
है।
अपर्णा
ने
कहा
कि
हार
कभी-कभी
आपको
बहुत
कुछ
सिखा
देती
है,
इस
हार
ने
मुझे
ऐसा
चश्मा
दिया
है
जिससे
मैं
अपनों
और
परायों
के
बीच
पहचान
कर
सकती
हूं।
बड़े
नेताओं
ने
साथ
नहीं
दिया
चुनाव
में
अपनी
हार
से
मायूस
अपर्णा
यादव
ने
कहा
कि
मेरी
कश्ती
वहां
आकर
डूबी
जहां
साहिल
करीब
था,
उन्होंने
कहा
कि
हार
और
जीत
जीवन
का
क्रम
है।
अपर्णा
ने
महाभारत
का
जिक्र
करते
हुए
कहा
कि
भगवान
श्रीकृष्ण
के
सारथी
थे,
वे
संपूर्ण
त्रिलोक
के
स्वामी
थे,
उन्होंने
अर्जुन
का
साथ
दिया
था,
ऐसे
ही
अगर
बड़े
नेताओं
ने
मेरा
श्रीकृष्ण
की
तरह
मेरा
साथ
दिया
होता
तो
मैं
चुनाव
जीत
जाती।
मेरी
किस्मत
में
बड़ा
नेता
बनना
है
अपर्णा
ने
कहा
कि
मेरी
किस्मत
में
शायद
लोहिया
जैसे
बड़े
नामों
से
जुड़ना
लिखा
है
जो
पहला
चुनाव
हारने
के
बाद
भी
देश
के
बड़े
नेता
बने
थे
और
इतिहास
में
उनका
नाम
दर्ज
हो
गया,
हार
और
जीत
तो
जीवन
का
क्रम
है,
हमें
हार
से
सीखने
की
जरूरत
होती
है
औऱ
आगे
बढ़ने
की
जरूरत
होती
है।
गौरतलब
है
कि
अपर्णा
के
लिए
डिंपल
यादव
और
मुलायम
सिंह
यादव
ने
जनसभा
को
संबोधित
किया
था,
लेकिन
बावजूद
इसके
उन्हें
रीता
बहुगुणा
जोशी
से
34
हजार
वोटों
से
हार
का
सामना
करना
पड़ा
था।