अखिलेश के ड्रीम प्रोजेक्ट ने भी यूपी में उनके सपनों पर पानी फेरा
अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट लखनऊ आगरा एक्सप्रेस वे को नहीं मिला जनता का साथ, सपा को 60 में से सिर्फ 10 सीटें मिली|
लखनऊ। उत्तर प्रदेश चुनाव प्रचार के दौरान अखिलेश यादव ने तमाम चुनावी रैलियों में लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे की जमकर तारीफ की, उन्होंने हर रैली में इस एक्सप्रेस वे का जिक्र करते हुए लोगों को समाजवादी पार्टी को वोट देने की अपील की थी औऱ उन्हें इस बात का भरोसा था कि यह एक्सप्रेस वे उनकी जीत की राह तय करेगा। अखिलेश यादव ने इस बात तक का भी दावा किया था कि अगर प्रधानमंत्री मोदी इस एक्सप्रेस वे पर चल लें तो वह भी सपा को वोट कर देंगे।
60 में से 50 सीटों पर मिली हार
लेकिन जिस तरह से यूपी चुनाव के नतीजे सामने आए उसने अखिलेश यादव की उम्मीदों पर पूरी तरह से पानी फेर दिया। अखिलेश यादव के सबसे बड़े प्रोजेक्ट को जनता ने अपना समर्थन नहीं दिया। लखनऊ आगरा एक्सप्रेस वे प्रदेश के 10 जिलों से होकर गुजरता है जिसमें लखनऊ, हरदोई, उन्नाव, कन्नौज, कानपुर, मैनपुरी, इटावा, फिरोजाबाद, आगरा और औरेया शामिल है, इन जिलों की कुल 60 सीटों में सपा को सिर्फ 10 सीटें हासिल हुई जबकि भाजपा को 48 सीटों पर जीत मिली है।
2012 में सपा के खाते में थी 60 में से 40 सीटें
2012 के चुनावों में सपा ने इन 60 सीटों में से 40 सीटों पर जीत हासिल की थी, सपा ने लखनऊ में 7 सीटें, हरदोई में 6, उन्नाव व कानपुर में 5-5 सीट, मैनपुरी में 4, कन्नौज में 3, इटावा, औरेया, फिरोजाबाद में 1-1 सीट पर जीत हासिल हुई थी। जबकि इनमें से बसपा को 10 सीटों पर जीत हासिल हुई थी, वहीं भाजपा को कुल 8 सीटों पर जीत मिली थी जिसमें 4 कानपुर में, आगरा में 2, लखनऊ और फिरोजाबाद में 1-1 सीट मिली थी, कांग्रेस को इनमें से सिर्फ दो सीटों पर जीत मिली थी। लेकिन इस बार के चुनाव में सपा को 10, भाजपा को 48 व कांग्रेस-बसपा को 1-1 सीट मिली थी।
लखनऊ में 9 में से सिर्फ एक, हरदोई में भी सिर्फ 1 सीट
लखनऊ की 9 सीटों में से मोहनलालगंज की सिर्फ एक सीट पर सपा को जीत मिली, सपा के अंबरीश सिंग ने बसपा के राम बहादुर को 530 वोटों से हराया था, जबका भाजपा ने यहां से बसपा के आरके चौधरी को टिकट दिया था लेकिन उन्होंने निर्दलीय सीट पर चुनाव लड़ा था और उन्होंने तीसरा स्थान हासिल हुआ था, लखनऊ में मुलायम सिंह की बहू अपर्णा यादव को हार मिली थी। सपा को हरदोई में एक सीट पर जीत हासिल हुई, सपा के नितिन अग्रवाल ने भाजपा के राजा बख्श सिंह को 5,109 वोटों से हराया था। नितिन अग्रवाल सपा के राज्यसभा सांसद नरेश अग्रवाल के बेटे हैं।
उन्नाव- कन्नौज में भी डूबी नैया
सपा ने 2012 में उन्नाव की 6 सीटों पर जीत हासिल की थी, लेकिन इस बार उसे सिर्फ एक सीट पर जीत हासिल हुई, जबकि भाजपा को 5 सीट हासिल हुई थी, बसपा को सिर्फ एक सीट हासिल हुई। कांग्रेस ने मोहान व भगवंतनगर सीट से चुनाव लड़ा और दोनों ही सीट पर उसे हार का सामना करना पड़ा। अखिलेश यादव ने बांगरमऊ में मेगा शो किया था और इस दौरान एक्सप्रेस वे पर सुखोई और मिराज ने उड़ान भरी थी। कन्नौज सपा सांसद डिंपल यादव का संसदीय क्षेत्र हैं लेकिन यहां से सपा को सिर्फ एक सीट पर जीत मिली लेकिन भाजपा को दो सीट पर जीत हासिल हुई थी, वहीं 2012 में सपा ने यहां की तीनों सीटों पर जीत हासिल की थी।
कानपुर- मैनपुरी का हाल
कानपुर की सीशामऊ व आर्य नगर में जीत हासिल की, यहां कांग्रेस को भी एक सीट पर जीत हासिल हुई थी, कांग्रेस के उम्मीदवार ने भाजपा के रघुनंद भदौरिया को चुनाव हराया है। मैनपुरी में 2012 में सपा ने यहां की चारों सीटों पर जीत हासिल की थी, लेकिन इस बार सपा को यहां तीन सीट पर जीत हासिल हुई है, भोगाव सीट से भाजपा के राम नरेश अग्निहोत्री ने सपा के आलोक कुमार को हराया। मैनपुरी मुलायम सिंह के पोते तेज प्रताप का संसदीय क्षेत्र है।
आगरा-औरेया में भी डूबी सपा की नैया
सपा और कांग्रेस यहां की सभी 9 सीटों पर हार गई और सभी सीटें भाजपा के खाते में गई, इतांदपुर, आगरा कैंट, आगरा उत्तरी, फतेहाबाद और बाह से सपा के उम्मीदवार तीसरे स्थान पर आए। आगरा दक्षिण, आगरा देहात, खेरागढ़ से कांग्रेस के उम्मीदवार तीसरे स्थान पर आए वहीं औरेया की सभी तीन सीटों पर सपा को हार सामना करना पड़ा और तीनों सीटें भाजपा के खाते में गई हैं।
इटावा-
फिरोजाबाद
सपा
का
हाल
इटावा
में
अखिलेश
यादव
ने
मौजूदा
विधायक
को
टिकट
देने
से
मना
कर
दिया
था,
इनकी
जगह
पर
बर्थना
व
इटावा
से
जिन
दो
उम्मीदवारों
को
टिकट
दिया
था
वह
चुनाव
हार
गए,
दोनों
ही
उम्मीदवार
भाजपा
के
थे
और
उन्होंने
जीत
दर्ज
की।
फिरोजाबाद
में
सपा
को
सिर्फ
एक
सीट
सिरसागंज
से
जीत
हासिल
हुई,
फिरोजाबाद
सपा
सांसद
अक्षय
यादव
का
संसदीय
क्षेत्र
है
जो
रामगोपाल
यादव
के
बेटे
हैं।