केजरीवाल के नक्शे कदम पर चले अखिलेश, क्या आम आदमी पार्टी के साथ मिलकर लड़ेंगे चुनाव ?
लखनऊ, 14 अक्टूबर: उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले चुनाव से पहले अब यूपी में जनता के सामने नेता वादों की झड़ी लगा रहे हैं। कुछ दिनों पहले ही आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और दिल्ली सरकार के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने यूपी में 300 यूनिट फ्री बिजली देने का वादा किया था। अब समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव भी कुछ ऐसा ही संकेत दे रहे हैं। अपनी रथयात्राओं के दौरान वह जनसभाओं को भी संबोधित कर रहे हैं जिसमें वो सरकार बनने पर 300 यूनिट बिजली फ्री देने का अश्वासन दे रहे हैं। हालांकि उनके इन बयानों से यह भी संकेत मिल रहे हैं कि आने वाले दिनों में सपा का आप के साथ चुनावी गठबंधन हो सकता है।
केजरीवाल के नक्शे कदम पर चलते हुए समाजवादी पार्टी (सपा) गरीब परिवारों के लिए 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली और बीपीएल परिवारों की महिला मुखिया को 1,500 रुपये मासिक पेंशन का वादा करने की योजना पर काम कर रही है। पार्टी युवाओं को 10 लाख नौकरियों का भी आश्वासन देने का वादा अपने घोषणा पत्र में शामिल कर सकती है। इन मुद्दों को लेकर राज्य भर के पार्टी कैडरों के बीच भी स्वीकृति मिली है, जब सपा नेतृत्व ने अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी के घोषणापत्र में क्या शामिल किया जाना चाहिए, इस पर उनकी प्रतिक्रिया मांगी।
सूत्रों के अनुसार अधिकांश पार्टी कार्यकर्ताओं का मानना है कि ऐसे मुद्दे जो सीधे गरीबों और मध्यम वर्ग को प्रभावित करते हैं, उन्हें घोषणापत्र का हिस्सा होना चाहिए क्योंकि यह सपा को अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों पर बढ़त देगा। सूत्रों ने कहा कि पार्टी नेतृत्व भी घोषणापत्र में शामिल किए जा रहे तीन मुद्दों की वित्तीय व्यवहार्यता पर कॉल करने के लिए विशेषज्ञों के साथ विचार-विमर्श कर रहा था।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता और सचिव राजेंद्र चौधरी कहते हैं कि,
"पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं ने ऐसा सुझाव दिया है क्योंकि उन्होंने पहले देखा है कि कैसे हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष ने मुफ्त लैपटॉप, मेट्रो रेल परियोजना और लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे परियोजना को वितरित करने के वादे को पूरा किया है। आने वाले समय में इसपर भी विचार किया जाएगा कि इसको किस तरह से पूरा किया जा सकता है।"
सपा कार्यालय के बाहर भी लगे थे पोस्टर
उत्तर प्रदेश चुनावों के लिए तैयार, समाजवादी पार्टी के लखनऊ कार्यालय के बाहर मई में एक पोस्टर लगा था, जिसमें सत्ता में आने पर 10 लाख नौकरियों और 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने का वादा किया गया था। सपा ने केवल आप सहित छोटे दलों के साथ गठबंधन करने का फैसला किया है बल्कि कई राज्यों के घोषणा पत्रों का अभी अध्ययन कर रही है जहां बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ा था।
चुनावी घोषणा पत्र पर फीडबैक ले रही है पार्टी
घोषणापत्र पर पार्टी कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेते हुए एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि, "मेनिफेस्टो में महिलाओं के लिए पेंशन और युवाओं के लिए नौकरियों के साथ-साथ मुफ्त बिजली योजना के शामिल होने की संभावना है।" पार्टी सूत्रों के अनुसार, घोषणापत्र तैयार करने वाले नेता उन पार्टियों के घोषणापत्रों की छानबीन कर रहे हैं, जिन्होंने हाल के चुनावों में भाजपा को सफलतापूर्वक हराया है जिसमें दिल्ली में आप, पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और पंजाब में कांग्रेस शामिल है।
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अखिलेश यादव से मिले थे संजय सिंह
इससे पहले 3 जुलाई को, AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने लखनऊ में समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात की थी। 2022 में यूपी चुनाव के लिए AAP-SP गठबंधन का संकेत दिया था। इस मुलाकात के बाद 2022 के विधानसभा चुनावों को लेकर उत्तर प्रदेश में चुनावी सरगर्मियां काफी तेज हो गई थीं। यहां दोनों नेताओं के बीच करीब एक घंटे तक मीटिंग हुई थी। संजय सिंह और अखिलेश यादव की मुलाकात खबरों के बाद से यूपी की सियासी हलचल तेज हो गई। हालाकि संजय सिंह ने इसे शिष्टाचार मुलाकात बताया था।