संतों के दबाव में AIMIM ने अयोध्या से हटाए अपने विवादित पोस्टर, सात सितंबर को आएंगे ओवैसी
लखनऊ, 6 सितम्बर: उत्तर प्रदेश में चुनाव से पहले अब सभी पार्टियां अयोध्या में कार्यक्रमों की रुपेरखा बनाने में जुटी हुई हैं। आम आदमी पार्टी जहां 14 सितम्बर को अपनी तिरंगा यात्रा यहीं से निकालेगी वहीं दूसरी ओर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के चीफ असदुद्दीन ओवैसी का कार्यक्रम कल अयोध्या जिले के रुदौली में रखा गया है। पार्टी के नेता इन तैयारियों में जुटे हुए हैं। हालांकि दो दिन पहले तक एआईएमआईएम के पोस्टरों में अयोध्या को फैजाबाद नाम से दर्शाया गया था। यह मामले सामने आने के बाद संतों के दबाव में कार्यक्रम स्थल पर रखे पोस्टर हटवा लिए गए।
बताया जा रहा है कि जगदगुरु परमहंसाचार्य ने रुदौली पहुंचकर पोस्टर में जिले का नाम अयोध्या न होने पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने चेतावनी दी थी कि इसे ठीक नहीं किया गया तो वह ओवैसी की सभा नहीं होने देंगे। पार्टी के नेताओं के मुताबिक 7 सितम्बर को रुदौली में ओवैसी का कार्यक्रम आयोजित है। इसको लेकर तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। हालांकि बढ़ते विवाद को देखते हुए एआईएमआइएम ने पीछे हटते हुए उन पोस्टरों को हटवा लिया है जिनपर अयोध्या को फैजाबाद नाम से दर्शाया गया है।
एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के यहां दौरे से पहले संतों ने जिले में लगाए गए पार्टी के पोस्टरों में अयोध्या के पूर्व नाम फैजाबाद का इस्तेमाल किए जाने पर आपत्ति जताई है और इसे हिंदुत्व विरोधी कदम बताया था। उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर पोस्टरों में अयोध्या का जिक्र नहीं है तो जिले में ओवैसी की जनसभा नहीं होने दी जाएगी।
संतों ने ओवैसी के कार्यक्रम पर साधा था निशाना
दरअसल, ओवैसी अयोध्या जिले के रुदौली में 18वीं सदी के सूफी संत शेख आलम मखदूम ज़ादा के मकबरे का दौरा करेंगे और 7 सितंबर को दरगाह के आसपास जनसभा करेंगे। हनुमान गढ़ी मंदिर के महंत राजू दास ने कहा था कि अयोध्या को फैजाबाद न कहा जाए जिले का नया नाम 'अयोध्या' सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज है। वहीं तपस्वी मंदिर के महंत परमहंस दास ने इसे ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) का "हिंदुत्व विरोधी" कदम बताया था।
योगी सरकार ने 2018 में ही बदल दिया था नाम
उत्तर प्रदेश सरकार ने नवंबर 2018 में फैजाबाद डिवीजन का नाम बदलकर अयोध्या कर दिया था। संतों द्वारा उठाई गई आपत्तियों पर प्रतिक्रिया देते हुए, एआईएमआईएम के जिलाध्यक्ष शाहनवाज सिद्दीकी ने कहा कि,
'' जिले को पहले फैजाबाद कहा जाता था और लोगों को बदलाव की आदत पड़ने में समय लगेगा। पोस्टर में दोनों नामों का उल्लेख है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम क्या नाम लिखते हैं, यह मुद्दा बनाने का विषय नहीं है।"