उत्तर प्रदेश न्यूज़ के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
Oneindia App Download

यूपी: मिलिए उस शिक्षक से जिसने सांपों को बनाया दोस्त, सुनाता है फिल्मी गाने

Google Oneindia News

हरदोई। सांपों से दोस्ती करना तो दूर की बात है, सांपों का नाम सुनते ही अच्छे-अच्छों की हवा निकल जाती है। लेकिन हरदोई का शिक्षक जहरीले सांपो के बिना एक पल भी नहीं रह सकता। युवक न सिर्फ सांपो के साथ खेलता है बल्कि उन्हें गाने भी सुनाता है और जहरीले सांपो के साथ ही सोता है।

सांपों के संरक्षण के लिए चला रहे है मुहिम

सांपों के संरक्षण के लिए चला रहे है मुहिम

उत्तर प्रदेश के हरदोई में एक शिक्षक को शौक ने सांपों का दोस्त बना दिया और वह अब सांपों के संरक्षण के लिए मुहिम चला रहा है। हरदोई के कोरिया गांव के मजरा मढिय़ा निवासी आचार्य शैलेंद्र राठौर प्राकृतिक संतुलन बनाए रखने के लिए सांपों को पालता पोसता हैं और जहरीले सांपों का संरक्षण कर उनको बचाने की मुहिम में लगे हुए हैं। उनकी मुहिम का ही परिणाम है कि हरदोई के कुछ गांवों में लोग सांप दिखने पर उसे मारते नहीं है और शैलेंद्र को फोन कर बुलाते हैं। वह सांप को वहां से पकडक़र स्वयं पालता है या फिर उसे सुरक्षित स्थान पर छोड़ देता है।

बच्चों को पढ़ाने के साथ सांप पालने का शौक

बच्चों को पढ़ाने के साथ सांप पालने का शौक

परिवार में तीन भाइयों में सबसे बड़े शैलेंद्र का बच्चों को पढ़ाने के साथ साथ सांप पालने का शौक ही उसे पूरे इलाके में पहचान बना दी है। उन्हें सांपों को संरक्षित करने का शौक बचपन में ही लग गया था, जब गांव में उनके मकान के पास एक सांपों का जोड़ा निकला तो उन्होंने उनमें से एक सांप को मार दिया, जबकि दूसरा सांप वहीं उस मरे सांप के पास सर झुका के बैठ गया। दूसरे सांप का इस प्रकार का समर्पण भाव देखकर उन्होंने उसी दिन से अपना जीवन इन जहरीले सांपों के लिए समर्पित कर दिया।

12 साल की उम्र में पकड़ा पहेला सांप

12 साल की उम्र में पकड़ा पहेला सांप

शैलेंद्र 12 साल की उम्र में पहला सांप पकड़ा और घरवालों को बिना बताए ही अपने पास रख लिया। उसी दिन से इनको सांपों के साथ रहने का शौक हो गया। जैसे ही सांप निकलने की सूचना मिलती है शैलेंद्र वहीं पहुंच जाते हैं और बड़ी आसानी से सांप को अपने कब्जे में ले लेते हैं। ऐसा भी नहीं है कि शैलेंद्र पर सांपों ने हमला नहीं किया। ब्लैक कोबरा से लेकर रसेल वाइपर तक उन्हें दो बार काट चुके हैं। जिसके निशान आज भी उसके हाथों पर मौजूद हैं लेकिन सांपों को संरक्षित करने का शौक ही था कि वह मेडिकल ट्रीटमेंट के बाद सही हो गए।

शैलेंद्र बने सांपों के मसिहा

शैलेंद्र बने सांपों के मसिहा

इसके बाद से वह जहरीले सांपों को पकड़ने में थोड़ी सावधानी जरूर बरतने लगे। सांपों को पकड़ना न तो शैलेंद्र का पेशा है न ही उनको पकड़ने का शौक है। उन्होंने बताया कि लोगों द्वारा सांपों को मारने के कारण ही वह कोसों दूर तक सांपों की जान बचाने के लिए जाते हैं ताकि उसकी जान बचाई जा सके। जहां कहीं भी सांप निकलता है लोग तुरंत शैलेंद्र को सूचना दे देते हैं और वह उस सांप को पकडक़र अपने पास रखते हैं। जहरीले सांप रखने का ही काम शैलेंद्र नहीं करते हैं, बल्कि उन सांपों का पूरी तरह से ख्याल भी रखते हैं। यहां तक उनको नहलाने धुलाने के अलावा उनके खाने पीने, मरहम पट्टी तक का ख्याल शैलेंद्र द्वारा रखा जाता है।

ज़रूर पढ़े: ये हैं आज की चुनिंदा 7 खबरें, क्लिक करें

Comments
English summary
A man who is making snakes his friend in Hardoi
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X