कोविड-19 संक्रमण से यूपी में 8,779 लोगों को हो चुकी है मौत, 1032 नए मामले आए सामने
लखनऊ। कोरोना वायरस संक्रमण के मामले उत्तर प्रदेश में एक बार फिर तेजी से बढ़ने लगे है। ताजा जानकारी के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस संक्रमण के 1032 नए मामले सामने आए हैं। तो वहीं, कोविड-19 संक्रमण के कारण प्रदेश में अब तक 8,779 लोगों की मौत हो गई है। उत्तर प्रदेश अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने शुक्रवार को जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 5,824 हो गई है।

अमित मोहन प्रसाद ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि प्रारंभ से अब तक 5 लाख 96 हजार 698 व्यक्ति संक्रमण मुक्त हो गए है। बताया कि इस समय प्रदेश में कोरोना वायरस से रिकवरी का प्रतिशत 97.6 प्रतिशत चल रहा है। कुछ समय पहले रिकवरी का प्रतिशत 89.25 था। इस दौरान उन्होंने बताया कि कोविड-19 संक्रमण के कारण प्रदेश में अब तक 8,779 लोगों की मौत हो गई है। उत्तर प्रदेश अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य ने मीडिया को बताया कि कल प्रदेश में 1,44,839 सैंपल की जांच की गई। इनमे से 71,500 से अधिक RT-PCR के टेस्ट थे। अब तक 3,42,60,584 सैंपल की जांच प्रदेश में की गई है।
3 हजार 388 मरीज होम आइसोलेशन में है। 134 मरीज निजी अस्पताल में है तो वही, बाकी के मरीज सरकारी अस्पतालों में अपना इलाज करवा रहे है। कहा कि प्रदेश में कोरोना की रफ्तार एक बार फिर बढ़ने लगी है, जिसके कारण सर्विलांस को भी तेज किया गया है। टेस्टिंग के कार्य को भी तेज किया गया है। बताया कि सर्विलांस के कार्य के अन्तर्गत 1 लाख 87 हजार 516 इलाकों में 5 लाख 14 हजार 343 टीमों के माध्यम से 3 करोड 15 लाख 89 हजार 824 घरों का सर्विलांस किया जा चुका है।
इस दौरान उन्होंने वैक्सीनेशन के संबंध में दो आवश्यक जानकारी भी मीडिया के साथ साझा की। 1 अप्रैल से 45 साल से अधिक के सभी लोग वैक्सीन लगवाने के लिए बाध्य हो जाएंगे। अभी तक वैक्सीनेशन केवल 60 से अधिक उम्र के लोगों को किया जा रहा है। 45 से 60 साल के ऐसे लोगों का वैक्सीनेशन किया जा रहा है, जो पहले से किसी बीमारी से ग्रस्त है। एक अप्रैल से 45 से 60 साल से अधिक के लोगों के लिए भी किसी बीमारी के सर्टिफिकेट की आवश्यकता नहीं होगी।
वैक्सीनेशन के बारे में दूसरी जानकारी देते हुए बताया कि हम दो तरह की वैक्सीन का उपयोग करते है। दोनों ही वैक्सीन प्रभावकारी और सुरक्षित है। एक वैक्सीन का नाम है कोविड सील और दूसरी वैक्सीन का नाम है को-वैक्सीन। जिन लोगों ने को-वैक्सीन लगाई है उसकी दूसरी डोज चार सप्ताह के बाद लगेगी। पहले जो लोग कोविड-सील लगवा रहे थे उनकी भी दूसरी डोज चार सप्ताह बाद लगाई जा रही थी। लेकिन अब केंद्र सरकार की तरफ जो एडवाइजरी आई है कि कोविड-सील को चार से आठ सप्ताह के बीच लगाया जा सकता है। इसका जो प्रभाव है वो छह से आठ सप्ताह के बीच लगाया तो अधिक होता है।