विधायक कुलदीप सेंगर ने उन्नाव रेप पीड़िता के पिता को झूठे केस में फंसाया: CBI
उन्नाव। उन्नाव रेप केस मामले में सीबीआई ने गुरुवार को तीस हजारी कोर्ट में बताया कि पीड़िता के पिता को झूठे केस में फंसाने की साजिश की गई थी। पुलिस ने मिलीभगत करके पीड़िता के पिता के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। अधिकारियों ने कोर्ट को बताया कि जब पीड़िता के पिता को गिरफ्तार कर थाने ले जाया जा रहा था, उस दौरान दो पुलिसकर्मी, शिकायतकर्ता और आरोपी विधायक कुलदीप सेंगर के बीच कई फोन कॉल किए गए थे।
FIR लिखने से पहले सेंगर ने किए कई कॉल
सीबीआई वकील अशोक भारतेन्दु ने कोर्ट को बताया कि पीड़िता के पिता को बेरहमी से पीटा गया था। हमने जब मामले की जांच की तो पता चला कि पीड़िता के पिता को झूठे आरोप में फंसाकर आपराधिक साजिश रची गई थी। मृतक पर देसी पिस्तौल और चार कारतूस रखने का आरोप लगाया गया। लेकिन, कई गवाह हैं जिन्होंने बताया कि मृतक के पास कोई भी हथियार नहीं था। वकील ने आगे कहा कि मृतक के खिलाफ शिकायत करने वाला शख्स ईंट-भट्टा पर काम करता है जिसका मालिक कुलदीप सेंगर का भाई है। शिकायतकर्ता और कुलदीप सेंगर की फोन पर कई बार बात हुई। जब झूठी एफआईआर दर्ज हो गई तो दोनों के बीच फोन पर बातचीत बंद हो गई।
गैंगरेप और पॉस्को एक्ट में आरोप तय
आरोपी कुलदीप को दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में लाने के बाद हुई सुनवाई में आरोप तय कर दिए हैं। कोर्ट ने प्रथमदृश्टया पाया है कि सेंगर के खिलाफ आरोप तय करने के लिए पर्याप्त सबूत मौजूद हैं। कोर्ट ने आरोपी कुलदीप सेंगर पर गैंगरेप और पॉस्को एक्ट के तहत आरोप तय किए हैं।
सीबीआई बोली- सेंगर ने किया था रेप
बीते सोमवार को सीबीआई ने जज को बताया कि शशि सिंह पीड़िता को नौकरी दिलाने के बहाने कुलदीप सिंह सेंगर के घर ले गई थी। इस दौरान घर पर कोई मौजूद नहीं था। शशि पीड़िता को पीछे के दरवाजे से घर के अंदर ले गई वहां जाते ही कुलदीप सिंह सेंगर पीड़ित का हाथ खींचते हुए कमरे के अंदर ले गया। सुनवाई के दौरान सीबीआई ने जज से कहा था कि जांच में पीड़िता के आरोप सही पाए गए हैं। कुलदीप सिंह सेंगर ने 4 जून 2017 को पीड़िता के साथ रेप किया था।
ये भी पढ़ें- मथुरा: घर के बाहर खेल रहे 5 साल के बच्चे उठा ले गए बाइक सवार, ऐसी हालत में मिला शव