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गुजरात: कोरोना से खत्म हो रहीं जिंदगियां, श्मशान लाशों से अटे, 24x7 आग से भट्टियों की ग्रिल पिघली

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सूरत, अप्रैल 12: डायमंड सिटी के तौर पर विख्यात गुजरात का सूरत शहर कोरोना वायरस के संक्रमण बहुत प्रभावित है। जिलेभर के श्मशान-घाटों पर लाशों के अंबार लग गए हैं। पिछले दो सप्ताह में इतनी लाशें श्मशान पहुंची कि दाह-संस्कार करने के लिए कई आधुनिक तौर-तरीके अपनाने पड़ गए। चौबीसों घंटे श्मशान चालू रहने की वजह से लाश जलाने वाली गैस भट्टियों की ग्रिल तक पिघल गई। सूरत के सभी तीन श्मशान-स्थलों पर गैस की भट्टियां पिघलने की समस्या का सामना कर रही हैं। कुछ ऐसा ही हाल निकट में स्थित बारडोली शहर से भी सामने आया है।

covid 19: heavy rush of bodies at Surat crematoriums, Gas furnaces’ grills melt due to 24x7 fire

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रामनाथ घीला श्मशान (आरजीसी) के एक अधिकारी ने कहा कि, श्मशानों में शव जलाने के लिए शव को गैस भट्ठी के अंदर लोहे की तख्ती पर रखा जाता है, लेकिन हर वक्त लाशें जलते रहने के चलते वे लोहे की ग्रिल पिघलने लगी हैं। रोज कई कई लाशें श्मशानों पर पहुंच रही हैं। ग्रिल के पिघलने के साथ-साथ, बर्नर को लगातार रखरखाव की भी आवश्यकता होती है क्योंकि उन्हें चौबीसों घंटे इस्तेमाल किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, "पहले हम एक दिन में 20 लाशों का दाह संस्कार करते थे, जिनमें से कुछ को लकड़ी की चिता पर जलाते थे। जबकि अन्य का गैस भट्टियों में अंतिम संस्कार किया जाता था। बोझ सीमित था और प्रत्येक भट्टी को ठंडा होने के लिए पर्याप्त समय मिल जाता था। लेकिन अब, हम प्रतिदिन 80 से अधिक लाशें निपटा रहे हैं और प्रत्येक भट्टी चौबीसों घंटे उपयोग में है। इसलिए, लोहे के फ्रेम पिघलने और टूटने लगे हैं।''

covid 19: heavy rush of bodies at Surat crematoriums, Gas furnaces’ grills melt due to 24x7 fire

उधर, अश्विनी कुमार श्मशान में भी वर्तमान में दो भट्टियां काम नहीं कर रही हैं। उसके एक अधिकारी ने कहा, "फ्रेम पिघल रहे हैं। जैसा कि भट्टियां निरंतर उपयोग में हैं, हम इस कठिनाई का सामना कर रहे हैं।" वहीं, कुरुक्षेत्र श्मशान (केसी) ने गैस भट्टियों के लगातार रखरखाव के लिए तकनीशियनों की एक टीम को नियुक्त किया है। उसके अधिकारी ने कहा, "हमने एक टीम को नियुक्त किया है, जो भट्टी की मरम्मत के लिए चौबीसों घंटे उपलब्ध है। हमारे यहां भी 24 घंटे के कारण भट्टियां कई बार टूट जाती हैं।"

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इधर, ठेले पर ले जानी पड़ी मां की लाश
सूरत से एक और ऐसी खबर आई है, जिससे दिल को ठेस पहुंच सकती है। यहां एक शख्स की मां की मौत हो गई थी। उसकी लाश को पहुंचाने के लिए गाड़ी नहीं दी गई। जिसके बाद बेटा मां की लाश को ठेले पर रखकर ले गया। इस घटना की सोशल मीडिया पर चर्चा हो रही है। उसकी उम्र 60 वर्ष बताई जा रही है।

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English summary
covid 19: heavy rush of bodies at Surat crematoriums, Gas furnaces’ grills melt as cremations continue 24x7
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