कप्तानी इस बल्लेबाज को भी दगा दे गई, फ्रेंचाइजी को भी, हरभजन बोले- समझ नहीं आया ये क्या हुआ
नई दिल्ली, 2 जून: इंडियन प्रीमियर लीग 2022 में कई उभरते सितारों ने अपने खेल से प्रभावित किया। लेकिन कुछ प्रतिष्ठित नाम उम्मीदों पर खरे नहीं उतर सके। कैश रिच लीग को हार्दिक पांड्या की अगुवाई वाली गुजरात टाइटंस में एक नया चैंपियन भी मिला। एक तरफ पंजाबा किंग्स की टीम थी जो ना निरंतरता दिखा सकी और ना ही प्लेऑफ के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाई।
इस खिलाड़ी से कप्तानी झिल नहीं पाई
मयंक अग्रवाल की अगुवाई वाली टीम मेगा-नीलामी के बाद कागज पर काफी मजबूत टीम दिख रही थी, लेकिन 14 मैचों में सात जीत के साथ तालिका में छठे स्थान पर रही। केएल राहुल की जगह लेने वाले कप्तान मयंक भी बैटिंग में बिल्कुल खराब दिखे।
31 वर्षीय मयंक ने 13 मैचों में सिर्फ 16.33 की औसत से 196 रन बनाए। उन्होंने सिर्फ एक अर्धशतक बनाया। यह उनके सबसे खराब आईपीएल सीजन में से एक था।
उसे क्या हो गया है?
हरभजन सिंह ने आईपीएल 2022 के सबसे हैरत भले पल के बारे में बात करते हुए स्पोर्टकीड़ा से कहा, "अगर हम मयंक के बारे में बात करते हैं, तो मुझे लगा कि 'उसे क्या हो गया है?' वह इतना अच्छा खिलाड़ी है। कप्तानी मिलने के बाद, मुझे लगता है कि वह मानसिक रूप से दबाव में था। ओपनिंग से वह नंबर 4 पर चला गया। टीम को बाहर से लीड किया जा रहा था। वह सारा दबाव अपने ऊपर ले रहा था। वह घुटन भरा लग रहा था। उसे आजादी देनी चाहिए थी। वह रडार पर हैं और निश्चित रूप से यह थोड़ा बेहतर हो सकता था।'
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कप्तानी सभी के लिए नहीं है
इससे पहले, भारत के पूर्व स्पिनर पीयूष चावला ने महसूस किया कि लीडरशिप की भूमिका ने मयंक की बल्लेबाजी को प्रभावित किया है, उन्होंने कहा कि "कप्तानी सभी के लिए नहीं है"।
अग्रवाल ने आईपीएल 2022 से पहले पंजाब किंग्स के कप्तान के रूप में केएल राहुल की जगह ली। आईपीएल 2021 में 40.09 की औसत से 441 रन बनाने के बाद, सलामी बल्लेबाज पुरानी सफलता को दोहरा नहीं सका।
पीयूष चावला भी बोले- कप्तानी हर किसी के लिए नहीं
पीयूष चावला ने ईएसपीएनक्रिकइंफो पर एक बातचीत उन्होंने कहा, "जिस तरह से उन्होंने (पिछले साल) प्रदर्शन किया, पंजाब किंग्स ने उन पर बहुत भरोसा दिखाया, उन्हें रिटेन भी रखा लेकिन वह इस पर खरे नहीं उतर सके। मुझे नहीं लगता कि उन्हें कप्तानी का बहुत पहले का अनुभव था। कप्तानी का दबाव अलग है और यह उनकी बल्लेबाजी में भी स्पष्ट रूप से दिखाई देता था कप्तानी हर किसी के लिए नहीं है और यह यहां स्पष्ट रूप से दिखा।"
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