एजबेस्टन की यादें : भारत को जीतने के लिए चाहिए थे सिर्फ 194 रन लेकिन..
नई दिल्ली, 21 जून। भारत-इंग्लैंड के बीच पांचवां टेस्ट 1 जुलाई से एजबेस्टन में होना है। इस मैच से पहले एजबेस्टन क्रिकेट ग्राउंड से जुड़ी भारत की यादों को साझा करने का मौका है। मौजूदा हेड कोच राहुल द्रविड़ 1996 में जब पहली बार इंग्लैंड दौरे पर गये थे तब उन्होंने टेस्ट डेब्यू से पहले इसी मैदान पर स्थानापन्न खिलाड़ी के रूप में नासेर हुसैन का कैच पकड़ा था। 1996 के एजबेस्टन टेस्ट में सचिन तेंदुलकर ने दूसरी पारी में शतक जड़ा था लेकिन तब भी भारत हार गया था। 2011 में इस मैदान पर भारत का प्रदर्शन बहुत ही खराब रहा था। धोनी कप्तान थे।
मौजूदा कोच राहुल द्रविड को उस समय भारत की 'दीवार' कहा जाता था। सचिन थे, द्रविड़ थे, सहवाग थे, लक्ष्मण थे, गंभीर थे। लेकिन तब भी भारत एक पारी और 242 रनों के विशाल अंतर से हार गया था। इस टेस्ट मे इंग्लैंड ने एलिस्टर कूक के 294 और इयान मोर्गन के 104 रनों की बदौलत 710 (7 विकेट पर घोषित) रनों का बड़ा स्कोर खड़ा किया था। 2018 में इस मैदान पर भारत के पास जीतने का मौका था। उस समय विराट कोहली कप्तान थे। उन्होंने पहली पारी में शतक और दूसरी पारी में अर्धशतक लगा कर कप्तानी पारी खेली थी। तब जीतने के लिए 194 रन बनाने थे। इसके बाद क्या हुआ, आइए तफ्सील से जानते हैं।
एजबेस्टन टेस्ट 2018
बर्मिंघम, ब्रिटेन का दूसरा सबसे बड़ा शहरी क्षेत्र वाला महानगर है। पहले स्थान पर लंदन है। बर्मिंघम, लंदन से करीब 160 किलोमीटर दूर है। बर्मिंघम के एजबेस्टन इलाके में एक क्रिकेट स्टेडियम है जिसे एजबेस्टन क्रिकेट ग्राउंड के नाम से जाना जाता है। 2018 में इस मैदान पर भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट मैच हुआ था। इंग्लैंड ने टॉस जीत कर पहले बल्लेबाजी की। जो रूट कप्तान थे। रूट के 80 और जॉनी बेयरस्टो के 70 रनों की मदद से इंग्लैंड ने पहली पारी में 287 रन बनाये। इस मैच में जॉनी विकेटकीपर की हैसियत से खेल रहे थे और उन्होंने बेहतरीन बल्लेबाजी की। हाल ही में उन्होंने 77 गेंदों पर टेस्ट सेंचुरी लगायी है। लेकिन चार साल पहले भी उनके खेलने का यही अंदाज था। उन्होंने 88 गेंदों पर 70 रन बनाये थे जिसमें नौ 9 चौके शामिल थे। अश्विन को चार और शमी को 3 विकेट मिले थे। इस मैच में भारत के सलामी बल्लेबाज मुरली विजय और शिखर धवन थे। मुरली 20 और धवन 26 पर आउट हो गये। केएल राहुल चार बना कर लौट गये। तीनों विकेट सैम कुरन ने लिये।
कोहली के 149 रन, इशांत के पांच विकेट
तीन विकेट गिरने के बाद कप्तान विराट कोहली ने मोर्चा संभाला। उन्होंने कप्तानी पारी खेली और 149 रन बनाये। लेकिन कोहली को दूसरे छोर से किसी का साथ नहीं मिला। इस मैच में दिनेश कार्तिक और हार्दिक पांड्या भी खेल रहे थे। कार्तिक को स्टोक्स ने 0 रन पर बोल्ड कर दिया था। हार्दिक 22 रन बना कर कुरन का शिकार हुए थे। कोई बड़ी साझीदारी नहीं हुई जिससे भारत का स्कोर 274 रनों पर थम गया। कुरन को 4, बेन स्टोक्स को 2, एंडरसन को 2 विकेट मिले। जब इंग्लैंड की दूसरी पारी शुरू हुई तो इशांत शर्मा ने खौफनाक तेज गेंदबाजी का प्रदर्शन किया। उन्होंने सिर्फ 13 ओवर गेंदबाजी की जिसमें 51 रन देकर पांच विकेट लिये। अश्विन ने 3 और उमेश यादव ने 2 विकेट लिये। भारत की बेहतरीन गेंदबाजी के सामने इंग्लैंड की पारी लड़खड़ा गयी और पूरी टीम सिर्फ 180 रनों पर ढेर हो गयी। वो तो सैम कुरन ने 60 रन बना दिये वर्ना इंग्लैंड की पारी इससे पहले सिमट सकती थी। इस तरह भारत को जीतने के लिए सिर्फ 194 रनों का आसान लक्ष्य मिला। भारत पहली बार एजबेस्टन में जीत के करीब था। अब सारा दारोमदार भारतीय बल्लेबाजों पर था।
जीतने के लिए चाहिए थे 194 रन
तीसरे दिन चाय के पहले इंग्लैंड की पारी 180 रनों पर खत्म हुई थी। चाय के बाद भारत की दूसरी पारी शुरू हुई। भारत को जीत के लिए 194 रन चाहिए थे और अभी दो दिन का खेल बचा हुआ था। लेकिन इस खास मौके पर मुरली विजय और शिखर धवन की सलामी जोड़ी ने बहुत निराश किया। 22 रन ही बने थे कि दोनों पवेलियन लौट गये। केएल राहुल भी 13 रन बना कर चलते बने। भारत के टॉप ऑर्डर ने विकेट पर टिक कर खेलने के जज्बा ही नहीं दिखाया। सारा भार कोहली के कंधे पर आ गया। कोहली ने संभल कर खेलना शुरू किया। लेकिन दूसरे छोर पर विकेट गिरते रहे। जब तीसरे दिन का खेल खत्म हुआ तो भारत का स्कोर था 5 विकेट के नुकासन पर 100 रन। कोहली 43 और कार्तिक 18 रनों पर नाबाद लौटे। तीसरे दिन तक मैच बिल्कुल खुला हुआ था। भारत को 94 रन बनाने थे और उसके पांच विकेट बाकी थे। इस मैच कार्तिक विकेटकीपर बल्लेबाज की हैसियत से खेल रहे थे। कोहली और कार्तिक से भारतीय क्रिकेटप्रेमी जीत की उम्मीद लगाये बैठे थे।
लक्ष्य आसान था, जीत सकते थे लेकिन...
चौथे दिन का खेल शुरू हुआ। कल के स्कोर में अभी 12 (कुल 112) रन ही जुड़े थे कि दिनेश कार्तिक को एंडरसन ने 20 रनों पर आउट कर दिया। भारत की उम्मीदों को झटका लगा। कार्तिक आखिरी मान्यता प्राप्त बल्लेबाजी थे। स्कोर जब 141 पर पहुंचा को विराट कोहली भी 51 रन बना कर आउट हो गये। भरोसे का सबसे मजबूत संबल भी बिखर गया। स्टोक्स ने कोहली का विकेट झटका। 141 रन पर भारत के सात विकेट गिर गये। अब पुछल्ले बल्लेबाज ही बचे थे। आखिरकार भारत की पारी 162 रनों पर सिमट गयी। इंग्लैंड 31 रनों से यह मैच जीत गया। अपनी गैरजिम्मेदाराना बैटिंग की वजह से भारत 194 रनों का आसान लक्ष्य हासिल नहीं कर सका था।
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