Women World Cup: अनुभवी खिलाड़ियों के ऊपर युवाओं को क्यों दी वरीयता, अंजुम चोपड़ा ने बताई वजह
नई दिल्ली: आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप अब आपको हर साल देखने को मिलेगा। पिछले कुछ सालों में महिला क्रिकेट ने भी काफी तरक्की की है जिसके चलते महिलाओं के विश्वकप को लेकर भी फैंस में बहुत उत्सुकता बढ़ी है। भारतीय महिला क्रिकेट का भी काफी विकास हुआ है और आज हमारे पास पुरुष क्रिकेटरों की तरह ही कई तरह की स्टार महिला क्रिकेटर मौजूद है। महिला क्रिकेट के लिए इसी साल न्यूजीलैंड में वर्ल्ड कप का आयोजन होने वाला है जो 4 मार्च से 3 अप्रैल तक चलेगा। जाहिर है बहुत ज्यादा समय नहीं है और इस खिताब के लिए भारतीय टीम की तैयारियां भी अच्छी चल रही है।
सच यह है कि भारत को खिताब जीतने का दावेदार भी माना जा रहा है। बीसीसीआई इसके लिए 6 जनवरी को अपनी टीम की घोषणा कर चुका है जिसकी कप्तान मिताली राज है लेकिन इस 15 सदस्यीय टीम में कुछ खिलाड़ी मौजूद भी नहीं है। एक तरफ चयनकर्ताओं ने जहां मिताली राज, हरमनप्रीत कौर और झूलन गोस्वामी के अनुभव पर भरोसा जताया है तो युवा खिलाड़ियों को भी टीम में लिया है। भारत की पूर्व कप्तान और दिग्गज महिला क्रिकेटर रह चुकी अंजुम चोपड़ा ने इस बारे में बात की है कि बीसीसीआई ने युवा खिलाड़ियों को क्यों चुना है। उन्होंने इसके पीछे की खास वजह को बताया और ध्यान दिलाया कि इस टीम का चयन मुख्य तौर पर हाल ही में हुए घरेलू टूर्नामेंट्स की तर्ज पर किया गया है।
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इस टीम में चुनी गई कुछ युवा खिलाड़ियों के नाम आपको बताते हैं जिनमें तेज गेंदबाज रेणुका सिंह हैं, मेघना सिंह और विकेटकीपर बल्लेबाज यास्तिका भाटिया भी युवा खिलाड़ी हैं। यास्तिका और मेघना ने 3 से ज्यादा वनडे मुकाबले नहीं खेले तो वही रेणुका अभी वनडे फॉर्मेट में डेब्यू करेंगी। दूसरी ओर भारतीय खेमे में शिखा पांडे जैसे अनुभवी गेंदबाज थी लेकिन युवाओं को उन पर वरीयता मिली। अंजुम चोपड़ा ने कहा कि सेलेक्टरों के पास रेणुका और मेघना के अलावा कोई और विकल्प नहीं था क्योंकि उनको शिखा पर पूरा भरोसा नहीं है।
अंजुम चोपड़ा ने टीम में विकल्पों की कमी भी बताई और कहा की आप या तो शिखा पांडे की ओर जाना चाहेंगे या फिर युवाओं की ओर। टीम में पहले से ही अनुभवी झूलन गोस्वामी मौजूद हैं और उनका खेलना पक्का है। लेकिन अगर वे किसी कारण मैच नहीं खेलती है तो आपको ऐसे खिलाड़ियों की ओर जाना होगा जो पूरे ओवर गेंदबाजी कर सके। रेणुका और मेघना ऑस्ट्रेलिया दौरे पर अपना बॉलिंग हुनर दिखा चुकी है और उन्होंने वूमेंस चैलेंजर्स ट्रॉफी में भी बढ़िया खेल दिखाया है। कभी ना कभी आप किसी युवा को पहली बार मौका देते हैं ऐसे में विश्व कप में यह खिलाड़ी अच्छा खेल दिखा सकती है।
रेणुका की बात करें तो उन्होंने पिछले साल आस्ट्रेलिया में अपना इंटरनेशनल T20 डेब्यू किया था और उन्होंने तब से लेकर अब तक तीन मैच खेले हैं जिसमें उनके नाम फिलहाल एक ही विकेट है। रेणुका को साल 2019 में महिला वनडे टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा 23 विकेट लेने के लिए याद किया जाता है क्योंकि उसके बाद ही इंडिया ए टीम के लिए उनकी एंट्री हुई थी। रेणुका ने पिछले साल सीनियर महिला वनडे चैलेंजर्स ट्रॉफी में भी प्रभावी प्रदर्शन किया और विश्वकप में उनके डेब्यू करने की उम्मीद है।
दूसरी और मेघना सिंह भी युवा है वह एक मीडियम पेसर बॉलर हैं इसके साथ एक ठीक-ठाक बैटिंग भी कर लेती हैं। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पिछले साल डेब्यू किया था जहां वे इकॉनमी रेट में काफी किफायती रही थी। उन्होंने सीनियर महिला मंडल ट्रॉफी के 5 मैचों में भी प्रभावित किया था।