प्रसव के बाद 11 घंटे तक जिस बच्ची को मरा समझकर रख दिया था अलमारी में, वह मिली जिंदा
शिमला। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला शहर में हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां जिस नवजात शिशु को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया था वह जिंदा निकला और इस बात का पता तब चला जब उसके माता-पिता बच्चे के शव को ले जाने के लिए पहुंचे। इस दौरान बच्ची रो रही थी। यह पूरा मामला शिमला के कमला नेहरू अस्पताल का है, यहां डॉक्टर्स ने जिंदा नवजात बच्ची को मृत घोषित कर दिया। 11 घंटे बाद नवजात के जिंदा होने का पता चला।
मंगलवार को अस्पताल में किया गया था भर्ती
यह मामला बीते मंगलवार का है। कुल्लू के मौहल की राजकुमाारी को सातवें माह में प्रसूति दर्द शुरू हुआ। राजकुमारी को उसके पति विजय कुमार कुल्लू नेरचौक अस्पताल ले गए। यहां से उन्हें प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल कमला नेहरू अस्पताल रेफर किया गया। दो दिन पहले राजकुमारी को अस्पताल में दाखिल किया गया।
बिना पढ़े पिता ने कर दिया हस्ताक्षर
गुरुवार सुबह तड़के करीब 3 बजे राजकुमारी की डिलीवरी की गई। लेकिन डिलीवरी से पहले पति विजय से अस्पताल प्रबंधन ने फार्म पर ये बोल कर हस्ताक्षर करवाए कि उनके बच्चे की पल्स रेट 110 है जबकि 140 होनी चाहिए, ऐसे में बच्चे का बचना मुश्किल है। विजय ने दिल पर पत्थर रखते हुए और डॉक्टरों पर भरोसा करते हुए कि वो बच्चे को बचा लेंगे इसलिए बिना कुछ पढ़े ही हस्ताक्षर कर दिए।
शव लेने गए तो पता चला कि जिंदा है बच्ची
करीब 3 बजे जब राजकुमारी को लेबर रूम ले जाया गया तो उसके बाद डॉक्टर्स ने बच्ची को लेकर परिजनों को कुछ नहीं कहा। करीब 11 घंटे बाद दिन को करीब 1 बजकर 40 मिनट पर बच्ची के पिता को कहा कि उनकी बच्ची की मौत हो चुकी है और वह आ कर शव ले जाएं। बच्ची के पिता ने बताया कि डॉक्टरों ने बच्ची को मृत घोषित कर ट्रे में रख दिया। 11 घंटे बाद जब डॉक्टरों ने डेड बॉडी को ले जाने के लिए बैग लेकर बुलाया तो बच्ची रोने लग गई।
शिमला मिर्च की सब्जी बनाने वाला था कपल, काटा तो अंदर से निकला जिंदा मेंढक और...