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पाकिस्तानी जेलों से छूटकर आए मछुआरे बोले- हम कुछ और नहीं जानते, फिर से मछली ही पकड़ेंगे, वीडियो

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gujarat news in hindi, वेरावल। पाकिस्तान द्वारा भारत के 355 मछुआरों को छोड़ने के तीसरे चरण में करीब 100 मछुआरे गुरुवार दोपहर स्वदेश में दाखिल हुए। जैसे ही वह जेल से छूटकर घर लौटे, तो अपने ​परिजनों से मिलकर भावुक हो गए। कुछ के परिजनों ने सालों बाद उन्हें देखा तो कुछ की महीनों बाद सुरक्षित वापसी हो पाई। पाकिस्तान द्वारा इन मछुआरों को गुजरात से सटे समुद्र से पकड़ा गया था, वहां के सैनिक भारतीय मछुआरों को अपनी जलसीमा में देखे जाने पर कैद कर लेते हैं। दोनों देशों के बीच एक विशेष समझौते के तहत वहां की जेलों से इस बार छूटकर आए ज्यादातर मछुआरे ऐसे हैं, जिन्हें कोई और हुनर नहीं आता। अपनी जीविका चलाने के लिए वे मछली पकड़ना ही एकमात्र जरिया मानते हैं।

जेल से छूटकर आए मछुआरों ने कहा- मछली पकड़ना नहीं छोड़ेंगे

जेल से छूटकर आए मछुआरों ने कहा- मछली पकड़ना नहीं छोड़ेंगे

ऐसे कई मछुआरों ने कहा है कि हमें पाकिस्तान द्वारा कैद कर लिया गया, जेलों में ले जाया गया, वे बुरे दिन दोबारा नहीं देखना चाहते। लेकिन हमारे पास कोई दूसरे काम भी नहीं है, जिससे कि परिवार का खर्च चला सकें। ऐसे में हम आगे भी मछली ही पकड़ेंगे। हमारे पास वही हुनर है।' मछुआरों ने यह भी कहा कि पाकिस्तान द्वारा जैसे अब हमें छोड़ दिया गया, वैसे ही हमारी बोटें भी वापस मिलनी चाहिए।

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अब 55 और मछुआरों को रिहा करेगा पाकिस्तान

अब 55 और मछुआरों को रिहा करेगा पाकिस्तान

बता दें कि, पाकिस्तान जब भी समुद्र से भारतीय मछुआरों को पकड़ता है, तो उनकी नौकाएं व अन्य सामान जब्त कर लेता है। बाद में सालों बाद मछुआरों की वापसी तो होती है, लेकिन उनका सामान वापस नहीं किया जाता। वर्ष 2019 के इस महीने में अब तक पाकिस्तान 300 भारतीय मछुआरों को रिहा कर चुका है। अब आने वाले समय में 55 मछुआरों समेत 5 नागरिकों को रिहा किया जाएगा।

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'जेल में नहीं दिया जा रहा मरीज को इलाज'

'जेल में नहीं दिया जा रहा मरीज को इलाज'

छूटकर आए एक मछुआरे वजु बांभनिया ने बताया कि कोडिनार के एक धनसुख करशन चावड़ा नामक मछुआरे को चार महीने पहले वहां की जेल में पैरालिसिस अटैक हुआ था। उसकी स्थिति अभी भी गंभीर है। उसे वहां जल्द से जल्द इलाज की जरूरत है। उसे इलाज मिलना चाहिए। वहीं, एक अन्य यह जानकारी भी सामने आई कि पाकिस्तान की एड़ी संस्था द्वारा सबको पांच हजार रुपये और कपड़े भेंट किए गए। वजु ने यह भी दोहराया कि वह आगे भी मछली ही पकड़ेंगे।

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English summary
As "Goodwill Gesture", Pakistan Frees 100 Gujarati Fishermen
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