जहर खाए युवक को अस्पताल के बजाए ले गए मंदिर, वहां पानी पिलाकर घर लौटे, नहीं बचा सका कोई
Gujarat News, राजकोट। गुजरात के कुछ गांवों में लोगों की बीच अभी भी अंधविश्वास कायम है। यहां एक युवक विष की वजह से अचेत हो गया था। परिजन उसे अस्पताल ले जाने के बजाए एक मंदिर ले गए। मंदिर में पुजारी द्वारा युवक को मंत्रोच्चारित पानी पिलाया गया। जिसके बाद युवक को घर ले जाया गया। रात में उस युवक की तबियत बिगड़ती चली गई। फिर, परिजन उसे लेकर अस्पताल पहुंचे। मगर, इलाज मिलने से पहले ही युवक ने दम तोड़ दिया।
संवाददाता के अनुसार, घटना चोटिला के गुंदा गांव की है। यहां 25 वर्षीय जीवराज बचुभाई राठोड सोमवार की रात अपने खेतों की तरफ गया था। सुबह तक वापस नहीं लौटा। जिसके बाद परिजनों ने उसकी खोजबीन शुरू की। उसी दौरान वह खेतों के पास स्थित नदी के नजदीक अचेत पड़ा मिला। उसके मुंह से झाग निकल रहे थे और बदबू आ रही थी। परिजनों के पूछने पर भी उसने नहीं कुबूला कि जहरीली दवा पी ली है। हालांकि, परिजनों को संदेह हो गया। ऐसी स्थिति में उसे फौरन अस्पताल ले जाना जरूरी था। मगर, परिजन उसे अस्पताल ले जाने के बजाए, एक मंदिर ले गए और धार्मिक पानी पिलाकर घर लौट गए।
बीती रात उसकी तबियत बिगड़ी। फिर परिजनों ने उसे प्राइवेट अस्पताल भेजा मगर, वहां डॉक्टर ने हाथ खड़े कर दिए। जिसके बाद उसे सरकारी अस्पताल ले जाया गया। मगर, काफी समय बीत जाने के चलते वहां भी उसका उपचार नहीं हो सका। जिसकी वजह से युवक की जान चली गई। मृतक जीवराज के भाई दिनेश का कहना है कि अगर उसे समय पर अस्पताल ले जाया जाता तो उसकी जान बच जाती। मगर, मां-बाप उसे मंदिर ले गए थे।
मृतक के भाई ने यह भी कहा है कि जीवराज के खुदकुशी करने जैसा कोई कारण न था। उसने खाया क्या था, यह भी पता नहीं चल पाया है। अब घर में मातम छाया हुआ है। परिजन भी उसको अस्पताल नहीं ले जाने के लिए खुद को दोषी महसूस कर रहे हैं।
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