साहिल यादव आर्मी ऑफिसर : 'मुस्लिम लड़की से बेपनाह मोहब्बत व लव मैरिज' ने डाला मुश्किल में, देखें VIDEO
सीकर, 12 जनवरी। राजस्थान के झुंझुनूं जिला मुख्यालय से 57 किलोमीटर दूर स्थित गांव लाम्बी अहीर के साहिल यादव ने कमाल कर दिखाया है। साहिल यादव का इंडियन आर्मी में अफसर पद पर चयन हुआ है। उसकी सफलता पर उसके पूरे परिवार का सीकर की प्रिंस एनडीए अकेडमी में सम्मान किया गया।
NDA की तैयारी करने वालों के लिए प्रेरणादायक स्टोरी
सम्मान समारोह के बाद प्रिंस एजुकेशन हब के चेयरमैन डॉ. पीयूष सुंडा ने साहिल यादव व उसके परिजनों से बातचीत में सफलता की पूरी कहानी जानी, जो हर किसी के लिए प्रेरणादायक है। खासकर उन युवकों के लिए जिनका लक्ष्य एनडीए में जाने का है।
Sahil Yadav ने बयां की अपनी सक्सेस स्टोरी
साहिल यादव ने NDA के जरिए अफसर बनने की ठानने से लेकर तैयारी और राह में आई दिक्कतों के बारे में विस्तार से बताया। साथ ही SSB में इंटरव्यू और मुस्लिम युवती से हिंदू युवक के प्यार व शादी से जुड़े सवाल का रोचक किस्सा भी शेयर किया।
आर्मी अफसर का बेटा है साहिल
बता दें कि साहिल यादव भारतीय सेना में नायब सूबेदार पद पर सेवाएं दे रहे लाम्बी अहीर के कृष्ण यादव का बेटा है। बेटे की सफलता पर कृष्ण यादव ने कहा कि वे सिपाही के रूप में भर्ती हुए थे। अब तक नायक सूबेदार पद तक पहुंचे हैं जबकि बेटा सीधा ही अफसर बना है।
बेटे को करूंगा सैल्यूट-पिता
कृष्ण यादव कहते हैं कि बेटा रैंक में उनसे बड़ा है। इसलिए वे बेटे को भी सैल्यूट करेंगे। बेटे के जन्म से भी ज्यादा अब उसकी कामयाबी पर खुशी हो रही है। सम्मान समारोह में साहिल के दादा, दादी, मां, बहन व मामा समेत कई परिजनों ने शिरकत की। सभी ने बेटे की सफलता पर गर्व जताया।
बहन बोली-भाई मेरी प्रेरणा, मैं भी बनूंगी अफसर
11वीं की स्टूडेंट बहन पायल यादव ने कहा कि भाई साहिल उसका आदर्श है। वह भी भाई के नक्शे कदम पर चलकर आर्मी ज्वाइन करेगी। वहीं, नारनौल निवासी कृषि अधिकारी मामा बोले कि भांजे ने कमाल कर दिखाया। साहिल बचपन से ज़िद्दी था और जिद को इसने अफसर बनने के लिए जुनून बना लिया।
रास्ते में रुकने पड़ा तो ठानी अफसर बनने की
साहिल व उसकी मां ने बताया कि कृष्ण यादव की पोस्टिंग के चलते वे अहमदनगर में थे। वे भी उनके साथ कैंट एरिया में रहते थे। वहीं, से साहिल ने दसवीं तक की पढ़ाई की। एक दिन साहिल व उसकी मां कहीं जा रहे थे तो रास्ते में किसी अफसर के काफिले के चलते उन्हें आधे घंटे रुकना पड़ा। तब ही साहिल ने ठान लिया कि वह भी अफसर ही बनेगा।
11वीं व 12वीं प्रिंस एकेडमी सीकर से की
अहमदनगर रहते हुए साहिल ने आगे की पढ़ाई व एनडीए की तैयारी के लिए संस्थान तलाशनी शुरू की। तलाश मई 2018 में सीकर स्थित प्रिंस एनडीए एकेडमी कैम्पस आकर पूरी हुई। यहीं से साहिल ने 11वीं व 12वीं की पढ़ाई की। प्रिंसिपल कर्नल वीरसिंह राठौड़ व रिटायर्ड ब्रिगेडियर बीबी जानू की देखरेख में एनडीए, यूपीएससी लिखित परीक्षा और एसएसबी इंटरव्यू की तैयारी
अफसर के लिए बनाई पर्सनालिटी
साहिल यादव कहते हैं कि एनडीए के जरिए आर्मी अफसर बनने के लिए कंडिटेड की ओवरऑल पर्सनैलिटी का विशेष महत्व है। उन्होंने पहले दिन से ही अपनी पर्सनैलिटी पर फोकस रखा। हालांकि पहले प्रयास में सफल नहीं हो सका। इसी अफसलता को ताकत बनाया और अपनी कमियों को सुधारा। दूसरे प्रयास में सफल हो गया।
पांच दिन का इंटरव्यू पास किया
आर्मी अफसर बनना आसान बात नहीं। पहले टफ लिखित परीक्षा और फिर पांच दिन का इंटरव्यू। इंटरव्यू में कई तरह के टास्क दिए जाते हैं। पहले ही दिन से ही मेरी परफोमेंस शानदार थी। मेरा नंबर 9 था। तीसरे ही दिन सब बोलने भी लगे थे कि 9 नंबर के कंडिटेड का चयन तय है।
मुस्लिम लड़की से प्यार वाला किस्सा
पांच दिन के इंटरव्यू में चयनकर्ता साहिल की निर्णय क्षमता और मेंटल लेवल परखना चाहते थे। ऐसे में उन्होंने साहिल को एक परिस्थिति दी कि 'मान लो उसका भाई उससे बोलता है कि वह एक मुस्लिम लड़की से प्यार करता है और वो दोनों शादी करना चाहते हैं, मगर आपके माता-पिता नहीं मान रहे तो आप क्या करेंगे?' इस पर साहिल ने तार्किक ढंग से अपने भाई की उस लड़की शादी करवाने और फिर परिजनों को भी मना लेना का पक्ष रखा।
हाथ पर मौली बंधी देखकर पूछा मुस्लिम वाला सवाल
दरअसल, इंटरव्यू के लिए जाते वक्त साहिल यादव की मां ने उसके हाथ पर शगुन के तौर पर मौली बांधी थी, जिसे इंटरव्यू के वक्त अफसर ने देख लिया। अफसर जानना जानना चाहते थे कि हिंदू-मुस्लिम को लेकर साहिल की सोच कैसी है? इसलिए उसे हिंदू लड़का व मुस्लिम लड़की की प्रेम कहानी से जुड़ा सवाल पूछा गया। जवाब मिला कि एक फौजी ही नहीं बल्कि भारतीय होने के नाते साहिल के लिए सभी धर्म समान हैं।
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