भारत-पाक युद्ध : जब ग्रामीणों ने किया पाकिस्तानी फौज से मुकाबला, ट्रैक्टरों को बनाया 'टैंक'
Sri Ganganagar News, श्रीगंगानगर। पुलवामा हमले (Pulwama Attack 2019) के बाद भारत-पाक के बीच तनाव है। सरहद पर फौजियों की हलचल भी बढ़ गई है। राजस्थान से पाकिस्तान की 1070 किलोमीटर सीमा लगती है, जिसे रेडक्लिफ लाइन के नाम जाना जाता है। भारत-पाक विभाजन के समय खींची गई रेडक्लिफ लाइन के आसपास बाडमेर, जैसलमेर, बीकानेर और श्रीगंगानगर जिले में दर्जनों गांव स्थित हैं।
यहां के ग्रामीणों की देशभक्ति और पाक को उसके नापाक मंसूबों का मुंहतोड़ जवाब देने का जज्बा देखते ही बनता है। आजादी से लेकर अब तक कई बार ऐसा मौका आया जब बॉर्डर इलाके के ग्रामीणों ने अदम्य साहस दिखाया है। ऐसी ही एक कहानी राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले की श्रीकरणपुर उपखण्ड के गांव नग्गी (Naggi Village SriGanganagar) की है। दरअसल, भारत-पाक युद्ध 1971 के दौरान नग्गी के ग्रामीणों ने दो दिन तक पाकिस्तानी फौज का डटकर सामना किया और उसे भारत के गांवों में आगे बढ़ने से रोक दिया था।
यह कहानी है नग्गी गांव की
( Indo Pak War) 1971 में भारत पाकिस्तान के बीच चल रहा युद्ध 10 दिन पहले ही समाप्त हुआ था। भारतीय सेना सरहद से लौट आई थी। हालात लगभग सामान्य हो चुके थे, लेकिन पाक ने नापाक हरकत कर डाली और धोखे से भारतीय सेना पर हमला करने की साजिश रची। पाकिस्तान सेना भारत की सीमा में घुस आई। एक किलोमीटर तक के क्षेत्र में कब्जा जमा लिया। फिर आगे बढ़ना शुरू हुई।
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इधर, भारतीय सेना को जब इस बात का पता चला तो चार पैरा बटालियन रवाना की गई। बटालियन मौके पर पहुंच पाती तब तक नग्गी गांव के लोगों ने दुश्मन को आगे बढ़ने से रोकने की ठानी। पाकिस्तान सेना और उनके टैंकों को आगे बढ़ता देख नग्गी गांव के लोगों ने दिमाग से काम लिया। ग्रामीणों ने पूरे गांव के ट्रैक्टरों को एकत्रित किया और उनके साइलेंसर निकाल दिए। ताकि बिना साइलेंसर के ट्रैक्टरों के तेज आवाज आए।
नग्गी के ग्रामीणों की तरकीब काम कर गई। पूरे गांव में घूमते बिना साइलेंसर के ट्रैक्टरों की तेज आवाज सुन पाकिस्तान सेना को लगा कि भारतीय सेना अपने टैंकों के साथ पहुंच चुकी है। ऐसे में वे आगे बढ़ने से रुक गए और फिर दो दिन बाद पहुंची 4 पैरा बटालियन के जवानों ने मोर्चा संभाला और पाक सेना को खदेड़ दिया।
नग्गी गांव में बना है शहीद स्मारक (NagiWar Memorial)
यह
वाक्या
28
दिसम्बर
1971
का
है।
भारतीय
सैनिकों
ने
उस
हमले
में
पाकिस्तान
सेना
को
मुंहतोड़
जवाब
दिया।
हमले
में
भारत
के
25
अधिकारी
व
जवान
शहीद
हो
गए
थे।
भारत-पाक
युद्ध
में
शहादत
देने
वाले
वीरों
की
याद
में
शहीद
स्मारक
स्थल
भी
बनाया
हुआ
है,
जो
भारत-पाक
सीमा
से
महज
500
मीटर
की
दूरी
पर
है।