Swami Sumedhanand Sikar: सबसे गरीब सांसद लोकसभा चुनाव 2024 में लगा पाएंगे जीत की हैट्रिक?
Swami Sumedhanand Saraswati Net Worth: लोकसभा चुनाव 2024 में सीकर सीट से स्वामी सुमेधानंद सरस्वती को भाजपा ने फिर मैदान में उतारा है। 4 जून को मतगणना से पता लग जाएंगा कि देश के सबसे गरीब सांसद स्वामी सुमेधानंद सीकर एमपी बनने की हैट्रिक बना पाए या नहीं?
लोकसभा चुनाव 2024 में सीकर सीट पर 'बाबा' की राह आसान नहीं लग रही है। यहां पर कांग्रेस ने अभी उम्मीदवार नहीं उतारा है। खबर है कि कांग्रेस और सीपीआईएम गठबंधन करके 'बाबा' का खेल बिगाड़ सकते हैं।
कांग्रेस-सीपीआईएम का गठबंधन होने की स्थिति में सीकर से किसान नेता अमराराम को मैदान में उतारा जा सकता है। वहीं, कांग्रेस के सीताराम लांबा भी टिकट के प्रबल दावेदान माने जा रहे हैं।
राजनीति में कदम रखने के बाद नेता अक्सर अमीर हो जाते हैं। आलिशान बंगला, लग्जरी गाड़ी और रईसी नेताओं की पहचान बन जाती है, मगर इस मामले में राजस्थान के सांसद स्वामी सुमेधानंद सरस्वती की कहानी सबसे जुदा है।
वन इंडिया की 'जानिए अपना सांसद' सीरीज में आज हम बात कर रहे हैं राजस्थान के सीकर सांसद स्वामी सुमेधानंद सरस्वती की, जो देश में सबसे गरीब सांसद हैं। लोकसभा चुनाव 2019 में सीकर की जनता ने 'गरीब नेता' की झोली वोटों से भरी दी और इन्हें दूसरी बार संसद पहुंचा दिया।
सीकर सांसद की कुल सम्पति 34 हजार 311 रुपए
चुनाव सुधार की दिशा में काम करने वाली संस्था एसोसिएशन ऑफ डिमॉक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) ने मार्च 2019 को देशभर के सांसदों की सम्पति को लेकर अपनी रिपोर्ट जारी की थी, जिसके मुताबिक सीकर से भाजपा सांसद सुमेधानंद सरस्वती को भारत का सबसे गरीब सांसद घोषित किया गया। उस समय (poorest mp in india) सीकर एमपी की कुल सम्पति 34 हजार 311 रुपए थी। इस मामले में टीडीपी के सांसद जयदेव गल्ला 683 करोड़ की सम्पति के देश के सबसे अमीर सांसद घोषित किए। वनइंडिया से बातचीत में सीकर सांसद सुमेधानंद सरस्वती ने बताया कि पांच साल में उन्होंने एक भी रुपया नहीं कमाया। सरकार से जनता के लिए मिला पैसा जनता के ही विकास कार्यों में लगाया है।
हरियाणा में जन्मे, सीकर में जीता दिल
विकिपीडिया पर अपडेट जानकारी के मुताबिक स्वामी सुमेधानंद सरस्वती का जन्म 1 अक्टूबर 1951 को हरियाणा के रोहतक जिले के बालंद गांव के जाट परिवार में हुआ। बचपन से ही इनका आध्यात्मिक ग्रंथों की ओर रुझान रहा।
19 साल की आयु में घर छोड़ा। उसके बाद गुरुकुलों में संस्कृत व वैदिक शास्त्रों का अध्ययन किया। गुरुकुल आर्य नगर हिसार दयानंद मठ दीनानगर व हरिद्वार में शिक्षा प्राप्त की। आर्य समाज की संस्था सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा के कार्यकारी अध्यक्ष रहे। दस साल श्रीगंगानगर में कार्य किया। वर्ष 1980 से राजस्थान में कार्य कर रहे हैं। 1996 में पिपराली सीकर में वैदिक आश्रम के जरिए गौ संरक्षण व शिक्षा संस्कार अभियान शुरू कर रखा है। स्वामी सुमेधानंद सरस्वती भले ही हरियाणा में जन्मे हो, मगर जनता का दिल इन्होंने सीकर आकर जीता। यही वजह है कि लगातार दो बार SIKAR MP बनने में सफल हुए हैं।
लोकसभा चुनाव 2019 में महरिया को मात
सीकर को संत के रूप मिले सांसद स्वामी सुमेधानंद सरस्वती की साफ छवि और शीर्ष नेतृत्व का इन पर भरोसा कायम रहा है। यही वजह है कि लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा ने सीकर सीट से फिर इन पर दांव लगाया और इस बार इन्होंने पिछली बार से ज्यादा अंतर से जीत दर्ज की। लोकसभा चुनाव 2019 में Sumedhanand Saraswati ने 772104 व कांग्रेस प्रत्याशी Subhash Maharia ने 474948 वोट हासिल किए। स्वामी सुमेधानंद 2 लाख 97 हजार 156 मतों से लगातार दूसरी बार सीकर के सांसद बने।
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