पिता ने बेटे को नर्मदा नहर में फेंका, पुलिस से बोल-'बेरोजगार हूं, बच्चों को खिलाने के लिए मेरे पास कुछ नहीं इस
जालोर, 20 अगस्त। राजस्थान के जालोर में दलित स्टूडेंट की मौत का मामला थमा नहीं कि यहां के सांचौर इलाके में एक अन्य दलित बच्चे की मौत की दिलदहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां बेरोजगारी के चलते पिता ने अपने मासूम बेटे को नर्मदा नहर में फेंक दिया। इससे बच्चे की मौत हो गई। सूचना पाकर सांचौर पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपी पिता को गिरफ्तार कर लिया।
आरोपी मुकेश मेघवाल ने दो साल पहले मुजफ्फरनगर निवासी उषा से लव मैरिज की थी। शादी के बाद उषा ने बेटे राजवीर को जन्म दिया था। बेटे को पिता द्वारा नहर में फेंकने की घटना को पुलिस मित्र कानाराम पुरोहित ने देख लिया और आरोपी को पकड़ लिया। घटना की तुरंत सूचना पुलिस को दी, जिसके बाद पुलिस ने 20 घंटे की मशक्कत के बाद शव को तैतरोल सरहद से केनाल से निकाला।
गिरफ्तारी के बाद पहले तो उसने पुलिस को गुमराह किया। सख्ती बरतने पर सच उगल लिया। उसने बताया कि वह बेरोजगार हूं। बच्चों को खिलाने के लिए मेरे पास कुछ नहीं है तो फिर मैंने यह कदम उठा लिया। घटना के बाद आरोपी के निशानदेही पर पुलिस ने बालक को नर्मदा मुख्य केनाल से शुक्रवार सुबह से ही तलाश करनी शुरू कर दी।
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मशक्कत के बाद शव करीब 20 किलोमीटर दूर तैतरोल सरहद में बरामद हुआ। पुलिस ने शव को बाहर निकलवा कर सांचौर स्थित राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की मोर्चरी में रखवाया। उसका पोस्टमार्टम हुआ। आरोपी मुकेश मेघवाल गुजरात के नरोदर का रहने वाला है, जो सांचौर में रोजगार की तलाश में पत्नी उषा के साथ आया था।
सांचौर आने के बाद रात करीब साढ़े आठ बजे पत्नी को सांचौर में ही रुकने को बोला। बेटे राजवीर को अपने माता-पिता के पास छोड़कर आने की कहकर अपने साथ ले गया। दोनों ने लव मैरिज कर रखी तो संभावित विवाद का हवाला देकर पत्नी को वहीं छोड़ दिया। इसके बाद आरोपी मासूम को लेकर सिद्धेश्वर के नर्मदा मुख्य केनाल के पास पहुंचा और मासूम को नहर में फेंक दिया।